Gulshan Devaiah: फ़िल्म इंडस्ट्री में रोज़ लाखों लोग एक्टर बनने का सपना लेकर आते हैं, लेकिन सच वही कर पाते हैं, जो एक्टर बनने से पहले के संघर्ष को पार कर पाते हैं. कहते हैं न कि हार कर जीतने वाले को बाज़ीगर कहते हैं, ये लाइन फ़िल्मों में सबसे ज़्यादा लागू होती है क्योंकि हार का सामना करने के बाद ही यहां सफलता मिलती है. आज हम ऐसे ही एक एक्टर की बात करने जा रहे है, जो एक्टिंग के मामले में किसी से कम नहीं हैं, वो एक्टर हैं हाल ही में आई Zee5 की वेब सीरीज़ दुरंगा के एक्टर गुलशन देवैया, जिसमें टीवी एक्ट्रेस दृष्टि धामी भी हैं.
Gulshan Devaiah
गुलशन देवैया का जन्म 1978 में बेंगलुरु में हुआ था. इन्होंने अपनी स्कूलिंग कॉन्वेंट स्कूल और सेंट जोसेफ़ इंडियन हाईस्कूल से की थी. इसके बाद, NIFT से फ़ैशन डिज़ाइनिंग की डिग्री ली और फिर मुंबई आ गए.
गुलशन के करियर की शुरुआत 2010 में आई अनुराग कश्यप की शॉर्ट फ़िल्म ‘That Girl in Yellow Boots’ से हुई थी. फिर उन्होंने ‘दम मारो दम’, ‘शैतान’, ‘गोलियों की रासलीला राम-लीला’, ‘हेट-स्टोरी’, ‘हंटर’, ‘ए डेथ इन गंज’, ‘मर्द को दर्द नहीं होता’, जैसी कई फ़िल्मों में शानदार अभिनय किया.
गुलशन ने अपने इंटरव्यू के दौरान कहा था कि
उन्होंने अपने करियर में बहुत से उतार-चढ़ाव देखे हैं और इन संघर्षों को पार करते हुए उन्होंने अपना कुछ तो नाम अपने दम पर बना लिया है. उनकी कई फ़िल्में भी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट हुई हैं. गुलशन को फ़िल्म मर्द को दर्द नहीं होता के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का अवॉर्ड भी मिल चुका है.
इसी फ़िल्म को लेकर गुलशन ने एक क़िस्सा बताया था कि,
वो अपनी पत्नी के साथ कश्मीर ट्रिप पर गए थे, जहां उनका एक्सीडेंट हो गया और उनका घुटना बुरी तरह से टूट गया, फिर भी उन्होंने ‘स्मोक’ की शूटिंग पूरी की, जिसकी वजह से उनके घुटने के सारे लिगामेंट्स (Ligament) पूरी तरह से टूट चुके थे और उनके पैर के मसल्स भी सिकुड़ने लगे थे इसलिए सर्जरी करना ज़रूरी हो गया था. सर्जरी के बाद डॉक्टर ने एक साल तक कोई फ़िल्म नहीं करने की सलाह दी थी.
आगे बताया,
तभी सर्जरी के दो महीने बाद मुझको पास ‘मर्द को दर्द नहीं होता’ का ऑफ़र मिला. इसके डारेक्टर वसन बाला मुझसे ख़ुद मिलने पहुंचे और इस फ़िल्म को करने को कहा. सर्जरी की वजह से मैंने कई फ़िल्में छोड़ दी थीं, लेकिन इस फ़िल्म की कहानी को सुनने के बाद मुझे लगा कि इस फ़िल्म को छोड़ूंगा तो बहुत पछताऊंगा. फिर मैंने ये रोल कर लिया.
गुलशन के कुछ बेहतरीन रोल्स पर नज़र डालते हैं:
1. शैतान (Shaitan)
क्राइम थ्रिलर फ़िल्म शैतान में गुलशन ने करण चौधरी उर्फ़ के.सी. का किरदार निभाया था, जो लोगों को डराने में कामयाब रहा था.
2. गोलियों की रासलीला- राम लीला (Goliyon Ki Raasleela Ram-Leela)
राम-लीला में भवानी का किरदार निभाया था. हालांकि, ये किरदार बहुत छोटा था, लेकिन अपनी छाप छोड़ने में सफल रहा.
3. हंटर (Hunterrr)
डबल मीनिंग और सेक्सिएट जोक्स वाली मूवीज़ हमारे देश में उतनी पसंद नहीं की जाती है, लेकिन गुलशान ने अपने ली़ड रोल वाली पहली फ़िल्म में उस कॉन्सेप्ट को एक्सेप्ट किया. इस किरदार का नाम मंदार पोंक्षे था.
4. अ डेथ इन द गंज (A Death In The Gunj)
पितृ सत्तामकता को दर्शाती इस फ़िल्म में नंदन बक्शी उर्फ़ नंदू का किरदार निभाया था, जो ग़लत करता तो नहीं लेकिन ग़लत को रोकता भी नहीं है.
5. मर्द को दर्द नहीं होता (Mard Ko Dard Nahi Hota)
मर्द को दर्द नहीं होता गुलशन के लिए टर्निंग पॉइंट थी जिसके लिए इन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का अवॉर्ड मिला था. इसमें इन्होंने डबल रोल निभाया था.
6. Ghost Stories
Netflix पर आई इस वेब सीरीज़ में गुलशन ने एक ऐसे पिता का किरदार निभाया था, जो अपनी बेटी को बचाने के लिए राक्षस तक बन जाता है.
7. Unpaused
Unpaused एक एंथोलॉजी फ़िल्म है, जिसे राज और डीके, नित्या मेहरा, निखिल आडवाणी, तनिष्ठा चटर्जी और अविनाश अरुण द्वारा निर्देशित किया गया था. इसकी कहानी COVID-19 महामारी से प्रभावित लोगों के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है. इसमें गुलशन ने अहान अवस्थी का किरदार निभाया था.
8. दुरंगा (Duranga)
19 अगस्त को Zee 5 पर आई वेब सीरीज़ दुरंगा में गुलशन ने समित पटेल उर्फ़ अभिषेक बन्ने का किरदार निभाया है, इसमें इनके साथ टीवी एक्ट्रेस दृष्टि धामी भी हैं. ये कोरियन ड्रामा ‘Flower of Evil’ का हिंदी रीमेक है.
गुलशन भले ग्रे शेड रोल्स और विलेन के किरदार निभाते हैं, लेकिन असल ज़िंदगी में वो बहुत ही नाज़ुक दिल हैं और हमेशा अपने दिल की सुनते हैं.