The Burning Train Actress Tragic Career: 70 और 80 के दशक कई बॉलीवुड एक्ट्रेस का बोलबाला था. इनमें एक एक्ट्रेस ऐसी थी जिसकी काली आंखें और अदाओं पर फ़ैंस मरते थे. इनकी तुलना उस दौर के बड़ी एक्ट्रेस से भी हुई.
ये जन्मीं तो मुस्लिम परिवार में थीं, लेकिन फ़िल्मों में काम करने के लिए अपना नाम बदल लिया. इनका सौतेला भाई आज इंडस्ट्री में बहुत बड़ा एक्टर है, लेकिन इनका फ़िल्मी करियर कुछ ख़ास नहीं रहा.
इस एक्ट्रेस में धमाकेदार एंट्री तो की थी बॉलीवुड में, लेकिन एक ग़लती की वजह से इनका करियर शुरू होते ही ख़त्म हो गया. उनकी इस ग़लती का ख़ामियाजा इन्हें फ़िल्मों से हाथ धोकर भुगतना पड़ा.
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बड़े स्टार्स के साथ किया काम
ये कोई और नहीं एक्ट्रेस आशा सचदेव (Asha Sachdev) हैं. आशा सचदेव ने अपने करियर की शुरुआत में नामी कलाकारों के साथ काम किया. इनकी कुछ यादगार फ़िल्में हैं ‘द बर्निंग ट्रेन’, ‘महबूबा’ और ‘एक ही रास्ता’. फ़िल्म ‘प्रियतमा’ के लिए आशा को 1978 में फ़िल्मफ़ेयर का बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवार्ड भी मिला था.
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अरशद वारसी की हैं बहन
आशा का जन्म मुंबई में रहने वाले एक मुस्लिम परिवार में हुआ था. उनका असली नाम नफीसा सुल्तान था, जिसे बदल दिया गया. आशा सचदेव मशहूर एक्टर अरशद वारसी (Arshad Warsi) की सौतेली बहन हैं. अपने करियर के पीक पर आशा ने एक ऐसी ग़लती कर दी, जिसने उनके करियर को ही ख़त्म कर डाला.
कर डाली इतनी बड़ी ग़लती
दरअसल, आशा ने एक बी ग्रेड फ़िल्म ‘बिंदिया और बंदूक’ में लीड रोल कर लिया था. फ़िल्म नहीं चली और बी ग्रेड फ़िल्म में काम करने का असर उनके करियर पर भारी पड़ा. इसी वजह से बड़े-बड़े एक्टर्स और डायरेक्टर्स उनके साथ मूवी करने से कतराने लगे. इसलिए उन्होंने फ़िल्म इंडस्ट्री से ब्रेक ले लिया.
इसके बाद उन्होंने छोटे पर्दे का रुख किया. मगर यहां भी उनके पांव नहीं जमे. बाद में उन्होंने एक्टिंग करना ही छोड़ दिया. आशा 67 की हैं और इन्होंने शादी भी नहीं की है. अब वो गुमनामी में ही जी रही हैं.