नलिनी जयवंत 50 के दशक की मशहूर अदाकारा थीं. उन्हें उस दौर की ‘ग्लैमर गर्ल’ के रूप में भी जाना जाता है. 14 साल की उम्र में ही उन्होंने अपने घरवालों के ख़िलाफ जाकर फ़िल्मों में काम करना शुरू किया था. 1940 में फ़िल्म ‘बहन’ में उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया था. इसके बाद नलिनी ने कई फ़िल्मों में काम किया.
नलिनी जयवंत पहली सुपरहिट फ़िल्म थी ‘अनोखा प्यार’. 1945 में आई इस फ़िल्म में दिलीप कुमार और नरगिस जैसे कलाकार भी उनके साथ थे. इसके बाद नलिनी जयवंत का सिक्का बॉलीवुड में जम गया और उन्हें फ़िल्मों में कास्ट करने के लिए प्रोड्यूसर्स की लाइन लग गई.
नलिनी जयवंत रिश्ते में काजोल की नानी लगती थीं. वो काजोल की नानी शोभना समर्थ की कजिन सिस्टर थीं. उन्होंने अपने करियर में कई सुपहिट फ़िल्मों में काम किया था. इनमें ‘काफ़िला’, ‘नास्तिक’, ‘काला पानी’, ‘जलपरी’, ‘लकीरें’, ‘मिस्टर एक्स’ और ‘तूफ़ान में प्यार कहां’ जैसी फ़िल्मों के नाम शामिल हैं.
उनकी जोड़ी पर्दे पर बॉलीवुड के दादा मुनी उर्फ़ अशोक कुमार के साथ जमती थी. दोनों स्टार्स ने एक साथ कई सुपरहिट फ़िल्में दी थी. शायद यही वजह है कि अशोक कुमार और नलिनी एक-दूसरे को दिल दे बैठे थे.
अशोक कुमार और नलिनी की पहली फ़िल्म थी ‘समाधी’. 1953 में आई इस फ़िल्म की कहानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर आधारित थी. इसमें नलिनी ने एक जासूस का रोल निभाया था और अशोक कुमार वो शख़्स थे जिसकी उन्हें जासूसी करनी थी.
इस फ़िल्म के बाद ही दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे थे. फ़िल्म रिलीज़ हुई और दोनों की जोड़ी को दर्शकों ने भी पसंद किया था. दूसरी फ़िल्म ‘संग्राम’ के साथ ही दोनों एक-दूसरे के प्यार में गिरफ़्त हो चुके थे. कहते हैं कि दोनों का ये रिश्ता क़रीब 10 सालों तक चला था.
मगर नलिनी को कभी इस रिश्ते में वो ख़ुशी हासिल नहीं हुई जो वो चाहती थीं. इसलिए उनका ये रिश्ता किसी अंजाम तक नहीं पहुंच सका. 60 का दशक आते-आते नलिनी ने फ़िल्मों में काम करना बंद कर दिया. हालांकि 1983 में उन्होंने कमबैक किया. फ़िल्म का नाम था ‘नास्तिक’. इसमें उन्होंने अमिताभ बच्चन की मां का रोल निभाया था.
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