Real Gang Rape Story Behind ‘Ajmer 92’ Film: फ़िल्म ‘अजमेर 92’ का ट्रेलर रिलीज़ हो चुका है. उमेश कुमार तिवारी द्वारा बनाई गई इस फ़िल्म में उन 250 लड़कियों की हत्या की कहानी दिखाई गई है. ये सच्ची घटना पर आधारित बताई जा रही है. 1987 चल रहे ये संगीन अपराध मीडिया के सामने तब आया, जब एक रिपोर्टर ने उसे कवर किया. असली कहानी पर आधारित इस फ़िल्म पर कई सवाल और विवाद उठ रहे हैं. चलिए इस आर्टिकल के माध्यम से बताते हैं आपको इस फ़िल्म की असली कहानी बताते हैं. (Ajmer 92 Trailer)
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आइए बताते हैं आपको फ़िल्म ‘अजमेर 92’ के पीछे हुई संगीन अपराध की रियल कहानी (Real Gang Rape Story Behind ‘Ajmer 92’ Film)-
फ़िल्म ‘द केरल स्टोरी’ के रिलीज़ के बाद एक और मिलती-जुलती फ़िल्म रिलीज़ होने वाली हैं. जहां 250 से ज़्यादा लड़कियों को ब्लैकमेल और रेप किया जा रहा था. शर्म और समाज की रूढ़िवादी सोच के कारण वही लड़कियां आत्महत्या करने लगी थीं. देखिए ट्रेलर-
Ajmer 92 Trailer
Ajmer 92 Real Story In Hindi
अजमेर (राजस्थान) अपनी ख़ूबसूरती के चलते पूरे विश्व में विख्यात है. पहाड़ों के बीच घिरा, जहां दरगाह शरीफ़ में बड़े से बड़े फ़ेमस लोग अपनी मुराद लेकर जाते हैं. उसी जगह के कुछ लोगों ने इस अपराध को अंजाम दिया था. फ़िल्म के ट्रेलर में दिखाया गया है कि ये सब कुछ 1987 से चलता आ रहा था. लेकिन 1992 में हिंदी न्यूज़पेपर ‘दैनिक नवज्योति’ ने इसका खुलासा करने का तय किया. जिसके बाद बड़े-बड़े राजनेता और दरगाह शरीफ़ के मुख्य मेंबर इस अपराध के चपेटे में आ गए.
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सेक्स स्कैंडल में दरगाह शरीफ़ का प्रशासन संभालने वाले ख़ादिम परिवार के सदस्य फ़ारुक़ और नफ़ीस चिश्ती यंग पुरुषों के समूह का नेतृत्व करते थे. कुछ रिपोर्ट्स ये भी बताती हैं कि इस ग्रुप को शह देने में राजनेता भी शामिल थे. इस स्कैंडल में लड़कियों को फ़ार्महाउस में ले जाकर गैंग रेप और ब्लैकमेलिंग शामिल था.
वो दौर था, जब 11 से 20 साल की लड़कियों का घर से निकलना मुश्किल हो गया था. अजमेर जो छोटा सा शहर है, जहां लोग अपनी रोज़-मर्रा की ज़िंदगी बसर कर रहे थे, उन्होंने अपनी बेटियों पर घर से बाहर जाने पर पाबंदी लगा दी थी.
रिपोर्ट्स ये भी बताती हैं कि वहां के स्थानीय लोगों को एक साल पहले से इस चल रहे अपराध के बारे में पता था, लेकिन किसी ने भी इसपर कोई कानूनी कार्यवाई नहीं की. अजमेर का पॉपुलर सोफ़िया सीनियर सेकेंडरी स्कूल एक ऑल गर्ल्स स्कूल है. जहां से फ़ारुक़ ने एक लड़की से दोस्ती की और उसकी अश्लील तस्वीर लेकर उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया.
दरगाह शरीफ़ के नेतृत्व में युवकों द्वारा फ़ार्महाउस में लड़कियों का रेप किया जाता था और उनकी अश्लील तस्वीरें खींची जाती थीं. जिसके बाद अपराधी पीड़ितों को डराने और धमकाने के लिए उन तस्वीरों का इस्तेमाल करते थे. जिससे वो शिकायत दर्ज न करें. हालाकिं, अश्लील तस्वीरें लीक होने के बाद ये ख़बर फैल गई और पुलिस को इसपर कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
ये मामला तब सामने आया, जब अप्रैल 1992 में एक स्थानीय पत्रकार संतोष गुप्ता ने इस पर रिपोर्ट की. सितंबर 1992 में, लगभग 18 अपराधियों पर अदालत में आरोप लगाए गए. पहले 8 लोगों को कथित तौर पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जिसके बाद उनमें से 4 को 2001 में राजस्थान उच्च न्यायालय ने बरी कर दिया था. 2007 में, अजमेर की अदालत ने फारूक चिश्ती को दोषी ठहराया, लेकिन 2013 में हाई कोर्ट ने फारूक को रिहा कर दिया. इस केस आज भी एक्टिव है.
फ़िल्म ‘अजमेर 92’ थिएटर में 21 जुलाई 2023 को रिलीज़ होने जा रही हैं. जिसमें राजेश शर्मा, मनोज जोशी, करण वर्मा, शालिनी कपूर और अन्य कलाकार अहम भूमिका निभा रहे हैं.