Nawazuddin Siddiqui Birthday: नवाजुद्दीन सिद्दीकी कड़े संघर्ष के बाद बॉलीवुड में इस मुक़ाम तक पहुंंचे हैं. संघर्ष के दिनों में नवाज़ ने कई शॉर्ट फ़िल्मों में काम किया था, जिनमें से कुछ ‘Cannes’ जैसे फ़ेस्टिवल का भी हिस्सा रहीं. क़िरदार चाहें कॉमिक हो या फिर हार्डकोर अपराधी का, नवाज़ हर रोल को बेहतरीन तरीके से निभाते रहे हैं. आज एक्टर के जन्मदिन के मौके पर हम उनकी 10 बेस्ट शॉर्ट मूवीज़ के बारे में आपको बताने जा रहे हैं. (Best Short Films Of Nawazuddin Siddiqui)
Best Short Films Of Nawazuddin Siddiqui
1. बायपास (Bypass) – 2003
नवाज़ुद्दीन के साथ इरफ़ान ख़ान भी इस शॉर्ट फ़िल्म में थे. इरफ़ान जहां एक पुलिसवाले बने थे. वहीं, नवाज़ क्रिमिनल. हालांकि, दोनों में कोई ख़ास अंतर नहीं था. क्योंकि, जो भी Bypass से गुज़रता था, वो इनका शिकार बनता था. फ़िल्म की सबसे दिलचस्प बात थी कि इसमें कोई भी डायलॉग नहीं था. फिर भी क़िरदारों के एक्स्प्रेशन और कहानी आपको हिला कर रख देती है. (Nawazuddin Siddiqui Best Roles)
2. रिसाइकिल माइंड (Recycle Mind) – 2007
शंभू एक स्क्रैप डीलर है, जो पैसा बनाने के लिए अपना व्यवसाय बदलता रहता है. लोग उसकी पत्नी और उसका मज़ाक उड़ाते हैं, फिर भी वह पैसे कमाने के अलग-अलग तरीके खोजने के सपने देखता रहता है. अचानक उसे महसूस होता है कि डेंटिस्ट बनना पैसे कमाने का एक आसान तरीका है. फिर वो इसी कोशिश में लग जाता है. बाकी आगे क्या होता है, ये आप ख़ुद देखिएगा. क्योंकि, कहानी बेहद दिलचस्प है.
3. पतंग (Patang: The Kite) – 2011
भारत में पतंग एक उत्सव है और अहमदाबाद सही मायने में इसका केंद्र. फ़िल्म भी इससे जुड़ कर अपनी कहानी बयां करती है. जैसा जमघट आसमान में पतंंगों का होता है, वैसा ही अहमदाबाद की सड़कों पर लोगों का. घर, व्यवसाय, मंदिर और सड़कें, सभी की भीड़ नज़र आती है. इसी में एक परिवार की अपनी कहानी और परेशानियां भी उड़ती हैं, कटती हैं और फिर से पार हो जाती हैं.
4. सॉल्ट एन पेप्पर (Salt N Pepper) – 2011
ये फ़िल्म अलग-अलग सामाजिक हैसियत के लोगों की सोच को छानती है. नवाज़ और तेजस्विनी कोल्हापुरे ने इस फिल्म में काम किया है. कहानी में एक लड़की ख़ुद को मारने की कोशिश करती है, जिसका दिल टूटा हुआ है. अचानक उसे रसोई से एक आवाज़ सुनाई पड़ती. उसे लगता है कि घर में कोई घुस गया है. मालूम पड़ता है कि चोर बस एक भूखा किसान जो खाने के लिए कुछ ढूंढ रहा है. जैसे ही वे बात करना शुरू करते हैं, जीवन की एक अलग ही सच्चाई से लड़की का सामना होता है.
5. देख इंडियन सर्कस (Dekh Indian Circus) – 2011
काजरो (तनिष्ठा चटर्जी) और जेठू (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) अपने बच्चों घूमरू और पन्नी के लिए बड़े सपने देखते हैं, मगर उनके पास साधन नहीं होते. कहानी परिवार में होने वाली अनबन और ग्रामीण भारत की आकांक्षाओं के इर्द-गिर्द घूमती है. इस बीच गांव के पास एक सर्कस लगता है, जिसे दिखाने के लिए कजरो अपने बच्चों को लेकर जाती है. क्या जेठू और काजरो को अपने बच्चों के एक छोटे से सपने को सच होते देख पाएंगे या वे खुद ज़िंदगी के सर्कस की कठपुतली बन जाएंगे?
6. मिस लवली (Miss Lovely) – 2012
कहानी बॉम्बे की सी ग्रेड फिल्म इंडस्ट्री के भीतर दाखिल होती है. मोटे तौर पर ये ऐसे दो भाइयों की कहानी है, जो सी ग्रेड फ़िल्में बनाते हैं और कैसे उनके संबंंध आपस में एक लड़की की वजह से बिगड़ने शुरू होते हैं.
7. ओपी स्टॉप स्मेलिंग योर सॉक्स (OP Stop Smelling Your Socks) – 2010
ये सबसे बेहतरीन शॉर्ट फ़िल्म है. नवाज़ एक प्रोडेक्शन बॉय बने हैं, जो एक सफ़र के दौरान कार की विंडो सीट पर बैठना चाहता है. मगर ऐसा होता नहीं है. फिर सफ़र के दौरान वो नींद में जाता है और तरह-तरह के सपने देखता रहता है. ऐसे सपने जिसमें वो कभी हीरो तो कभी ज़ीरो साबित होता है. बेहद दिलचस्प कॉन्सेप्ट है और उतनी ही उम्दा एक्टिंग.
आपको नवाज़ की सबसे बेहतरीन शॉर्ट फ़िल्म कौन सी लगती है?
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