चीन में काफ़ी पसंद की जा रही हैं भारतीय फ़िल्में, सबूत है समाजिक मुद्दों पर बनी ये 12 फ़िल्में

Akanksha Tiwari

बॉलीवुड में कई ऐसी फ़िल्में हैं जिन्होंने न सिर्फ़ बॉक्स ऑफ़िस पर धमाल मचाया, बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी अच्छा प्रदर्शन किया है. इनमें से कई देश हैं जहां बॉलीवुड की अपनी एक अलग फ़ैन फ़ॉलोइंग है. इन्हीं देशों में से एक चीन भी है, समाजिक मुद्दों पर बनी कई भारतीय फ़िल्मों को काफ़ी सराहना और प्रशंसा मिली. इन फ़िल्मों को चीन में इतनी Popularity मिलने की एक वजह भारत और चीन का सोशल फ़ैब्रिक लगभग एक जैसा होना भी है. ज़्यादा आबादी और उसके मुक़ाबले कम संसाधनों और अवसरों से जो भी समस्याएं उत्पन्न होती हैं, वो लगभग बराबर हैं.

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आइये जानते हैं उन भारतीय फ़िल्मों के बारे में जिन्होंने अपनी स्टोरीलाइन से चीन के लोगों के दिलों में ख़ास जगह बना ली:

1. ‘3 इडियट्स’

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‘3 इडियट्स’ के ज़रिये निर्देशक राजकुमार हिरानी ने वर्तमान शिक्षा प्रणाली की समस्या को हास्यापद तरीके से दिखाया हैं. फ़िल्म की कहानी 3 कॉलेज स्टूडेंट्स पर आधारित थी, जिनमें से दो ऐसे थे जो अपने माता-पिता के दबाव में आ कर इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन ले लेते हैं, लेकिन एग्ज़ाम में कुछ ख़ास कमाल नहीं कर पाते. आमिर ख़ान स्टारर ये फ़िल्म हम सभी को यही सीख़ देती है कि अपनी क़ाबिलियत पर भरोसा रखो, कामयाबी झक मार कर पीछे आयेगी.

2. ‘हिंदी मीडियम’

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साकेत चौधरी के निर्देशन में बनी इस फ़िल्म में अमीरी-ग़रीबी और अंग्रेज़ी न बोल पाने वालों के साथ समाज में होने वाले भेदभाव को दर्शाया गया है. फ़िल्म में इरफ़ान ख़ान ने एक ऐसे पिता का किरदार निभाया है, जिसके पास पैसों की कोई कमी नहीं है, बस हर जगह अंग्रेज़ी से मात खानी पड़ जाती है. अच्छे स्कूल में बेटी के एडिमशन कराने की चाह में उसे दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

3. ‘दंगल’

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फ़िल्म दंगल की कहानी पहलवान महावीर सिंह फ़ोगाट की बेटियों गीता और बबीता पर आधारित थी. एक दिन महावीर अपनी दोनों बेटियों की क्षमता को देखते हुए उन्हें पहलवानी सिखाने का निर्णय लेते हैं. इसके बाद दोनों बहनें भी समाज के सामने अपने पिता का सिर नहीं झुकने देती और पहलवानी में महारत हासिल कर चैंपियन बन कर ही दम लेती हैं. सिर्फ़ लड़कों में अपना भविष्य देखने वाले लोगों के लिये ये फ़िल्म बड़ा सबक थी.

4. ‘पैडमैन’

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ये कहानी है मध्य प्रदेश के महेश्वर में रहने वाले लक्ष्मीकांत चौहान (अक्षय कुमार) उसकी पत्नी गायत्री (राधिका आप्टे) की. शादी के कुछ समय बाद लक्ष्मीकांत को पता चलता है कि उसकी पत्नी पीरियड्स में गंदा कपड़ा इस्तेमाल करती है, जिसके बाद वो उसे सैनिटरी पैड यूज़ करने के लिये कहता है पर गायत्री को पैड पर पैसे ख़र्च करना फ़िज़ूल लगता है. अपनी पत्नी की इस समस्या को देखते हुए लक्ष्मीकांत सस्ते सेनिटरी पैड बनाने का निर्णय लेते हैं, जिसके बाद शुरू होती है उसके स्ट्रगल की कहानी.

5. ‘टॉयलेट- एक प्रेम कथा’

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फ़िल्म ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता के महत्व और खुले में शौच करने की परंपरा के ख़िलाफ़ लड़ाई को दर्शाती है. फ़िल्म के मुख़्य कलाकार अक्षय कुमार और भूमि पेडनेकर हैं. अक्षय ने एक सीधे-साधे ग्रामीण लड़के की भूमिका निभाई है, तो वहीं भूमि एक ऐसी आधुनिक महिला के रोल में थी, जो अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना जानती है.

6. ‘तारे ज़मीन पर’

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‘तारे ज़मीन पर’ में एक ऐसी बच्चे की कहानी दिखाई गई जिसे पढ़ाई से ज़्यादा कुत्ते, मछलियों और चमकती चीज़ों को देख कर काफ़ी आनंद आता है, लेकिन उसके मम्मी-पापा चाहते हैं कि वो पढ़ाई में रुचि ले, जिस कारण वो उसे बोर्डिंग स्कूल भेजने का निर्णय लेते हैं, जिसके बाद उस बच्चे के जीवन में कोई ख़ास बदलाव तो नहीं आता, पर हां उसे बहुत सी दिक्कतें ज़रुर झेलनी पड़ती हैं.

7. ‘सीक्रेट सुपरस्टार’

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फ़िल्म की कहानी 14 साल की मुस्लिम लड़की इनसिया (ज़ायरा वसीम) की है, जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए घर और समाज में जूझती नज़र आती है.

8. ‘बाहुबली’

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बाहुबली-2 4K हाई-डेफ़िनिशन में रिलीज़ होने वाली पहली तेलुगु फ़िल्म है. इसका पहला पार्ट दर्शकों के मन में एक सवाल छोड़ जाता है कि आखिर कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा? जिस सवाल का जवाब दर्शकों इसके दूसरे पार्ट में मिला. फ़िल्म ने विदेशों में ताबड़तोड़ कमाई की थी.

9. ‘पद्मावत’

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फ़िल्म की कहानी मलिक मोहम्मद जायसी की 1540 में लिखी ‘पद्मावत’ बेस्ड है, जो राजपूत महारानी रानी पद्मावती के शौर्य और वीरता की गाथा कहती है. फ़िल्म रिलीज़ से पहले भले ही इस पर काफ़ी विवाद हुआ हो, लेकिन सिनेमाघरों में प्रदर्शित होते ही रणवीर और दीपिका की जोड़ी ने लोगों का दिल जीत लिया.

10. ‘पीके’

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फ़िल्म पीके के ज़रिये राजकुमार हिरानी ने समाज में फ़ैले भ्रष्टाचार को उजागर किया है. फ़िल्म में आमिर ख़ान एक एलियन के किरदार में थे, तो वहीं अनुष्का शर्मा पत्रकार के.

11. ‘बजरंगी भाईजान’

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सलमान ख़ान और करीना कपूर स्टारर इस फ़िल्म की कहानी एक ऐसी गूंगी बच्ची के ईदगिद घूमती है, जो अपने मुल्क पाकिस्तान से जुदा हो भारत पहुंच जाती है. इसके बाद उसका सामना होता है बजरंगी भाईजान से, जो बिना वीज़ा-पासपोर्ट के मुन्नी को उसके मुल्क तक पहुंचाने की कोशिश करता है और कामयाब भी रहता है. फ़िल्म का अंत आपकी आंखें नम कर देता है.

12. ‘हिचकी’

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रानी मुख़र्जी की फ़िल्म हिचकी ने भी चीन में ख़ूब तारीफ़ें लूटी. फ़िल्म में रानी ने एक ऐसी लड़की का किरदार निभाया है, जो टॉरेट सिंड्रोम से पीड़ित है, जिस वजह से उसे बार-बार हिचकी आती है. इसके साथ ही वो टीचर बनने का सपना भी देखती है.

चीन के लोगों की मानें, तो बॉलीवुड फ़िल्में उनके जीवन को काफ़ी प्रभावित करती हैं. आमिर ख़ान की फ़िल्म दंगल से प्रभावित होकर कई लोगों ने अपनी फ़िटनेस पर ध्यान दिया, तो वहीं 3 इडियट्स ने कई छात्रों को एक नई राह दिखाई. इसके अलावा भारतीय फ़िल्मों में दिखाई जाने वाली सभ्यता, डांस और गाने भी लोगों के दिल छू लेते हैं.

वैसे इनमें से आपकी फ़ेवरेट फ़िल्म कौन सी है?

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