किसानों की समस्याओं को दिखाती हैं ये 8 बॉलीवुड फ़िल्में, मिले थे कई अवॉर्ड

J P Gupta

भारत एक कृषि प्रधान देश है, तो ज़ाहिर सी बात है कि किसान और उनसे जुड़ी समस्याओं पर फ़िल्में भी बनती आ रही हैं. बॉलीवुड में भी किसानों पर कई फ़िल्में बन चुकी हैं. चलिए एक नज़र उन फ़िल्मों पर डाल लेते हैं जिनमें किसानों से जुड़े मुद्दों को डायरेक्टर्स ने लोगों के सामने पेश करने की कोशिश की थी. 

1. दो बीघा ज़मीन  

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मशहूर फ़िल्म मेकर बिमल रॉय द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म में बलराज साहनी और निरूपा रॉय लीड रोल में थीं. इस मूवी में एक कर्ज़दार किसान से उसकी ज़मीन छीन ली जाती है और वो उसे पाने के लिए एक रिक्शा चालक बन जाता है. 

2. किसान

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2009 में आई इस फ़िल्म में किसानों की आत्महत्या के भयंकर सच को लोगों के सामने पेश किया गया था. पुनीत सीरा द्वारा निर्देशित इस मूवी में जैकी श्रॉफ़, अरबाज़ ख़ान, दिया मिर्ज़ा और सोहेल ख़ान मुख्य भूमिका में थे. 

3. मदर इंडिया 

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1957 में आई इस फ़िल्म को महबूब ख़ान ने डायरेक्ट किया था. इसमें ग़रीबी और भुखमरी से जूझती एक महिला किसान की कहानी है. इसमें नरगिस दत्त, राजकुमार, सुनील दत्त और राजेंद्र कुमार ने लीड रोल प्ले किया था. 

4. लगान 

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आमिर ख़ान की इस फ़िल्म में आज़ादी से पहले कैसे अंग्रेज़ किसानों से लगान वसूली के नाम पर उनका दमन करते थे ये दिखाया गया है. आशुतोष गोवारिकर कि इस फ़िल्म को ऑस्कर के लिए भेजा गया था. 

5. पीपली लाइव 

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आमिर ख़ान के प्रोडक्शन में ये मूवी बनी थी. इसमें ग़रीबी से जूझते किसानों पर देश की मीडिया की फूहड कवरेज पर व्यंयग किया गया था. इसे अनुषा रिज़वी ने डायरेक्ट किया था.

6. उपकार 

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मनोज कुमार ने इस फ़िल्म को बनाया था और उन्होंने इसमें लीड रोल भी किया था. इसमें जय जवान जय किसान के नारे झलक है. फ़िल्म में एक ऐसे किसान की कहानी है जो अपने भाई को उच्च शिक्षा दिलवाने के लिए सब कुछ क़ुर्बान कर देता है. 

7. कड़वी हवा 

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नीला माधब पांडा द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म में रणवीर शौरी, संजय मिश्रा, तिलोत्तमा शोम जैसे कलाकार थे. इसमें देश में पड़ने वाले सूखे से परेशान किसान की कहानी है. 

8. मंथन 

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गिरीश कर्नाड, स्मिता पाटिल, नसीरुद्दीन शाह और अमरीश पुरी जैसे कलाकारों से सजी इस फ़िल्म में भारत की श्वेत क्रांति को दिखाया गया है. कैसे किसानों ने पाई-पाई जोड़कर एक आंदोलन को क्रांति में तब्दील करते हैं. इसे 1977 में बेस्ट फ़िल्म का नेशनल अवार्ड मिला था.

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