Bollywood Movies: आम हिंदुस्तानी परिवार हो या कोई सेलिब्रिटी सबकी एक ही चिंता रहती है कि उनकी बेटी की अच्छे घर में शादी हो जाए. हर इंडियन ने इस बात को महसूस किया होगा. ख़ासकर महिलाओं ने जिन्होंने इस प्रेशर को सहा है. मगर सोसाइटी और फ़िल्मी दुनिया में भी कई बार ऐसा हुआ कि सिंगल रहने वाली महिलाओं ने लोगों को ग़लत साबित किया. उन्होंने अपने पैरों पर खड़े होकर समाज में अपनी एक अलग पहचान बनाई.
इसके ज़रिये ये संदेश दिया कि, उन्हें संपूर्ण महसूस करने या होने के लिए शादी की ज़रूरत नहीं है. वो अकेले भी ज़िंदगी को खुशी-ख़ुशी जी सकती हैं. चलिए आज आपको कुछ ऐसी ही बॉलीवुड मूवीज़ (Bollywood Movies) के बारे में बताते हैं जिनमें सशक्त महिलाओं को दिखाया गया और उनके लिए हैप्पी एंडिंग सिर्फ़ शादी करना नहीं था.
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1. पगलैट (Pagglait)
इस फ़िल्म में भी एक सशक्त महिला की कहानी थी जिसने बहुत से दर्शकों के दिल को छुआ. फ़िल्म की फ़ीमेल लीड की शादी के 5 महीने के बाद ही उसके पति का देहांत हो जाता है. उसे अंदर से शोक मनाने की फ़ीलिंग ही नहीं आती और बेपरवाह घूमती है. वो रोने या दूसरी शादी करने की जगह अपना ड्रीम जॉब करने के लिए आगे बढ़ती है.
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2. मसान (Masaan)
मसान में देवी नाम की लड़की स्टोरी भी है. वो अपने प्रेमी के साथ अंतरंग होते हुए पुलिस द्वारा पकड़ ली जाती है. उसका साथी मारे शर्म के आत्महत्या कर लेता है, लेकिन पुलिस इंस्पेक्टर उसका राज़ छिपाने के लिए उससे बड़ी भारी रिश्वत मांगता है. उसके और उसके पिता पर दुखों का पहाड़ टूट जाता है. इससे निकलने के बाद वो पढ़ाई करती है और अपने पैरों पर खड़ी होती है.
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3. हाईवे (Highway)
ये एक और फ़िल्म है जिसमें हैप्पी एंडिंग महिलाओं के लिए अपने लिए खड़े होने को लेकर है. महाबीर की मौत के बाद वीरा अपने परिवार के पास वापस जाती है और बचपन में जो आघात उसने सहा था वो अपनी फ़ैमिली से शेयर करती है. वो अपने मन की शांति पाने के बाद पहाड़ों पर रहने चली जाती है जहां रहने का उसका सपना था.
4. क्वीन (Queen)
इस मूवी में एक ऐसी महिला की कहानी थी जिससे शादी करने से उसका होने वाला पति मना कर देता है, वो भी शादी के कुछ समय पहले ही. मगर वो इस बात का अफ़सोस मनाने की जगह अकेले ही अपने हनीमून पर जाने की ठानती है, इसकी प्लानिंग उसने पहले से ही कर रखी थी. इसके ज़रिये वो खुद को तलाशने की कोशिश करती है. फ़िल्म की लीड रानी ये साबित करती है कि उसके लिए हैप्पी एंडिंग शादी करना नहीं बल्कि अपनी शर्तों पर जीवन जीना है.
5. डियर ज़िंदगी (Dear Zindagi)
इस मूवी में एक ऐसी लड़की की कहानी है जो अपनी अंतरात्मा से जुड़ती है और ख़ुद से प्यार करना सीखती है. ऐसा करना बहुत ज़रूरी होता क्योंकि तभी आप दूसरों से या फिर इस दुनिया से प्यार कर पाएंगे. कायरा इस फ़िल्म के अंत में अपने माता-पिता के साथ अपने रिलेशनशिप को भी सुधारती है और अपनी शॉर्ट फ़िल्म पूरी करने में लग जाती है.
6. गुंजन सक्सेना (Gunjan Saxena)
गुंजन सक्सेना की रियल लाइफ़ स्टोरी इसमें दिखाई गई थी. वो समाज से लड़कर और अपने पिता का साथ पाकर वायुसेना में पायलट बनती हैं. ये महिलाओं के साहस और आत्मविश्वास को अच्छे से दिखाती है. गुंजन की कहानी दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा है.
7. पीकू (Piku)
मेट्रो सिटी में कामकाजी महिला की इसमें कहानी थी. ये अपने पिता की देखभाल करने के लिए शादी न करने का फ़ैसला लेती है और जब भी शादी के प्रपोजल आते हैं तो वो उसे मना कर देती. वो जीवन में अपने लिए गए फ़ैसलों पर हमेशा कायम रहती है शादी के सामाजिक दबाव के बावजूद.
इन फ़िल्मों ने बहुत सी महिलाओं को प्रेरणा देने का काम किया था.