Cannes 2023 Indian Films : कांस इंटरनेशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल (Cannes Film Festival) ने 2023 में 76 साल पूरे कर लिए हैं. ये इंटरनेशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल हर साल आयोजित होने वाला इवेंट है, जो फ़्रांस के कांस में होता है. ये दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से फ़िल्में स्क्रीन की जाएंगी. इंटरनेशनल वर्ल्ड के कई सेलेब्स इस साल रेड कारपेट पर अपना जलवा दिखा रहे हैं. कांस 2023 16 मई से शुरू हो चुका है और 27 मई तक चलेगा.
पिछले साल, भारत ने इस फ़ेस्टिवल में बतौर ‘ऑफ़िशियल कंट्री ऑफ़ ऑनर’ के रूप में कार्य किया था. सालों से भारतीय सिनेमा का काफ़ी अच्छे से इस फ़ेस्टिवल में प्रतिनिधित्व किया गया है. अगर अतीत में झांकें, तो कई सेक्शन की भारतीय फ़िल्मों को चुना गया है और उनकी क्रिटिक्स द्वारा तारीफ़ की गई है. ये साल भी इससे अछूता नहीं है.
आइए आपको उन भारतीय फ़िल्मों के बारे में बता देते हैं, जिनकी इस फ़ेस्टिवल में स्क्रीनिंग की जाएगी.
1- आगरा
ये कांस फ़िल्म फ़ेस्टिवल के डायरेक्टर्स फोर्टनाइट सेक्शन के लिए चुनी जाने वाली एकमात्र भारतीय फिल्म है. इसे कनु बहल ने डायरेक्ट किया है. ये उनकी द्वारा डायरेक्ट की गई दूसरी मूवी है, जिसे कांस में प्रीमियर किया जाएगा. इससे पहले उनकी मूवी ‘तितली’ इस फ़ेस्टिवल में फ़ीचर हो चुकी है. आगरा एक व्यक्ति और उसके यौन सफ़र के इर्द-गिर्द घूमती है. इसमें प्रियंका बोस, रूहानी शर्मा और मोहित अग्रवाल लीड रोल में हैं.
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2- केनेडी
अनुराग कश्यप की फ़िल्म ‘केनेडी’ एक एक्स-पुलिस अफ़सर के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अनिंद्रा का शिकार है. उसे लंबे समय तक मृत माना जाता है, लेकिन वो ख़ुद को अपरिभाषित परिस्थितियों में पाता है और इससे निकलने का रास्ता तलाश रहा है. वो सीक्रेट तरीक़े से भ्रष्ट सिस्टम के लिए काम कर रहा है. मूवी में राहुल भट्ट, बेनेडिक्ट गैरेट और सनी लियोनी हैं. इस मूवी को फ़ेस्टिवल के मिडनाइट स्क्रीनिंग सेगमेंट के लिए रखा गया है, जो 16 मई से 27 मई के बीच में होगा.
3- इशनाउ
मणिपुरी फिल्ममेकर अरीबम स्याम शर्मा (Aribam Syam Sharma) की फिल्म ‘इशनाउ’, जिसे नेशनल अवॉर्ड भी मिला है, इस साल कान्स में इंडिया की तरफ से इकलौती रेड कार्पेट एंट्री है. ये फिल्म रेड कार्पेट स्क्रीनिंग्स की लिस्ट में शामिल है. ये मूवी 19 मई को प्रीमियर होगी.
4- नेहमिच
ये फ़िल्म एक लड़की के बारे में बताती है, जो उस दौरान अपने प्रेमी के साथ भागने की उम्मीद करती है, जब उसका गांव पीरियड्स के दौरान उसे एक झोपड़ी में भेज देता है. ये मूवी युधाजीत बसु ने बनाई है. ये स्टोरी कोविड-19 महामारी के बैकड्रॉप को ध्यान में रख कर बनाई गई है. इसमें भक्ति मकारंद अठावले, साक्षी दिघे और गधर्व गुलवेलकर हैं. इसे कांस के शॉर्ट फ़िल्म सेक्शन में प्रेज़ेंट किया गया जाएगा.