हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच जब भी कोई तनाव हुआ है, उसका सीधा असर अर्थव्यवस्था से ले कर रणनीतियों पड़ा है. दोनों देशों की ये भरसक कोशिश रहती है कि किसी भी स्तर पर वो अपने प्रतिद्वंदी को पटखनी दे सके. भारत में कभी पाकिस्तानी कलाकार बैन कर दिए जाते हैं, तो पाकिस्तान बॉलीवुड फ़िल्मों को बैन करने में लगा रहता है.
इसी तरह का एक बैन पाकिस्तान ने फरवरी में भी लगाया था, जिसकी वजह से ह्रितिक रोशन की फ़िल्म ‘काबिल’ पाकिस्तान में रिलीज़ नहीं हो पाई थी. बॉलीवुड फ़िल्मों के न रिलीज़ होने की वजह से पाकिस्तानी थिएटरों की कमाई डूबने लगी थी और सरकार को रेवन्यू नहीं मिल रहा था. शिकायत के बाद पाकिस्तानी सरकार ने इस बैन को हटा लिया, जिससे कि एक बार फिर पाकिस्तान में बॉलीवुड फ़िल्मों के लिए थिएटर खुलने लगे.
अभी पाकिस्तान में बॉलीवुड फ़िल्मों का रास्ता साफ़ हुआ ही था कि पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड बीच में दीवार बन कर आ गया. भारतीय सेंसर बोर्ड की तरह ही, पाकिस्तानी बोर्ड ऊल-जुलूल कारण दे कर फ़िल्मों पर कैंची चलाने लगा.
सेंसर बोर्ड की इसी कैंची की वजह से शाहरुख़ खान की फ़िल्म ‘रईस’ नहीं रिलीज़ हो पाई. इसके पीछे सेंसर बोर्ड ने वजह दी कि ‘इस फ़िल्म में मुस्लिमों को काफ़ी गरीब दिखाया है.’ शाहरुख़ खान की ‘रईस’ के बाद इस लिस्ट में आमिर खान की फ़िल्म ‘दंगल’ का भी नंबर आया, जिसके लिए सेंसर बोर्ड ने हिंदुस्तानी राष्टगान और तिरंगे पर कैंची चलाने का मन बनाया. उनका कहना है कि फ़िल्म में बजे राष्ट्रगान और तिरंगे को वो नहीं दिखेंगे.
पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष मोबशीर हसन का कहना है कि ‘ये फ़ैसला बोर्ड का है.’
हालांकि सेंसर बोर्ड के इस फ़ैसले को आमिर खान मानने को तैयार नहीं है और पाकिस्तान में ‘दंगल’ की रिलीज़ रोकने का मन बना चुके हैं.
आमिर खान के प्रवक्ता ने उनके हवाले से मीडिया को कहा कि ‘इस फ़िल्म में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिसमें किसी देश को नीचा दिखाने की कोशिश हो. उनकी राय बेवजह की है, जिसे नहीं माना जा सकता.’ प्रवक्ता का कहना है कि अगर ये फ़िल्म पाकिस्तान में रिलीज़ होती, तो ये करीब 10 से 12 करोड़ रुपये का कारोबार कर सकती थी.