Dimple Kapadia: फ़िल्म ‘बॉबी’ से अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत करने वाली एक्ट्रेस डिंपल कपाड़िया आज भी उतनी सक्सेसफ़ुल हैं जितनी तब थीं. इन्होंने पर्दे पर कई आइकॉनिक रोल निभाए हैं, जो यादगार बन चुके हैं. ‘राम-लखन’ और ‘रुदाली’ से लेकर ‘पठान’ और ‘सास बहू और फ़़्लेमिंगो’ तक डिंपल कपाड़िया ने हमेशा अपने किरदार के साथ एक्सपेरीमेंट किया है और वो इनमें सफल भी हुई हैं. इतने रिस्क लेने वाली डिंपल असल ज़िंदगी में उतनी आत्मविश्वासी नहीं हैं, जितनी वो दिखती हैं ऐसा उन्होंने ख़ुद कहा है.
डिंपल कपाड़िया (Dimple Kapadia) की माने तो, उनके विचार अक्सर संदेह और आत्मविश्वास की कमी से घिरे होते हैं. हालांकि, ये चौंंकाने वाली बात है कि उनका यही नेचर उनके करियर में हमेशा काम आया है. वो कहती हैं, “डर और आत्मविश्वास की कमी ने मेरे जीवन में इतनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है कि मैं आज एक अलग रास्ता चुन पाई और इसलिए शायद मैं यहां पहुंची हूं.”
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डिंपल कपाड़िया ने अपने काम पर वापस आने के पीछे का भी क़िस्सा बताया कि कैसे वो अपनी बेटियों की वजह से काम पर वापस आईं क्योंकि डिंपल काम पर वापस आने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थीं.
66 वर्षीय डिंपल कपाड़िया अब काम पर लौटने की कोई योजना नहीं बना रही थीं तभी उनकी दोनों बेटियों ट्विंकल और रिंकी खन्ना ने उन्हें दोबारा काम करने पर मजबूर किया.
वो बताती हैं कि,
अभी, मुझे नहीं लगता था कि मैं दोबारा काम करूंगी क्योंकि मुझे बस घर में रहना था, लेकिन मेरे बच्चों ने मुझे किक मारी और मेरे काम पर वापस आने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने कहा, मुझे वहां जाना चाहिए और काम करना चाहिए. उनके इस व्यवहार ने मेरी वाकई में बहुत मदद की है.
एक बार मैंने अपनी बड़ी बेटी ट्विंकल से कहा
मैं अब और काम नहीं करना चाहती. ये बहुत मुश्किल है और मेरी हेल्थ भी ठीक नहीं रहती. टेंशन है. सवाल थे कि अब मैं स्क्रीन पर ख़ुद को इस तरह क्यों देखूं? मुझे ऐसा करने की आवश्यकता क्यों है?” और ट्विंकल ने बस मेरी तरफ़ देखा और कहा, ‘तुम्हें पैसों की ज़रूरत है?’ मैंने कहा, ‘हां’ उसने कहा, ‘फिर अपनी वैनिटी घर पर रखो और काम पर जाओ’. ये थोड़ा अजीब था लेकिन मुझे इससे मदद मिली.
इन्होंने अपनी हालिया वेब सीरीज़ सास, बहू और फ़्लेमिंगो का भी मज़ेदार वाक्या बताया कि कैसे वो ख़ुद को इस वेब सीरीज़ से निकलवाना चाहती थीं, डिंपल कहती हैं,
“जब मुझे शो ऑफ़र हुआ था तो एक हिट और एक मिस थी. इसकी पेशकश की गई थी और फिर मुझे बताया गया कि कोई और इसे कर रहा है, लेकिन तमाम आशंकाओं के बावजूद मैं इसका हिस्सा बनने को लेकर बहुत उत्सुक थी. हालांकि, मेरे बोर्ड पर आने के बाद, शूटिंग शुरू होने से कम से कम तीन महीने पहले, मैं इससे बाहर निकलने की बहुत कोशिश कर रही थी. शूट से दो दिन पहले मैंने ये कोशिश की कि क्या मैं कुछ ऐसा कर सकती हूं कि मुझे ये सीरीज़ न करनी पड़ी. मैंने वक़ील को फ़ोन करके पता लगाने के लिए भी कहा. मैंने जो भी तरक़ीबें आज़माईं, मैं बुरी तरह विफल रही और मुझे ख़ुशी है कि मैं असफल रही.
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सास, बहू और फ़्लेमिंगो में अपने किरदार को लेकर डिंपल कहती हैं,
ये वेब सीरीज़ मेरे लिए चुनोती से कम नहीं थी. मैं अपने दिमाग़ में सभी बेवकूफ़ी भरी बातों में उलझी रहती थी. मैं 40 दिन तक एक दम चुप थी और फिर एक महीने के बाद निर्देशक होमी अदजानिया ने मुझे फ़ोन किया और कहा, ‘अरे डिंपल तुमने क्या किया है?’ और मेरे भाव बुरी तरह पस्त थे. उन्होंने सेट पर भी मुझे ऐसे ही डराया. मुझे लगता है कि उन्होंने जान-बूझकर ऐसा किया, ताकि मेरा किरदार सावित्री सामने आ सके.
आगे कहती हैं,
अब अगर कोई प्रोजेक्ट मैं ठुकराती हूं तो टीम मेरी छोटी बेटी रिंकी को फ़ोन करती है और फिर वो मुझे फ़ोन करती है और ये सिलसिला चलता रहता है. हालांकि, मैं बहुत ख़ुश हूं कि उन्होंने मुझे काम पर जाने के लिए फ़ोर्स किया.
डिपंल ने फ़िल्मों में हुए बदलाव के बारे में बात की, जब उनसे कहा गया कि फ़िल्म निर्माताओं द्वारा उन्हें एक अलग तरीक़े से देखा जा रहा है तभी उन्हें विभिन्न भूमिकाएं मिल रही हैं इस पर वो कहती हैं कि,
इस बात से मैं असहमत हूं और इसका श्रेय हाल के वर्षों में सिनेमा में हुए विकास और बदलाव को जाता है. कहानियां बदल गई हैं. हमारे पास एक विलेन, एक वैंप, एक हीरो, एक हीरोइन होने का एक सेट पैटर्न था. ये अनिवार्य था और हर फ़िल्म ऐसी ही होगी लेकिन फिर कहानियां विकसित होने लगीं. आज हम ऐसे समय में बैठे हैं जहां सब्जेक्ट सब कुछ है और उसी के आधार पर किरदार लिखे जाते हैं. इसलिए हम सभी भाग्यशाली हैं कि अच्छे रोल मिल रहे हैं. ये आज एक अलग तरह का सिनेमा है.
आपको बता दें, डिंपल ने ‘पठान’, ‘तू झूठी मैं मक्कार’ और वेब सीरीज़ ‘सास बहू और फ़्लेमिंगो’ में ज़बरदस्त अभिनय किया है. वो अपनी दूसरी पारी में मिल रहे काम और रोल दोनों से बहुत संतुष्ट और ख़ुश हैं.