इन आंखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं… इन आंखों से बाबस्ता अफ़साने हज़ारों हैं…
इस गाने को लिखा था निदा फ़ाज़ली साहब ने, लेकिन इसे सुन कर सिर्फ़ दो चेहरे दिमाग़ में आते हैं, एक रेखा. दूसरी आशा भोसले.
अगर आशा भोसले के जीवन, संगीत के साथ उनके रिश्ते को किसी गाने में पिरोना हुआ, वो तो गाना ये ही होगा. 1943 से हिंदी सिनेमा में एक्टिव हैं आशा भोसले और उन्हें देख कर इतना कहा जा सकता है कि हिंदी सिनेमा ने संगीत में जितने भी एक्सपेरिमेंट किये हैं, जितने भी पड़ाव पार किये हैं, वो इस आवाज़ के रूप में देखे जा सकते हैं.
आशा भोसले को पहले दिन से लेकर आज तक स्वर कोकिला और उनकी बड़ी बहन लता मंगेशकर से तोल कर देखा गया. जबकि दोनों की आवाज़ को आप एक तराज़ू में रख कर तोल नहीं सकते.
आशा भोसले ने Musical Palette के हर रंग में रंगा है. उन्होंने ग़ज़ल भी उतनी ही शिद्दत से गाई और कैबरे डांस के लिए गाते हुए भी वही Honesty दिखाई. उन्हें म्यूजिक के एक Genre से दूसरे में जाने में ज़्यादा टाइम नहीं लगता.
वो लगभग 20 भाषाओं में 11 हज़ार गाने गा चुकी हैं और ये Guinness रिकॉर्ड है.
आशा भोसले के इसी Jukebox से निकाल कर लाये हैं कुछ ज़बरदस्त गाने:
ऐसे ही गाती रहो आशा ताई!