Netflix पर हंसल मेहता (Hansal Mehta) की Web Series Scoop रिलीज़ हुई है. इस सीरीज़ की कहानी जिग्ना वोरा (Jigna Vora) की किताब Behind The Bars In Byculla: My Days in Prison पर बेस्ड है. अगर आप स्कूप का ट्रेलर देखेंगे तो इसकी शुरुआत में ही एक लड़की कहती सुनाई देगी, किसी ‘नाना’ का दुबई से फ़ोन आया है. अचानक एक दूसरा क़िरदार पूछता है, नाना मतलब छोटा राजन? (Gangster Chhota Rajan Story)
Gangster Chhota Rajan Story
ज़्यादातर लोगों ने छोटा राजन का नाम तो सुना होगा, मगर उन्हें शायद ही उसकी काहनी मालूम होगी. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कैसे एक टिकट ब्लैक करना वाला लड़का अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का साथी बना और फिर उसी से दुश्मनी मोल लेकर ख़ुद को ‘देशभक्त डॉन’ बुलाने लगा.
10 साल की उम्र करने लगा टिकट ब्लैक
छोटा राजन का असली नाम राजेंद्र सदाशिव निखलजे है. उसे प्यार से ‘नाना’ या ‘सेठ’ कहकर भी बुलाते हैं. उसका जन्म 1960 में मुंबई के चेम्बूर की तिलक नगर बस्ती में हुआ था. महज़ 10 साल की उम्र से वो मुंबई के सहकार सिनेमा घर के बाहर टिकट ब्लैक करने लगा था.
20 साल की उम्र में उसकी ज़िंदगी में बड़ा मोड़ आया. जब वो सिनेमा हॉल के बाहर ब्लैक में टिकटें बेच रहा था, तब पुलिस ने लाठीचार्ज किया. राजेंद्र ने गु़स्से में एक कॉन्सटेबल से लाठी छीनी और उसे ही पीटने लगा. इस घटना में कई पुलिसवाले घायल हुए. पुलिस ने राजेंद्र सदाशिव को गिरफ़्तार कर लिया. पांच फ़ुट तीन इंच के राजेंद्र की डेयरिंग देख बड़े-बड़े गैंगस्टर उससे ख़ुश हो गए. जेल से ज़मानत पर जैसे ही वो बाहर आया, उसे गैंगस्टर राजन नायर ने अपने गैंग का हिस्सा बना लिया. जुर्म की दुनिया में नायर को ‘बड़ा राजन’ के नाम से जाना जाता था. राजेंद्र जब नायर का दाहिना हाथ बना तो लोग उसे ‘छोटा राजन’ कहने लगे.
ये भी पढ़ें: ‘Scoop’ एक्ट्रेस करिश्मा तन्ना करोड़ों की नेट वर्थ और घर की मालकिन हैं, तस्वीरों में घर की सैर कर लो
जब दोस्त बने छोटा राजन और दाऊद
छोटा राजन की डेयरिंग का क़ायल दाऊद भी था. दरअसल, बड़ा राजन की हत्या के बाद छोटा राजन ने पूरे गैंग की कमान संभाल ली. बड़ा राजन की हत्या में अब्दुल कुंजू का नाम सामने आया था. कुंजू को छोटा राजन का ऐसा डर था कि वो उससे बचने के लिए ही 1983 में क्राइम ब्रांच में जाकर सरेंडर कर दिया. मगर छोटा राजन उसे ऐसा नहीं छोड़ना चाहता था.
25 अप्रैल 1984 को जब पुलिस कुंजू को इलाज के लिए अस्पताल ले गई. एक ‘मरीज’ हाथ में प्लास्टर बांधे बैठा था. कुंजू को देखते ही उसने फ़ायरिंग शुरू कर दी. कुंजू इस हमले में बच गया, लेकिन दाऊद इब्राहिम, छोटा राजन की इस डेयरिंग से काफ़ी प्रभावित हुआ. इस घटना के बाद दाऊद ने छोटा राजन को मिलने बुलाया. छोटा राजन को दाऊद की गैंग में जगह मिल गई. अगली बार वह कुंजू को मारने में भी सफल रहा. क्रिकेट के मैदान में घेरकर कुंजू पर गोलियां बरसाई गईं.
इसी दौरान अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से इसका संबंध बन गया. दोनों एक साथ मिलकर मुंबई में वसूली, हत्या, तस्करी और फ़िल्म फ़इनेंस का काम करने लगे. 1988 में वो दुबई चला गया. इसके बाद दाऊद और राजन मिलकर भारत ही नहीं पूरी दुनिया में उनकी तूती बोलने लगी. लेकिन इसी बीच कुछ ऐसा हुआ, जिसने उनको अलग कर दिया.
जब दोस्ती बदली दुश्मनी में
दाऊद और छोटा राजन पक्के साथी थे. मगर गैंग के एक अन्य सदस्य छोटा शकील को ये दोस्ती अखरती थी. उनसे छोटा राजन के ख़िलाफ़ दाऊद के कान भरना शुरू किया. उसने दाऊद की नज़रों में उठने के लिए वो काम उठाने शुरू किए, जिन्हें छोटा राजन करने में देरी लगा रहा था. छोटा शकील कामयाब भी रहा. धीरे-धीरे दाऊद और छोटा राजन के बीच दूरियां बढ़ने लगीं.
फिर 1993 में मुंबई बम ब्लास्ट ने राजन को दहला दिया. जब उसे पता चला कि इस कांड में दाऊद का हाथ है, तो वो उसका दुश्मन बन बैठा. उसने ख़ुद को दाऊद से अलग कर लिया. मुंबई ब्लास्ट के बाद दाऊद और राजन ने भारत छोड़ दिया. इस दौरान दोनों एक-दूसरे को मारने का प्लान बनाते रहे. दाऊद ने छोटा राजन पर कई बार जानलेवा हमला किया. बैंकॉक में भी उस पर हमला हुआ. मगर वो हर बार बच गया.
छोटा राजन ने दाऊद से अलग होकर ख़ुद को ‘देशभक्त हिंदू डॉन’ के रूप में प्रचारित करना शुरू किया. दाऊद और राजन गैंग के बीच हमले चलते रहे. मगर लंबे अरसे तक छोटा राजन का नाम सुर्खियों से बाहर रहा. लेकिन 2011 में उसने बड़ा कांड किया. जून महीने में सीनियर क्राइम रिपोर्टर ज्योतिर्मय डे की मंबई के पवई में गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस हत्या में छोटा राजन का नाम आया.
इसी हत्या को लेकर Scoop Web Series भी बनी है. इस केस में जिग्ना वोरा को जेल भेजा गया था. जिग्ना तब एशियन एज नाम के अखबार की डिप्टी ब्यूरो चीफ़ थीं. जिग्ना पर आरोप था कि उनकी ज्योतिर्मोय डे के साथ आपसी रंज़िश थी. इसकी वजह से उन्होंने छोटा राजन गैंग को कुछ जानकारियां मुहैया करवाईं.
इन आपराधिक वारदातों के बाद इंटरपोल ने छोटा राजन के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया. 2015 में छोटा राजन को इंडोनेशिया के बाली में गिरफ्तार कर लिया गया. हत्या, वसूली, ड्रग्स का धंधा, हथियार रखने, तस्करी समेत करीब 70 मामलों में आरोपी छोटा राजन को पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या का दोषी माना गया और आजीवन कैद की सजा सुनाई गई. तब से इस गैंगस्टर का पता दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल का बैरक है.
ये भी पढ़ें: मिलिए उन TV Stars से जो OTT पर मचा रहे हैं धमाल, बॉलीवुड एक्टर्स को दे रहे हैं टक्कर