इन 6 हिंदी फ़िल्मों में जिन भूतों को देखकर हुई थी हवा टाइट, वो असल में पौराणिक कथाओं की देन हैं

Vidushi

हॉरर मूवीज़ (Horror Movies) देखने के लिए बड़ा जिगरा चाहिए होता है और सबके पास इसे देखने के लिए इतनी हिम्मत नहीं होती है. कुछ लोग इसे अपने एंटरटेनमेंट के लिए देखते हैं तो कुछ लोग अपनी बोरिंग ज़िंदगी में थोड़ा थ्रिल और एडवेंचर का फ़ील लेने के लिए हॉरर मूवीज़ रात के अंधेरे में लगा कर बैठ जाते हैं. हालांकि, ये ऐसी चीज़ है, जिसकी सच होने की गुत्थी साइंस भी आज तक सुलझा नहीं पाया है. भारत में इसको लेकर लोगों की कई भ्रांतियां हैं. ये देश अपने कल्चर के अलावा भूत-प्रेत, पिशाच, राक्षस, चुड़ैल और डायन की कहानियों के लिए जाना जाता है. बाकी बची-कुची कसर बॉलीवुड की हॉरर (Bollywood Horror Movies) फ़िल्में पूरी कर देती हैं.

तो चलिए आज हम आपको बता देते हैं कि बॉलीवुड मूवीज़ में भारतीय पौराणिक कथाओं (Horror Movies Based On Indian Mythology) के अनुसार किस तरह के भूतों को दर्शाया गया है.

Horror Movies Based On Indian Mythology

1. ‘स्त्री’ फ़िल्म में ‘नले बा’

स्त्री‘ फ़िल्म में एक्टर राजकुमार राव (Rajkumar Rao) एक गांव में भूत के बारे में धारणा सुलझाने की खोज में निकलते हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि वो रात को अपने शिकार पर निकलती है. इस फ़िल्म का कॉन्सेप्ट ‘नले बा’ या ‘नाले बा’ पर आधारित है. ये एक फ़ीमेल की अलौकिक शक्ति है, जो देर रात सड़कों पर घूमती है और लोगों का दरवाज़ा खटखटाती है. ऐसा कहा जाता है कि जो भी दरवाज़ा खोलता है, उसकी मृत्यु निश्चित है. तो इस भटकती आत्मा से ख़ुद को बचाने के लिए, लोग अपने घर के मेन दरवाजे पर ‘नले बा’ लिख देते थे, जिसका मतलब होता है ‘कल आना’. इस मिथ के मुताबिक, वो अलौकिक शक्ति ‘नले बा’ लिखा देखकर उस दिन के लिए लोगों की जान बख्श देती थी. कुछ इसी से मिलती-जुलती कहानी फ़िल्म ‘स्त्री’ में भी दिखाई गई है.

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2. ‘परी’ फ़िल्म में ‘इरफ़ित’

अनुष्का शर्मा (Anushka Sharma) ने ‘परी’ फ़िल्म में बेहतरीन भूमिका निभाई थी. ये साल 2018 में रिलीज़ हुई थी, जोकि ऐसे कॉन्सेप्ट पर आधारित थी, जिस पर आज तक कोई फ़िल्म नहीं बनाई गई है. ये मूवी अर्नब (परमभ्रत चट्टोपाध्याय) और रुख़साना (अनुष्का) की कहानी के इर्द-गिर्द घूमती है. वो एक विचित्र और रहस्यमयी महिला होती है, जिससे अर्नब एक हादसे की रात मिलता है. इसके बाद अर्नब उस महिला की केयर करने के लिए उसे अपने साथ ले जाता है. लेकिन इस दौरान उसे पता चलता है कि वो बाकी महिलाओं से अलग़ है. फ़िल्म ‘परी’ में जो रुख़साना का कैरेक्टर दिखाया गया है, उसे वास्तव में ‘इरफ़ित’ कहते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार ये एक काफ़ी ताकतवर शैतान होता है. जो खंडहरों और मंदिरों के आसपास घूमता दिखाई देता है. वो इंसानों के आसपास रहते हैं और उनसे शादी भी कर लेते हैं. लेकिन इनकी फितरत घातक और निर्दयी किस्म की होती है. (Horror Movies Based On Indian Mythology)

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3. फ़िल्म ‘राज़’ में ‘प्रेत-आत्मा’

बिपाशा बसु और एक्टर डीनो मोरिया की फ़िल्म ‘राज़’ भला किसको पसंद नहीं आई होगी? आज की तारीख़ में इसकी गिनती भारत की बेस्ट हॉरर फ़िल्मों में की जाती है. इस फ़िल्म में एक लड़की की भूतिया कहानी बताई जाती है, जो प्रेत आत्मा के रूप में वापसी करने के लिए सुसाइड कर लेती है. ‘प्रेत-आत्मा’ का मतलब एक मृत व्यक्ति की आत्मा होता है, जो तब एक भूत या शैतान का रूप ले लेते हैं, जब उनकी डेड बॉडी का अंतिम संस्कार न किया गया हो. ये जितना पढ़ने में डरावना लग रहा है, उससे कहीं ज़्यादा देखने में है. (Horror Movies Based On Indian Mythology)

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4. ‘बुलबुल’ फ़िल्म में ‘चुड़ैल’

अनुष्का शर्मा के प्रोडक्शन हाउस से निकली इस फ़िल्म की दमदार स्टोरीलाइन को ख़ूब सराहा गया था. इसके साथ ही फ़िल्म में तृप्ति डिमरी, अविनाश तिवारी और राहुल बोस ने अपनी एक्टिंग से इसमें जान डाल दी थी. ये फ़िल्म 19वीं सदी में बंगाल प्रेज़िडेंसी के बैकग्राउंड पर बनी है, जो चुड़ैलों पर एक नयी अवधारणा को सामने लाई. पौराणिक कथाओं के अनुसार, चुड़ैल एक एक पौराणिक अलौकिक प्राणी है, जो एक महिला से मिलती-जुलती है. इसे ‘एक अशुद्ध जीवित वस्तु का भूत‘ कहा जाता है. इसके अनुसार ये भी कहा जाता है कि चुड़ैल के पैर हमेशा उल्टे होते हैं. वो आदमियों को आकर्षित करने के लिए ख़ुद को एक ख़ूबसूरत महिला भी बना लेती हैं और बाद में उन्हें अपने प्रेम के जाल में फंसाकर उन्हें किसी काले घने जंगल में मार डालती हैं. (Horror Movies Based On Indian Mythology)

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5. ‘एक थी डायन’ फ़िल्म में ‘डायन’

इस फ़िल्म में एक जादूगर की कहानी दर्शायी गई है, जो एक डायन के द्वारा प्रेतबाधित है. फ़िल्म में डायन एक अलौकिक प्राणी है, जो जादू-टोना और शैतान की पूजा करता है. भारतीय लोककथाओं में, डायन को एक चुड़ैल या एक अपसामान्य महिला इकाई के रूप में जाना जाता है, जिनकी उत्पत्ति संस्कृत शब्द ‘दाकिनी’ से हुई है. मध्यकालीन हिंदू ग्रंथों जैसे ‘भगवत गीता’ के अनुसार, दाकिनी एक दुष्ट महिला अलौकिक प्राणी है, जो इंसानी मांस खाती है. उनकी लंबी चोटी होती है. कहा जाता है कि जो भी उनके संपर्क में आता है, उसकी ज़िंदगी में काफ़ी सारी परेशानियां उत्पन्न होने लगती हैं. 

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6. ‘घूल’ वेब सीरीज़ में ‘पिशाच’

राधिका आप्टे (Radhika Apte) की नेटफ्लिक्स पर आई ये वेब सीरीज़ लोगों को बिल्कुल भी पसंद नहीं आई थी. हालांकि, इसको क्रिटिक्स से काफ़ी अच्छे रिव्यूज़ मिले थे. ये हॉरर शो वास्तव में एक भारतीय सुपरनैचुरल क्रिएचर पर आधारित था, जिसको आम तौर पर ‘पिशाच’ कहा जाता है. ‘पिशाच’ उस शैतान को कहते है, जो मरे हुए व्यक्तियों के मांस पर ज़िंदा रहता है और ये ज़्यादातर कब्रिस्तानों में मंडराता है. 

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इनके बारे में तो जितना सोचो उतना रूह कांप जाती है.

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