भारत में बॉलीवुड, क्रिकेट और राजनीति में काम कर रहे लोगों को जनता अपने सर-आंखों पर बिठाती है. हालांकि, ये हमेशा सच नहीं होता है. इन क्षेत्रों में कई ऐसे लोग हुए हैं जिनको उनके काम के लिए पूरा क्रेडिट नहीं मिल पाता है और वो गुमनामी की गलियों में खो जाते हैं.
अब आप भारत के ‘एलियन’ यानी ‘जादू’ को तो नहीं ही भूले होंगे. कैसे भूल सकते हैं! आख़िर बचपन की यादें जुड़ी हुई है ‘कोई मिल गया’ फ़िल्म से. जादू का ज़िक्र पॉप कल्चर में भी ख़ूब होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये रोल किसने निभाया था? जादू के नीले Costume के पीछे कौन था?
मिलिए इंद्रवदन पुरोहित उर्फ़ छोटे उस्ताद से जिन्होंने 6 भाषाओं में लगभग 250 फ़िल्मों में काम किया था. ये वही है जिन्होंने बच्चों में मशहूर टीवी शो, बाल वीर में ‘डूबा-डूबा’ की भूमिका निभाई थी.इसके अलावा इन्होंने ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ टीवी शो में दयाबेन के दूर के रिश्तेदार की भी भूमिका निभाई थी.
ये भी पढ़ें: देश-दुनिया में हो रहे हर तरह के कांड को समझना हो तो देख लो ये 11 धांसू फ़िल्में
इंद्रवदन 1976 से फ़िल्मों में काम कर रहे थे. पुरोहित ने साल 2001 में आई हॉलीवुड फिल्म ‘लॉर्ड ऑफ द रिंग्स- द फेलोशिप ऑफ द रिंग’ में भी काम किया था. वो टीवी सीरीज़ ‘ज़बान संभाल के’ में भी नज़र आए थे. उनके कुछ अन्य उल्लेखनीय कामों में नगीना (1986), वीराना (1988), बोल राधा बोल (1992) और दरार (1996) जैसी फ़िल्में शामिल हैं.
गौरतलब है कि ‘जादू’ का कॉस्ट्यूम ऑस्ट्रेलिया से बनकर तैयार हुआ था. बताया जाता है कि इस कॉस्ट्यूम को तैयार होने में एक साल का वक़्त लगा था. लगभग एक करोड़ रुपए की क़ीमत वाले इस 15 किलो वजनी कॉस्ट्यूम को पहनकर एक्टिंग करना पुरोहित के लिए काफ़ी मुश्किल होता था.
ये भी पढ़ें: किस्सा: जब मुंबई में वेनिस का मज़ा लेने के लिए अपने घर के आगे नहर खुदवाना चाहते थे किशोर कुमार
ये रोल निभाने के लिए उन्होंने अपना वजन कम किया, जिम ज्वाइन किया और डाइट भी फॉलो किया. कहा जाता है ‘जादू’ का मास्क इतना भारी था कि दम घुटने से बचने के लिए शूटिंग के बीच-बीच में उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती थी.
अफ़सोस की बात है कि दर्शकों का मनोरंजन करने वाले इंद्रवदन पुरोहित का 2014 में Multiple Organ Failures के कारण निधन हो गया.
अगर आप चाहते हैं कि हम ऐसे ही किसी और गुमनाम कलाकार पर आर्टिकल करें तो कमेंट सेक्शन में बतायें.