1958 में रिलीज़ हुई फ़िल्म ‘मधुमती’ डायरेक्टर बिमल रॉय की पहली कमर्शियल सुपरहिट फ़िल्म थी. इस मूवी में दिलीप कुमार, वैजयंतीमाला, प्राण, जॉनी वाकर जैसे कलाकार थे. इसने उस वर्ष के नेशनल फ़िल्म अवॉर्ड में बेस्ट फ़िल्म और बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड भी जीता था. वेटरन एक्टर प्राण ने पहली बार इस फ़िल्म के ज़रिये बिमल रॉय के साथ काम किया था.
बात उन दिनों की है जब इस फ़िल्म की शूटिंग नैनीताल के एक गांव में हो रही थी. फ़िल्म की शूटिंग के बाद अकसर बिमल रॉय आम लोगों से मिलते और उनसे बातें करते थे. एक दिन ऐसे ही बातों-बातों में उन्हें गांव के सपरंच से पता चला कि एक अनाथ लड़की की शादी है. मगर कोई रिश्तेदार न होने के चलते उसकी शादी में अड़चन आ रही है.
जिस दिन उस लड़की की शादी थी उस दिन की शूटिंग ख़त्म कर बिमल रॉय ने प्राण से उनके साथ चलने को कहा. प्राण भी बिना कुछ पूछे उनके साथ गाड़ी में चल दिए. कुछ देर के बाद वो उस जगह पहुंचे जहां उस अनाथ लड़की की शादी हो रही थी. मंडप सज़ा था और चारों तरफ शादी वाला माहौल था. गांववालों ने उनका स्वागत किया.
कुछ देर बाद बिमल रॉय शादी के मंडप की तरफ बढ़े और प्राण से कहा- ‘भैया थोड़ा पुण्य कमा लो, इस बच्ची के भाई बन जाओ और इसका कन्यादान कर दो. मैं इसका धर्म पिता बन बाकी की रस्में निभा लेता हूं.’
प्राण ने ऐसा ही किया. लड़की की शादी हो गई और रात में बिमल रॉय और प्राण कार से वापस लौटने लगे. वापसी में उन्होंने प्राण को सारी बात बताई कि कैसे उन्हें सरपंच से उस अनाथ लड़की की शादी के बारे में पता चला था.
‘मधुमती’ फ़िल्म के गाने सुपरहिट हुए थे. इनमें से एक गाना ‘चढ गयो पापी बिछुआ’ भी था. इस गाने में जो सेट दिखाई देता है वो हूबहू नैनीताल वाले गांव में हुई शादी के जैसा ही था. इसे बिमल रॉय ने अपने आर्ट डायरेक्टर को कहकर मुंबई के एक स्टूडियो में तैयार करवाया था.
जब फ़िल्म बन गई और प्राण ने इसे देखा तो वो हैरान रह गए. बिमल रॉय ने गाने में वैसा ही मंडप और सेट तैयार किया था जैसा उन्होंने उस लड़की की शादी में देखा था जिसका उन्होंने कन्यादान किया था. इस फ़िल्म से जुड़ा ये क़िस्सा आप यहां पढ़ सकते हैं.
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