अपनी दमदार आवाज़ से पूरी दुनिया में पहचान बना चुके दलेर मेंहदी किसी परियच के मोहताज नहीं हैं. दलेर मेंहदी ही वो गायक हैं जिन्होंने पंजाबी भंगड़ा को पूरी दुनिया में एक नई पहचान दिलाई. इनके गानों पर आज भी लोग ख़ुद को थिरकने से रोक नहीं पाते हैं.
दलेर सिंह का पहला सुपरहिट गाना था बोलो तारा रारा. इस गाने ने उन्हें रातों रात फ़ेमस कर दिया था. उन्होंने अमिताभ बच्चन और आमिर ख़ान जैसे बॉलीवुड स्टार के लिए भी गाने गाए हैं. आज वो इंडियन फ़िल्म इंडस्ट्री का जाना पहचाना नाम हैं. उनके नाम से जुड़ा एक दिलचस्प क़िस्सा भी है. चलिए आज आपको इसके बारे में भी बता देते हैं.
बात उन दिनों की है जब पटना में एक पंजाबी परिवार रहता था. अजमरे सिंह इस परिवार के हेड थे. उन्हें शास्त्रीय संगीत का ज्ञान था. वो गुरुद्वारे में गुरबानी और कीर्तन गाया करते थे. ये वो ज़माना था, जब दलेर सिंह नाम का डाकू बहुत ही फ़ेमस था.
ये था तो डाकू लेकिन ग़रीबों के लिए फ़रिश्ता था. अजमेर सिंह भी इस डाकू की दिलेरी के कायल थे. जब अजमेर सिंह के घर उनके पहले बच्चे ने जन्म लिया तब उन्होंने दलेर सिंह के नाम से प्रभावित होकर उसका नाम रख दिया दलेर सिंह. फिर उन्होंने बच्चे को संगीत की शिक्षा देनी शुरू कर दी.
दलेर सिंह जब 7 साल के हुए तब एक ग़जल गायक बहुत फ़ेमस थे, नाम था परवेज़ मेंहदी. ये उस्ताद मेंहदी हसन के शागिर्द हुआ करते थे. अजमेर सिंह को उनकी ग़जलें बहुत पसंद थीं. उनसे प्रभावित होकर उन्होंने अपने बेटे के नाम से सिंह हटाकर मेंहदी जोड़ दिया. इस तरह बेटे का नाम हो गया दलेर मेंहदी, जो आगे चलकर बहुत मशहूर गायक बने. इस पूरे क़िस्से को आप यहां क्लिक कर सुन सकते हैं.
दलेर मेंहदी का नाम भले ही किसी से भी प्रेरित होकर रखा गया हो, लेकिन उन्होंने इस नाम को अपने टैलेंट के दम पर मशहूर किया है. है कि नहीं?
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