बॉलीवुड में कई एक्टर्स ऐसे आए हैं, जो अपनी आंखों और गोरे रंग से फ़ेमस हुए थे. गोरे रंग के लिए फ़ेमस होने वाले एक्टर आदित्य पंचोली थे, जो हद से ज़्यादा ही गोरे थे. बात करें आंख़ों की तो आंखों के लिए तो कई एक्टर आज भी फ़ेमस हैं, जैसे अजय देवगन और संजय दत्त. इनके अलावा, एक और भी एक्टर था जो अपनी नीली-नीली आंखों और क्यूटनेस के चलते लड़कियों का क्रश बन चुका था. तस्वीर में दिख रहा ये बच्चा वही एक्टर है, जिसने घर से निकलते ही कुछ दूर चलते ही कई लड़कियों को अपना दीवाना बना लिया था. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर की थी. हालांकि, बड़े होने के बाद ये अपने एक्टिंग करियर में कुछ ख़ास कमाल नहीं दिखा पाए मगर लड़कियां इन्हें आज भी पसंद करती हैं और ये सोशल मीडिया पर भी ख़ूब एक्टिव रहते हैं.
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अगर आप पहचान पाए हैं तो ठीक है नहीं तो हम आपको बता देते हैं कि ये बच्चा कौन है? फ़िलहाल अब ये फ़िल्मों से दूर अमेरिका में अपनी फ़ैमिली के साथ रहते हैं.
तस्वीर में दिख रहा ये छोटा सा क्यूट सा बच्चा एक्टर जुगल हंसराज (Jugal Hansraj Childhood Photos) हैं. इनका जन्म मुंबई में 26 जुलाई 1972 को हुआ था. जुगल ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर की थी. तब वो मासूम, झूठा-सच और सल्तनत जैसी फ़िल्मों में नज़र आए थे. इसके बाद, 1996 में फ़िल्म ‘पापा कहते हैं’ से एक एक्टर के तौर पर अपना डेब्यू किया. पहली ही फ़िल्म से जुगल नेशनल क्रश बन गए थे.
जुगल हंसराज के घर में डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स की लाइन लगी रहती थी सभी उन्हें अपनी फ़िल्म में साइन करना चाहता था. इसके चलते उन्होंने एक साथ 40 फ़िल्में साइन कर लीं, जिनमें से कुछ बनी और कुछ नहीं बनीं. इस पर जुगल हंसराज ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था,
मैंने 1989 में डायरेक्टर मनमोहन देसाई की एक फ़िल्म साइन की थी, जिससे मैं कमबैक करने वाला था लेकिन वो फ़िल्म बनी ही नहीं. मैंने अपने करियर में अभी तक लगभग 30 से 40 फ़िल्में ऐसी साइन की हैं जो कभी पूरी ही नहीं हो सकीं. अगर वो फ़िल्में बनती तो शायद मेरा करियर ग्राफ़ आज कुछ और होता है. मैं और काम करना चाहता था लेकिन जब फ़िल्में ही नहीं बनी तो मैं क्या करता?
जुगल हंसराज एक नॉन फ़िल्मी बैकग्राउंड से थे उनका कोई भी इस फ़िल्म लाइन में नहीं था. इसलिए उन्हें यहां अरने पैर जमाने में समस्याओं का सामना करना पड़ा उनका कहना था कि,
फ़िल्म फ़ैमिली के होने से निर्णय लेने में काफ़ी मदद मिलती है. आप कोई भी फै़सला बेहतर तरीक़े से ले पाते हैं. मेरे परिवार से कोई भी फ़िल्मों में नहीं था तो मुझे हमेशा दिक़्क़त हुई. इसके बावजूद मैंने इंडस्ट्री में ठीक ठाक काम किया. मेरे उसी काम की वजह से ही आज मुझे कुछ लोग जानते हैं. मैं एक प्रोफ़ेशनल एक्टर था और आज भी इंडस्ट्री के लोगों से टच में हूं.
जुगल ने आगे बताया कि कैसे फ़िल्मी पार्टी और फ़िल्म इंडस्ट्री में लोग उन्हें ‘Jinx’ (मनहूस) बुलाते थे उनका मज़ाक उड़ाते थे.
मुझे कई नामों से बुलाया गया और मनहूस करार दिया गया. इसके अलावा, कई फ़िल्में जिनका निर्माण भी शुरू नहीं हुआ, लोगों ने मेरा मज़ाक उड़ाया. “ओह, अब समय आ गया है कि जुगल अपनी फ़िल्मों के मुहूर्त में शामिल हों,” जैसे कमेंट करते थे क्योंकि मेरी कई फ़िल्में बनने से पहले ही रोक दी गई थीं.
मोहब्बतें एक्टर ने ख़ुलासा किया कि, ये उनके लिए एक कठिन समय था जब उनके द्वारा साइन की गई फ़िल्में बार-बार बंद हो रही थीं. इस स्थिति ने उन्हें रुला दिया था. उन्होंने आगे कहा,
जब मुझे ये कहते हुए फ़ोन आते थे कि जिस फ़िल्म पर मैंने साइन किया था और जिसे जल्द ही शुरू करना था, वो अब शुरू नहीं हो रही है, तो मैं बस ‘धन्यवाद’ कह कर फ़ोन रख देता था. मैं इससे आश्चर्य में था.”
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आपको बता दें, जुगल हंसराज ने ‘मोहब्बतें’, ‘कभी ख़ुशी कभी ग़म’, ‘आजा नचले’, ‘कहानी 2: दुर्गा रानी सिंह’ जैसी बेहतरीन फ़िल्में की है. इस साल वो OTT की वेब सीरीज़ ‘शिव शक्ति बलबोआ’ और ‘लस्ट स्टोरीज़ 2’ में नज़र आए थे.