पहचान कौन? छोटे से रोल के लिए 5 रुपये कमाने वाला ये बच्चा आगे चलकर बना अपने दौर का सबसे महंगा एक्टर

Kratika Nigam

Junior Mehmood: हिंदी सिनेमा में वो जगह जहां कई लोग हज़ारों सपने लेकर आते हैं. कुछ अपने सपनों को पूरा करने में असफल रहते हैं तो कुछ बचपन से ही उस सोहरत को पा लेते हैं जिनके लिए वो यहां आते हैं. इन्हीं में से 60, 70, 80 और 90 के दशक में राज करने वाले जूनियर महमूद (Junior Mehmood) हैं. इस नाम को बड़े पर्दे से लेकर छोटे पर्दे तक सभी जानते हैं. इन्होंने अपने मसखरे अंदाज़ से लोगों को ख़ूब हंसाया और हंसाते-हंसाते कभी न मिटने वाली जगह बना ली.

https://www.instagram.com/p/Ck-rBVHPrpQ/?hl=en

बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग और अदाज़ की वजह से ही इनका नाम मशहूर कॉमेडियन महमूद साहब के नाम पर जूनियर महमूद पड़ गया. और इनकी शक्ल भी काफ़ी हद तक महमूद साहब से मिलती थी. जूनियर महमूद का असली नाम मोहम्मद नईम सैय्यद है. जूनियर महमूद की जब भी बात की जाती है तो महमूद साहब का वो गाना हम काले हैं तो क्या हुआ याद आ जाता है क्योंकि शम्मी कपूर की फ़िल्म ब्रहम्चारी में जूनियर महमूद ने इसी गाने को कॉपी किया था.

ये भी पढ़ें: पहचान कौन! देश-विदेश हर जगह हिट था ये सिंगर, माइकल जैक्सन भी थे फ़ैन

आइए जूनियर महमूद के सफ़र के बारे में जानते हैं कि कैसे एक छोटे से बच्चे ने फ़िल्मी दुनिया में इतना बड़ा नाम बनाया?

जूनियर महमूद का जन्म मुंबई में 15 नवंबर 1956 को हुआ था. इनके पिता रेलवे में कार्यरत थे. 6 भाई बहनों में जूनियर महमूद तीसरे नम्बर पर थे. बचपन से ही इन्हें अपने मज़ाकिया अंदाज़ से लोगों को हंसाना आता था. इनके बड़े भाई बॉलीवुड फ़िल्मों के लिए स्टिल फ़ोटोग्राफ़ी करते थे तो जूनियर महमूद ने भी फ़िल्मों में जाने का सपना देखना शुरू कर दिया.

सपना पूरा तभी होता है जब उसे पूरी शिद्दत के साथ पूरा किया जाए और जूनियर महमूद का तो सपना पूरा होना ही था. वो बने ही फ़िल्मों के लिए थे. एक बार वो अपने बड़े भाई के साथ जॉनी वॉकर की फ़िल्म की शूटिंग देखने चले गए. उन्होंने दिग्गज क़ॉमेडियन जॉनी वॉकर एक्टिंग करते देखा और उनके साथ एक चाइल्ड आर्टिस्ट को भी देखा जो बार-बार अपने डायलॉग्स भूल रहा था. ये सब देखते हुए जूनियर महमूद बोल पड़े कि अमा यार इससे एक लाइन तो बोली नहीं जा रही और आ गए हैं एक्टिंग करने. डायरेक्टर ने जैसे ही सुना तो बोला कि तुम करके दिखा सकते हो. जूनियर महमूद ने उस सीन को एक ही टेक में ओके करा दिया. इस एक सीन के लिए उन्हें पहली कमाई के तौर पर 5 रुपये मिले थे, उस वक़्त वो महज़ 8 साल के थे.

Image Source: news18

इसके बाद, जूनियर महमूद को ख़ूब काम मिलने लगा और काम की तारीफ़ भी होने लगी. काम की सराहना करते हुए ही महमूद साहब ने ख़ुद उन्हें जूनियर महमूद नाम दिया. 1968 में आई फ़िल्म ब्रहम्चारी में भी इनकी ख़ूब तारीफ़ हुई. साल दर साल जूनियर महमूद जूनियर आर्टिस्ट बनकर काम करते रहे और पैसे कमाते रहे. इनकी एक के बाद एक फ़िल्में हिट होती रहीं. उस समय जूनियर महमूद एक दिन की फ़ीस 3000 रुपये लेते थे और ये वो दौर था जब इनके पिता का रेलवे में महीने भर का वेतन 300 रुपये था.

Image Source: media-amazon

जूनियर महमूद (Junior Mehmood) ने उस दौर के लगभग हर बॉलीवुड स्टार (Bollywood Star) के साथ काम किया था. छोटी सी उम्र इतना बड़ा नाम कमाया था जिसे आज भी लोग नहीं भूले हैं. मुंबई के उस दौर में जूनियर महमूद के पास इंपाला कार कार थी, जब केवल 10 या 12 इंपाला कार ही मुंबई में हुआ करती थीं, उनमें से एक जूनियर महमूद के पास थी.

Image Source: aeplcdn

ये भी पढ़ें: पेश है बॉलीवुड को वो इकलौता अभिनेता, जो दे चुका है सबसे ज़्यादा 180 फ़्लॉप फ़िल्में

बॉलीवुड में काफ़ी सफलता हासिल करने के बाद, जूनियर महमूद ने मराठी फ़िल्म इंडस्ट्री और टीवी दोनों का रुख़ किया. टीवी पर सीरियल तेनाली रामा और प्यार का दर्द है मीठा मीठा प्यारा प्यारा में नज़र आए थे. दोनों ही जगह उन्हें इज़्ज़त और शोहरत दोनों मिली.

Image Source: amarujala

आपको बता दें, जूनियर महमूद ने 7 अलग-अलग भाषाओं में 265 फ़िल्मों में अभिनय किया है और 6 मराठी फ़िल्मों का निर्माण और निर्देशन भी किया है.

आपको ये भी पसंद आएगा
जानिए आख़िर क्या वजह थी, जब 53 साल पहले सरकार ने बैन कर दिया था ‘Dum Maro Dum’ सॉन्ग
2024 में बॉलीवुड के ये 7 स्टार्स इंडस्ट्री में करने जा रहे हैं धमाकेदार कमबैक
Year Ender 2023: ‘डंकी’ और ‘सालार’ ही नहीं, इस साल इन फ़िल्मों की भी हुई थी बॉक्स ऑफ़िस पर टक्कर
‘Salaar’ ने एडवांस बुकिंग में तोड़ा ‘Dunki’ का रिकॉर्ड, USA में हुई ताबड़तोड़ एडवांस बुकिंग
ऋषि कपूर और नीतू कपूर का 43 साल पुराना वेडिंग कार्ड हुआ Viral! जानिए कैसी थी उनकी प्रेम कहानी
पहचान कौन! वो साउथ इंडियन एक्ट्रेस जिसे डायरेक्टर ने बोला दिया था कि पहले “लड़कियों जैसी लचक लाओ”