वेटरन एक्टर कादर ख़ान एक बेहतरीन एक्टर होने के साथ ही आला दर्जे के राइटर भी थे. उन्होंने कई सुपरहिट फ़िल्मों के डायलॉग और स्क्रिप्ट लिखी थीं. उनके द्वारा लिखे गए डायलॉग की बदौलत 70 और 80 के दशक में कई एक्टर सुपरस्टार बन गए थे. इनमें से एक बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन भी हैं.
कादर ख़ान ने उनकी कई सुपरहिट फ़िल्मों के डायलॉग लिखे थे. इनमें ‘शराबी’, ‘कुली’, ‘अमर अकबर एंथनी’, ‘लावारिस’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘सत्ते पे सत्ता’ जैसी फ़िल्मों के नाम शामिल हैं. अमिताभ और कादर ख़ान ने कई फ़िल्मों में एक साथ काम भी किया. एक ज़माने में दोनों बहुत अच्छे दोस्त हुआ करते थे.
लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ की दोनों की दोस्ती टूट गई. कादर ख़ान और अमिताभ की दोस्ती से ये जुड़ा क़िस्सा आज हम आपके लिए लेकर आए हैं.
दोनों की दोस्ती कैसे टूटी इस बात ज़िक्र ख़ुद कादर ख़ान साहब ने अपने एक इंटरव्यू में किया है. कादर ख़ान कहते हैं- ‘मैं अमिताभ बच्चन को अमित कहकर बुलाता था. एक दिन किसी साउथ के प्रोड्यूसर ने मुझसे आकर कहा कि आप सर जी को मिले? मैंने कहा कि कौन सर जी? इस पर वो बोला आप नहीं जानते? उसने अमिताभ की ओर इशारा कर कहा कि वो हमारे सर जी हैं. मैंने कहा कि वो तो अमित है. सभी ने तब से अमिताभ को सर जी, सर जी बोलना शुरू कर दिया, लेकिन मेरे मुंह से उनके लिए कभी अमित जी या सर जी नहीं निकला. बस यही न बोल पाने की वजह से मैं उनके ग्रुप से निकल गया.’
कादर ख़ान साहब ने आगे बताया कि इस वाक़ये के बाद से ही अमिताभ की कई फ़िल्मों से उन्हें निकाल दिया गया या फिर उन्होंने ख़ुद ही उन्हें छोड़ दिया. उन्होंने कहा-‘क्या कोई अपने दोस्त या भाई को किसी और नाम से पुकार सकता है? नामुमकिन बात है ये. मैं नहीं कर सका ये और इसीलिए मेरा उनसे वो राब्ता नहीं रहा. इसीलिए मैं उनकी फ़िल्म ‘खुदा गवाह’ में नहीं रहा. फिर उनकी फ़िल्म ‘गंगा जमुना’ मैंने आधी लिखी और छोड़ दी. इसके बाद कुछ और फिल्में थीं, जिन पर मैंने काम करना शुरू किया था, लेकिन वे भी छोड़ दीं.’
इस इंटरव्यू में कादर ख़ान ये भी बताया कि वो एक फ़िल्म बनाने की तैयारी में थे. इस फ़िल्म के मुहूर्त शॉर्ट के लिए अमिताभ ने आने का वादा किया था. पर कुली फ़िल्म में चोट लग जाने के बाद वो अस्पताल में भर्ती हो गए और आ न सके. वो उनको देखने अस्पताल भी गए थे. अमिताभ के ठीक होने के बाद कादर ख़ान ने उनसे कई बार संपर्क किया लेकिन वो कभी उनसे मिले नहीं.
इसके बाद से ही दोनों की दोस्ती में खटास आ गई थी. फिर अमिताभ राजनीति में चले गए और बाद में जब वहां से लौटे तो कादर ख़ान और उनकी दोस्ती पहले जैसी नहीं रही. कादर ख़ान जी कहते हैं इसके बाद से ही उनका रिश्ता पहले जैसा नहीं रहा जैसा कभी हुआ करता था. कादर ख़ान और अमिताभ की दोस्ती से जुड़ा ये इंटरव्यू आप यहां देख सकते हैं:
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