कभी ख़ुशी कभी ग़म के समय ख़ुशियों के साथ-साथ काजोल गुज़र रही थीं एक दर्दनाक दौर से

Kratika Nigam

2001 में आई फ़िल्म ‘कभी ख़ुशी कभी ग़म’ तो याद होगी आप सबको और याद भी क्यों न हो? बड़ी स्टारकास्ट वाली ये फ़िल्म फ़ैमिली ड्रामा थी, जिसने हर उम्र के लोगों को अपना फ़ैन बना लिया. लोगों के ज़बरदस्त प्यार ने इस फ़िल्म को सुपरहिट बना दिया था. जहां फ़िल्म के सुपरहिट होने की सब ख़ुशी मना रहे थे वहीं दूसरी ओर काजोल और अजय देवगन दर्द से गुज़र रहे थे. इसके बारे में ख़ुद काजोल ने इंस्टाग्राम पेज Humans Of Bombay को बताया,

दरअसल, जब मैं 2001 में फ़िल्म की शूटिंग कर रही थीं, उस समय मैं अपनी फ़ैमिली प्लानिंग भी कर रही थी. इसके चलते फ़िल्म की शूटिंग के दौरान मैं प्रेगनेंट थी. मगर जिस दिन फ़िल्म ने सबसे ज़्यादा कलेक्शन किया उस दिन मैं भयंकर दर्द में थी क्योंकि मेरा मिसकैरेज हो गया था और मैं हॉस्पिटल में एडमिट थी. इसके बाद मैं दोबारा प्रेगनेंट हुई और फिर मेरा मिसकैरेज हो गया. वो वक़्त हमारे लिए बहुत ही मुश्किल था. मगर कहते हैं सबकुछ ऊपरवाले की मर्ज़ी से होता है. कुछ सालों बाद न्यासा और युग ने हमारी ज़िंदगी में आकर हमारी फ़ैमिली को पूरा कर दिया.
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काजोल ने अपने मिसकैरेज के अलावा अजय देवगन से अपनी पहली मुलाकात के बारे में भी बताया,

हमारी मुलाकात पहली बार 25 साल पहले फ़िल्म हलचल के सेट पर हुई थी. मैं जब अपने सेट पर पहुंची तो, मैंने पहला सवाल पूछा मेरा हीरो कहां है? तभी सेट पर मौजूद लोगों ने अजय की तरफ़ उंगली करके कहा वो हैं आपके हीरो. वो पहला टाइम था जब मैं अजय से मिली वो भी शूटिंग से 10 मिनट पहले. अजय से मिलने के बाद मैंने अपने दोस्तों से अजय की बुराई भी की. मगर फिर बाद में हम धीरे-धीरे दोस्त बन गए.
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हमारे बीच बातचीत इतनी होने लग गई थी कि मैं उस वक़्त जिसे डेट कर रही थी उसकी शिकायतें अजय से करती थी. अजय भी उस वक़्त किसी और को डेट कर रहे थे. फिर हम दोनों का ही ब्रेकअप हो गया. अच्छा हमें पता था कि हम एक-दूसरे को पसंद करते हैं इसलिए हमने कभी एक-दूसरे को प्रपोज़ नहीं किया. धीरे-धीरे बातचीत बढ़ी और हम एक-दूसरे के क़रीब आ गए. अजय जूहू में रहता था और मैं साउथ बॉम्बे में. हम ज़्यादातर लॉन्ग ड्राइव और डिनर पर जाते थे. हमने सबसे ज़्यादा अपना समय कार में बिताया है. मेरे दोस्त अकसर अजय को लेकर कुछ-कुछ बताते रहते थे, लेकिन मैं जानती थी वो कैसा है वो जब मेरे साथ होता था उस वक़्त वो सबसे अलग होता था.

आगे बताया,

डेट करते-करते हमें 4 साल हो चुके थे फिर हमने शादी करने के बारे में सोचा. अजय के घर में सब तैयार थे, लेकिन मेरे पापा चाहते थे कि मैं शादी के बजाय करियर पर फ़ोकस करूं इसलिए वो मुझसे नाराज़ थे. मगर मेरे मन के आगे उन्हें अपनी नाराज़गी भुलाकर मानना पड़ा. शादी के लिए भी हमने एक-दूसरे को प्रपोज़ नहीं किया, लेकिन हमें पता था कि हम साथ रहना चाहते हैं. 
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हमारी शादी घर पर ही हुई थी, हम ज़्यादा किसी को नहीं बुलाना चाहते थे और न ही मीडिया की दखलअंदाज़ी चाहते थे इसलिए हमने मीडिया को ग़लत वेन्यू बता दिया था. हमारी शादी पंजाबी और मराठी दोनों रीति-रिवाज़ों से हुई थी. इसलिए काफ़ी समय लग रहा था. अजय ने इन सबसे बचने के लिए पंडित को पैसे दिए और शादी जल्दी करने को कहा.

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आपको बता दें, अजय और काजोल की शादी 24 जनवरी 1999 को हुई थी. उन्होंने ‘प्यार तो होना ही था’, ‘दिल क्या करे’, ‘इश्क़’ और ‘राजू चाचा’, जैसी फ़िल्मों में साथ काम किया था. हाल ही में रिलीज़ हुई ‘तानाजी-द अनसंग वॉरियर’ में दोनों काफ़ी सालों बाद एक साथ नज़र आए हैं. इसके प्रोड्यूसर अजय देवगन हैं. इस फ़िल्म के साथ अजय देवगन ने अपनी 100वीं फ़िल्म पूरी की है. 

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