दिग्गज गायक मुकेश जिनके गाने सुनकर सुकून मिलता है. मुकेश की आवाज़ दिल को छू जाती है. इनका एक-एक गाना सुपरहिट था, है और रहेगा. अपने म्यूज़िक करियर में मुकेश ने बहुत से हिट गानों का जश्न मनाया मगर एक वक़्त ऐसा भी था जब उनके गाने को फ़िल्म से बेकार समझ कर हटा दिया गया था. फिर वही गाना सुपरहिट भी हो गया था.
आइए जानते हैं कि किस फ़िल्म का था वो गाना?
दरअसल, गायक मुकेश के बेटे नितिन मुकेश ने एक इंटरव्यू में बताया था कि,
फ़िल्म ‘पहली नज़र’ में उन्होंने ‘दिल जलता है, तो जलने दे’ (Dil Jalta Hai To Jalne De) गाया था, जिसे फ़िल्म रिलीज़ होने के बाद फ़िल्म से हटा दिया गया था. मगर जब लोगों ने इस गाने को सुना तो सिंगर मुकेश रातों-रात मशहूर हो गए और लोगों ने इस गाने को फ़िल्म में दोबारा डालने की मांग की.
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सन् 1945 में आई मज़हर ख़ान की फ़िल्म ‘पहली नज़र’ (Pehli Nazar) में मुकेश को पहली बार गाने का मौक़ा मिला था. इसके म्यूज़िक डायरेक्टर अनिल बिस्वास थे. डायरेक्टर मज़हर ख़ान को मुकेश की आवाज़ में ‘दिल जलता है, तो जलने दे’ गाना कुछ ख़ास नहीं लगा और उन्होंने इसे फ़िल्म से निकाल दिया.
गाने को कुछ समय के लिए हटा तो दिया गया लेकिन जब ये गाना दर्शकों तक पहुंचा तो उन्होंने इसे फ़िल्म में लेने की गुज़ारिश की. जिसे बेकार समझा गया था वो गाना फ़िल्म के लिए सबसे ख़ास निकला. दर्शकों की मांग पर इसे वापस फ़िल्म में लिया गया. फ़िल्म को रिलीज़ हुए 78 साल हो चुके हैं और आज भी ये गाना हर किसी की पंसद है. जिन्हें पुराने ज़माने के गाने पंसद आते हैं उनका ये गाना ज़रूर फ़ेवरेट होगा.
नितिन मुकेश ने आगे बताया कि,
वे आज भी किसी इवेंट में जाते हैं, तो उनसे दिल जलता है तो…गाने के लिए बहुत सारी रिक्वेस्ट आती हैं.
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मुकेश की आवाज़ को लोगों तक पुराने ज़माने के एक्टर मोतीलाल ने पहुंचाया था. इन्होंने मुकेश को अपनी बहन की शादी में गाते सुना और उनकी आवाज़ के दीवाने हो गए. उन्हें मुकेश की आवाज़ इतनी पसंद आई कि उन्हें लगा कि मुकेश तो मुंबई में फ़िल्मों में गाना चाहिए. इसलिए वो मुकेश को अपने साथ मुंबई ले आए.
आपको बता दें, मोतीलाल निसंतान थे इसलिए उन्होंने मुकेश को अपनी संतान की तरह रखा. उनकी सभी ज़रूरतों को पूरा करते हुए पंडित जगन्नाथ प्रसाद से संगीत भी सिखवाया. मुकेश ने अपनी आवाज़ से सभी गानों को यादगार बना दिया. इन्हें 1 नेशनल फ़िल्म अवॉर्ड और 4 फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड से नवाज़ा गया. सन् 1978 में हार्ट अटैक के चलते इनका निधन हो गया.