मुंबई की चॉल से बॉलीवुड स्टार बनने वाले जैकी श्रॉफ़ की ज़िंदगी के 5 Life-Changing Moment

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Life-Changing Moment Of Jackie Shroff: बॉलीवुड के जग्गू दादा यानी जैकी श्रॉफ़ (Jackie Shroff) आज अपने 66वां जन्मदिन मना रहे हैं. 31 साल की उम्र तक मुंबई की एक चॉल के 10×10 की खोली से अपनी ज़िंदगी की शुरुआत करने वाले जैकी आज बॉलीवुड के नामचीन कलाकार हैं. बेटा टाइगर श्रॉफ़ भी बॉलीवुड के टॉप स्टार्स में शुमार होते हैं. पत्नी आयशा श्रॉफ़ बॉलीवुड प्रोड्यूसर और व्यवसाय करती हैं. जबकि बेटी कृष्णा श्रॉफ़ फ़िटनेस कंपनी चलाती हैं. जैकी श्रॉफ़ की ख़ास बात ये है कि वो आज भी 10×10 की खोली वाले ‘जग्गू दादा’ ही हैं. 200 से अधिक अलग-अलग भाषाओं की फ़िल्मों में काम कर चुके जैकी श्रॉफ़ आज भले ही 200 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं. लेकिन उनका बचपन बेहद मुश्किल भरा रहा था. 

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जैकी श्रॉफ़ (Jackie Shroff) का जन्म 1 फ़रवरी 1957 को मुंबई की एक चॉल में हुआ था. उनका असली नाम जयकिशन श्रॉफ़ था. जैकी के पिता काकूभाई श्रॉफ़ एस्ट्रोलॉजर थे और मां रीटा कज़ाकिस्तान से थीं. सन 1936 के आसपास कज़ाकिस्तान में हुए तख्तापलट के बाद रीटा जान बचाकर परिवार के साथ लाहौर भाग आई थीं, तब उनकी उम्र केवल 10 साल थी. भारत-पाक बंटवारे के बाद उनका परिवार दिल्ली फिर बाद में मुंबई आ गया. यहीं रीटा की मुलाक़ात काकूबाई श्रॉफ़ से हुई थी.

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असल ज़िंदगी में कौन हैं जैकी श्रॉफ़

दरअसल, जैकी श्रॉफ़ के पिता काकूबाई श्रॉफ़ एक बेहद रईस परिवार ताल्लुक़ रखते थे और स्टॉक मार्केट में बड़े शेयरहोल्डर भी थे, लेकिन शेयर बाज़ार में सारा पैसा डूबने की वजह से परिवार कंगाल हो गया. 17 साल की उम्र में काकूभाई ने रोजी-रोटी कमाने के लिए घर छोड़ दिया और मुंबई की एक चॉल में रहने लगे. यहां उनकी मुलाक़ात रीटा से हुई और फिर दोनों ने शादी कर ली. चॉल में रहते हुए ही रीटा ने जैकी और उनके बड़े भाई को जन्म दिया. लेकिन जैकी के बड़े भाई की एक हादसे में मौत हो गई थी. 

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जैकी श्रॉफ़ (Jackie Shroff) की ज़िंदगी किसी फ़िल्मी कहानी से कम नहीं है. बचपन से लेकर 4 बॉलीवुड फ़िल्में करने तक वो 31 साल मुंबई के तीन बत्ती स्थित चॉल की 10×10 की खोली में रहे. इस चॉल में 7 खोली थीं, जिनमें क़रीब 30 लोग रहते थे जिनके लिए सिर्फ़ 3 बाथरूम हुआ करते थे. रोजाना बाथरूम के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ती थी. चॉल में रहने वाले जग्गू दादा से मॉडल और फिर मॉडल से हीरो बनने का उनका ये सफ़र बेहद दिलचस्प है.

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चलिए जानते हैं वो कौन से Life-Changing Moment थे जिनकी वजह से जयकिशन श्रॉफ़ से जैकी श्रॉफ़ बने थे जग्गू दादा-

1- बस स्टैंड पर मिला मॉडलिंग का ऑफ़र

जैकी श्रॉफ़ का बचपन आसान नहीं रहा. कभी थिएटर के बाहर मूंगफली बेचीं तो कभी फ़िल्मों के पोस्टर चिपकाने का काम किया. घर का ख़र्च चलाने के लिए वो ‘ट्रेड विंग्स’ नाम की एक ट्रैवल एजेंसी में काम करने लगे थे. एक दिन बस स्टॉप पर खड़े जैकी पर एक शख़्स की नज़र पड़ी. वो शख़्स किसी एडवर्टाइज़मेंट एजेंसी में काम करता था. इस दौरान उसने जैकी श्रॉफ़ से कहा कि क्या आप मॉडलिंग करेंगे? जब वो नहीं समझे तो उस शख़्स ने कहा कि हम आपकी तस्वीर खींचेंगे और आपको पैसा मिलेगा. जैकी तुरंत तैयार हो गए और इस तरह से उनका मॉडलिंग करियर शुरू हो गया. 

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2- देव आनंद की नज़र पड़ी और बन गये एक्टर

मॉडलिंग के दौरान जैकी श्रॉफ़ की दोस्ती देव आनंद के बेटे सुनील आनंद से हुई. सुनील मदद से जैकी जब पहली बार देव आनंद से मिले तो देव साहब उन्हें देखते ही बोले ‘सुबह-सुबह तुम्हारी तस्वीर देखी और शाम को तुम मेरे सामने खड़े हो, मैं तुम्हें फ़िल्मों में मौक़ा ज़रूर दूंगा’. इसके बाद सन 1982 में जैकी को देव आनंद की फ़िल्म ‘स्वामी दादा’ में सेकेंड लीड रोल मिल गया. लेकिन 15 दिनों बाद देव आनंद ने जैकी से कहा कि वो रोल उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती को दिया है और उनके  फ़िल्म में दूसरा रोल सोचा है जो शक्ति कपूर के चेले का रोल होगा. 

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3- सुभाष घई ने बनाया ‘हीरो’

स्वामी दादा फ़िल्म में छोटा सा रोल करने के बाद आख़िरकार जैकी श्रॉफ़ की क़िस्मत रंग लाई और साल 1983 में बॉलीवुड के शोमैन सुभाष घई ने जैकी को अपनी फ़िल्म हीरो’ में लीड रोल ऑफ़र कर दिया. फ़िल्म बॉक्स ऑफ़िस पर सुपरहिट साबित हुई और जैकी श्रॉफ़ बन गये बॉलीवुड के नये सुपरस्टार. इसके बाद जैकी ने ‘कर्मा’, ‘परिंदा’, ‘गर्दिश’, ‘राम लखन’, ‘त्रिदेव’, ‘सौदागर’, ‘काश’, ‘अंगार’, ‘युद्ध’, ‘1942: ए लव स्टोरी’, ‘ख़लनायक’, ‘रंगीला’, ‘देवदास‘ समेत कई बेहतरीन हिट फ़िल्में दी.

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4- जब जैकी श्रॉफ़ हो गए थे कंगाल

बॉलीवुड में बतौर अभिनेता दौलत और शोहरत कमाने के बाद एक दौर ऐसा भी आया जिसने जैकी श्रॉफ़ से उनका सब कुछ छीन लिया था. दरअसल, साल 2002 में उनकी पत्नी आयशा श्रॉफ़ ने बॉलीवुड फ़िल्म ‘बूम’ प्रोड्यूस की थी, लेकिन फ़िल्म बुरी तरह से फ़्लॉप रही. जैकी और आयशा ने इस फ़िल्म के लिए अपनी सारी कमाई लगा दी थी, जिससे उन्हें करोड़ों का नुक़सान हुआ. कर्ज़ चुकाने के लिए उन्हें अपना घर समेत सबकुछ बेचना पड़ा. जैकी श्रॉफ़ ने एक इंटरव्यू में बताया कि, उन्हें अपना बेड तक बेचना पड़ा था, जिसके बाद उन्हें ज़मीन पर चटाई बिछाकर सोना पड़ता था

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5- पैसों के लिए फ़िल्मों में जो रोल मिला कर लिया

अपना सब कुछ गंवाने के बाद जैकी श्रॉफ़ को काम के लिए दर-दर भटकना भी पड़ा. इस दौरान उन्हें पैसों की इस क़दर ज़रूरत थी कि वो बिना रोल जाने ही फ़िल्म के लिए हां कह देते थे. फ़िल्मों में गेस्ट अपीरियंस से लेकर, बाप, भाई, दादा हर तरह के रोल भी करने पड़े. जिस भी भाषा की फ़िल्म मिलती कर लेते. किसी शो में गेस्ट से लेकर शादियों में गेस्ट बनने तक जग्गू दादा ने लोन चुकाने के लिए सब कुछ किया. आख़िरकार साल 2008 तक उन्होंने लोन चुकाने के बाद ख़ुद का नया घर भी ख़रीद लिया था. 

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