लागा चुनरी में दाग, छुपाऊं कैसे… लागा चुनरी में दाग…
ये गाना शायद रानी मुखर्जी की फ़िल्म, ‘लागा चुनरी में दाग’ में सुना होगा. है न?
लेकिन मेरे ज़हन में ये गाना जिसकी आवाज़ में गूंजता है, वो हैं मन्ना डे. पद्मभूषण, पदमश्री, दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित मन्ना डे की आवाज़ में मस्ती भी थी, दर्द भी था और शान्ति भी थी. उन्होंने शुरुआत की थी 1943 में सुरैय्या के साथ एक गाने से, गाना था, सुर न सजे, क्या गाऊं मैं?
अपने इतने लम्बे करियर में मन्ना डे ने कई गाने गाये, उनमें से कुछ ऐसे थे, जो हमेशा के लिए ज़हन में बस गए:
1. ऐ मेरी ज़ोहरा जबीं
बलराज साहनी और अचला सचदेव पर फ़िल्माया गया ये गाना शायद हर जेनरेशन में पसंद किया गया होगा. ऐसी कोई शादी नहीं होती, जिसमें फिर से जवां हो रहे कपल इस पर ज़रा से ठुमके नहीं लगाते.
2. तू प्यार का सागर है
मुकेश की आवाज़ के साथ, जिस दूसरी आवाज़ ने इस गाने को कमाल बनाया, वो थी मन्ना डे की आवाज़. एक समय में उनकी आवाज़ बलराज साहनी की सिंगिंग आवाज़ बन गयी थी. ये कैसा संयोग है कि इन दोनों कलाकारों की जन्मतिथि एक ही दिन आती है. मन्ना डे ने बलराज साहनी के लिए क़ाबुलीवाला का सुपरहिट, ‘ऐ मेरे प्यारे वतन’ भी गाया था.
3.लागा चुनरी में दाग
राज कपूर पर फ़िल्माया गया था ये गाना. फ़िल्म का नाम ज़्यादा लोगों को याद नहीं, बस ये गाना ज़हन में बस गया. मन्ना डे की आवाज़ ने ऐसा जादू किया कि आज भी सुन कर कंपकंपी से होने लगती है.
4. एक चतुर नार
किशोर कुमार की आवाज़ का लेवल मैच करना बहुत मुश्किल काम है. मन्ना दा ने ये काम बख़ूबी किया. महमूद को दी अपनी आवाज़ में मन्ना डे ने पागलपन मचा दिया था.
5. चढ़ गया पापी बिछुआ
मधुमती का ये गाना, रीमिक्स Era में काफ़ी हिट हुआ था. फ़िल्म में बिच्छू की तरह नाचती वैजंतीमाला के साथ मन्ना डे की आवाज़ की कम्पन कोई संगीत सुनने वाला ही पकड़ सकता है.
6. ये रात भीगी-भीगी
राजकपूर-नर्गिस की फ़िल्म श्री 420 का ये गाना आज भी सबसे रोमांटिक गानों में माना जाता है. मन्ना डे की आवाज़ ने लता दीदी की आवाज़ के साथ प्यार का जादू बिखेर दिया था.
7. दिल का हाल सुने दिल वाला
ये गान कोई कैसे भूल सकता है. मेरे नानाजी के रेडियो पर हर शाम ये गाना बजता था और मैं ज़मीन पर टेबल की नक़ल करते हुए थपकियां मारती. राज कपूर की मासूमियत और मन्ना डे की आवाज़. ये गाना एक समय में हर सीधे-साधे इंसान की ज़ुबान पर हुआ करता था.
8. ज़िंदगी कैसी है पहेली हाय
आनंद का ये गाना आज भी हर इंसान की आवाज़ है, जो मुश्किलों से उबरना चाहता है… जो ज़िन्दगी को समझना चाहता है.. उसकी गुत्थियों को सुलझाना चाहता है.
9. ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे
शोले का ये गाना, दोस्ती का Anthem बन गया था. जय-वीरू की पक्की दोस्ती को फिर से आवाज़ दी, मन्ना डे-किशोर कुमार की जोड़ी ने. इन दोनों ने जिस भी फिल्म में साथ गाया, वो गाना हिट हो गया. शायद किशोर कुमार की मस्ती को Balance करती थी मन्ना डे की दमदार आवाज़.
10. यारी है ईमान मेरा
अंताक्षरी का सबसे रेगुलर गाना था ये यारी ही ईमान मेरा… प्राण के अलग अंदाज़ को बिलकुल अपना बना लिया था मन्ना डे की आवाज़ ने.
सदाबहार गानों और सुपरहिट गायकों की जब भी बात की जाती है, मन्ना डे का नाम कम ही लिया जाता है. जबकि उनके नाम भी उतने ही हिट गाने हैं. कई बार लोगों को पता भी नहीं होता कि वो जिस गाने को अपना फ़ेवरिट बता रहे हैं, वो मन्ना डे का गाया हुआ है.
पदमश्री सम्मानित, मन्ना डे की आवाज़ में एक बार फिर से सुनने को दिल करता है, ‘लागा चुनरी में दाग’.