आम सी शक्ल-सूरत थी, सामान्य सा परिवार और ठीक-ठाक पढ़ाई. उत्तर प्रदेश के एक छोटे-से कस्बे बुढ़ाना में जन्मे इस बच्चे ने कभी नहीं सोचा होगा कि एक दिन वो बॉलीवुड का सबसे दिग्गज एक्टर बन जाएगा.
घर-परिवार खेती-बाड़ी कर गुज़ारा करता था और ख़ुद वो नौकरी के नाम पर दिल्ली में वॉचमैनी कर रहे थे. कुछ था तो इस बच्चे के पास लाजवाब हुनर, जिसके बारे में उसे मालूम तक नहीं था.
ख़ैर, ज़िंदगी में जो कुछ होना होता है, वो तो होकर ही रहता है. हुनर उन्हें खींचते हुए NSD ले गया. वहां उनके अंदर मौजूद एक्टिंंग का बीज पेड़ बना, मगर दुनिया एक लंबे वक़्त तक उनके फल से महरूम ही रही.
करियर की शुरुआत 1999 में आई फ़िल्म ‘सरफरोश’ से की. रोल छोटा सा था, दुनिया ने उसे नोटिस तक नहीं किया. मगर यही रोल उन्हें 13 साल बाद एक बड़ा काम दिलवाने वाला था, इसका अंदाज़ा किसी को नहीं था.
‘सरफरोश’ के छोटे से रोल में उनकी ज़बरदस्त परफ़ॉर्मेंस को देख कर अनुराग कश्यप ने उन्हें ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ का क़िरदार फ़ैज़ल दे दिया. फ़ैज़ल के रोल ने उन्हें घर-घर में पॉपुलर बना दिया. उसके बाद ‘लंच बॉक्स’ से लेकर ‘सेक्रेड गेम्स’ तक उनका जलवा दुनिया ने देखा.
बॉलीवुड के तीनों बड़े ख़ान के साथ इस लड़के ने शानदार काम किया है. इंडस्ट्री का ऐसा कोई दिग्गज नहीं है, जो इस लड़के के साथ स्क्रीन शेयर नहीं करना चाहता होगा.
ज़ाहिर है कि अब तक आप समझ ही गए होंगे कि ये तस्वीर नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी के बचपन की है.
वाकई, नवाज़ ने फ़र्श से अर्श तक का सफ़र अपने टैलेंट के दम पर पूरा किया है.
ये भी पढ़ें: पहचान कौन! 21 की उम्र में घर से भागकर की शादी, गैंग्स ऑफ़ वासेपुर में निभाया अहम क़िरदार