हिंदी सिनेमा में 1950 को “Golden Age” क्यों कहते हैं, इन 7 सुपरहिट फ़िल्मों में है जवाब

Nikita Panwar

(1950s Old Bollywood Superhit Films)– 1950 का समय हमारे लिए काफ़ी अहम था. 1947 में भारत पाकिस्तान से अलग हो चुका था. भारत में उस दौरान कई अलग-अलग बदलाव आ रहे थे. साथ ही हिंदी सिनेमा में भी कई बदलाव देखने को मिले थे. कहा जाता है कि 1950s को बॉलीवुड का “Golden Age” माना जाता है. 1950s के समय हिंदी सिनेमा में राजनीति और सोशल मुद्दों पर बेहतरीन फ़िल्में बना करती थी. जिनका आज के समय में कोई मुक़ाबला नहीं. आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से 1950s की गोल्डन फ़िल्मों के बारे में बताएंगे.

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चलिए जानते हैं कौन-कौनसी फ़िल्में हैं, इस लिस्ट में शामिल(1950s Old Bollywood Superhit Films)-

1- बैजू बावरा 

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ये फ़िल्म 1952 में रिलीज़ हुई थी. इस फ़िल्म के निर्देशक का नाम विजय भट्ट था. जिन्होंने हिंदी सिनेमा में “भरत मिलाप”, “राम राज्य”, “गूंज उठी शहनाई” जैसी कई फ़िल्में बनाई थी. इस फ़िल्म में भारत भूषण और मीना कुमारी ने अहम भूमिका निभाई थी. ये फ़िल्म संगीतकार बैजू बावरा पर बनी म्यूज़िकल रोमांटिक ड्रामा फ़िल्म है. 

2- दो बीघा ज़मीन 

ये फ़िल्म 1953 में रिलीज़ हुई थी. इस फ़िल्म के निर्देशक का नाम बिमल रॉय था. जिन्होंने “देवदास”, “मधुमती”, “बंदिनी” जैसी कई फ़िल्में निर्देशन किया है. इस फ़िल्म में बलराज साहनी, निरूपा रॉय, मीना कुमारी, जगदीप, मुराद जैसे कई क़िरदारों अहम भूमिका निभाई थी.

3- श्री 420  

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ये फ़िल्म 1955 में रिलीज़ हुई थी. इस फ़िल्म के निर्देशक और निर्माता का नाम राज कपूर था. जिन्होंने “आग”, “बरसात”, “आवारा” जैसी कई फ़िल्मों का निर्देशन किया है. श्री 420 1950s की सबसे सुपरहिट और पैसे कमाने वाली फ़िल्म बन चुकी थी. इस फ़िल्म में नरगिस, राज कुमार, ललिता पवार, पृथिवीराज कपूर जैसे कई एक्टर्स ने अहम भूमिका निभाई थी. 

4- देवदास

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ये फ़िल्म 1955 में रिलीज़ हुई थी. इस फ़िल्म के निर्देशक का नाम बिमल रॉय था. जिन्होंने “दो बीघा ज़मीन” और “मधुमती” जैसी कई फ़िल्मों का निर्देशन किया है. इस फ़िल्म में दिलीप कुमार, विजयंथिमा, सुचित्रा सेन जैसे अन्य कलाकारों ने मुख्य भूमिका निभाई थी.

5- दो आंखें बारह हाथ  

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ये फ़िल्म 1957 में रिलीज़ हुई थी. इस फ़िल्म के निर्देशक का नाम वी शांताराम थे. जिन्होंने “पिंजरा”, “नवरंग”, “डॉ कोटनिस की अमर कहानी” जैसी कई फ़िल्मों का निर्देशन किया है. ये फ़िल्म ‘मानवतावादी मनोविज्ञान’ पर आधारित है. इस फ़िल्म में वी शांताराम, संध्या, उल्हास जैसे कई कलाकारों ने भूमिका निभाई थी. फ़ेमस गाना “ऐ मालिक तेरे बन्दे हम” गाना भी इसी फ़िल्म का है.

6- मदर इंडिया  

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ये फ़िल्म 1957 में रिलीज़ हुई थी. इस फ़िल्म के निर्देशक का नाम मेहबूब खान था. जिन्होंने “अंदाज़”, “औरत”, “रोटी” जैसी कई फ़िल्मों का निर्देशन किया है. ये फ़िल्म “औरत 1940” की रीमेक है. इस फ़िल्म में नरगिस, राज कुमार, सुनील दत्त जैसे कई अन्य कलाकारों ने अहम भूमिका निभाई थी. 

7- प्यासा 

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ये फ़िल्म 1957 में रिलीज़ हुई थी. इस फ़िल्म के निर्देशक और निर्माता का नाम गुरु दत्त थे. जिन्होंने “कागज़ का फूल”, “आर पार”, “बाज़” जैसी कई फ़िल्मों का निर्देशन किया है. इस फ़िल्म में गुरु दत्त, माला सिन्हा, वहीदा रहमान जैसे कई अन्य कलाकारों ने अहम भूमिका निभाई थी. इस फ़िल्म का तेलुगु रीमेक भी चुका है. 

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