‘हैरी मेट सेजल’ का ट्रेलर आया था कुछ दिनों पहले. इमतियाज़ अली की फ़िल्म है. हिन्दी फ़िल्मों का उतना शौक नहीं है, पर पहलाज निहलानी नामक प्राणी से अच्छी तरह वाकिफ़ हूं.
पहलाज निहलानी वो जीव हैं, जिन्हें अगर दर्जी का काम दे दिया जाए, तो वो कुर्ते को ब्लाउज़ बना दें. अरे भाई कैंची चलाने की आदत है इन भाई साहब को.
जहां मन करता है, वहीं ‘काट’ देते हैं. पूरे देश को अकेले संस्कारी बनाने के ठेका इन्होंने ही ले रखा है. पर मेहनत की दाद देनी पड़ेगी. पोर्न फ़िल्में जहां एक क्लिक की दूरी पर हैं, वहां ये Intercourse शब्द को सेंसर करने पर तुले हैं.
इस शब्द के कारण ही इमतियाज़ अली की ‘जब हैरी मेट सेजल’ का ट्रेलर लॉन्च नहीं हो पा रहा है. निहलानी ने कहा है कि जब तक ‘Intercourse’ शब्द हटाया नहीं जाता तब तक वे प्रोमो को टीवी चैनल्स पर चलाने की अनुमति नहीं देंगे.
Mirror Now को दिये Interview में सेंसर बोर्ड अध्यक्ष ने कहा,
‘अगर आप पब्लिक वोटिंग कराएं तो आपको असलियत पता चलेगी. वोटिंग करवा लीजिए.’
पहलाज निहलानी ने Intercourse शब्द को मंज़ूरी देने के लिए 1 लाख वोट्स मांगे हैं. Mirror Now ने भी निहलानी के कहे अनुसार ट्विटर पर Polls शुरू करवा दिये.
निहलानी तो मनुष्य ही हैं और हम लिखने वाले और आप पढ़ने वाले भी मनुष्य ही हैं. और जहां तक Biology की क्लास का सवाल है, तो उसमें भी यही बताया गया था कि हम सब Intercourse से ही पैदा होते हैं. अब हम मोर तो हैं नहीं जो आंसुओं से पैदा होंगे?
तो भाई, इस शब्द से इतनी खुजली क्यों मच गई इन महानुभाव को. ख़ैर अगर आप भी इस शब्द को ग़लत नहीं मानते हैं तो Mirror Now के ट्विटर लिंक पर क्लिक करके वोट करें. बाकी निहलानी जी को आपको मिर्ची लगी, तो हम क्या करें?