रक्षा बंधन के मौके पर आर.माधवन ने ट्विटर पर एक तस्वीर साझा की.
‘जब आपका बेटा राखी बांधता है क्योंकि आपकी बहन ने उसे राखी भेजी है. हा हा हा
‘सभी को स्वतंत्रता दिवस, रक्षा बंधन और अवनी अवित्तम की शुभकामनाएं. मैं प्रार्थना करता हूं कि इस दुनिया में सभी के लिए शांति और ख़ुशहाली बरक़रार रहे.’
माधवन के इन पोस्ट्स को लेकर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दिखीं-
एक ट्विटर यूज़र India Against Fascism’ ने ये टिप्पणी की-
विडंबना देखिए, Against Fascism वाले हैंडल से ऐसी बात आई है!
एक ट्विटर यूज़र ने Instagram पर शेयर की गई तस्वीर पर माधवन को घेरने की कोशिश की
इस महिला के प्रश्न का माधवन ने जो जवाब दिया है, वो न सिर्फ़ इस महिला के लिए बल्कि हम सभी के लिए एक सीख है.
‘तुम जैसों से मिलने वाले सम्मान की मुझे कोई परवाह नहीं. उम्मीद करता हूं जल्दी ठीक हो जाओगी. आश्चर्य है अपनी बीमारी में तुम्हें वहीं पर रखी स्वर्ण मंदिर की तस्वीर नहीं दिखी और तुमने ये नहीं पूछा कि क्या मैं सिख बन गया हूं. मुझे दरगाहों से मिली दुआएं भी वहीं हैं और दुनियाभर के धार्मिक स्थानों से मिले आशीर्वाद भी. कुछ तोहफ़ों में और कुछ ख़रीदे हुए. मेरे घर पर हर धर्म के स्टाफ़ हैं और हम एक जगह पर ही प्रार्थना करते हैं. कोई Defense का व्यक्ति भी तुम्हें यही बताएगा. बचपन से मुझे अपनी पहचान को गर्व से संभाले रखने और दूसरे धर्मों और दूसरों के विश्वास का भी सम्मान करना सिखाया गया है. मैं हर धर्म का अपने धर्म जितना ही सम्मान करता हूं. मैं उम्मीद करता हूं कि मेरा बेटा भी यही करे. जब आस-पास कोई मंदिर नहीं था तब मैंने दरगाह, गुरुद्वारे, गिरिजाघर में माथा टेका है. मेरे हिन्दू होने के बावजूद वहां मुझे वही प्यार, वही सम्मान दिया गया. मैं वही सम्मान कैसे न दूं? मेरे अनुभवों और ट्रैवलिंग के आधार मैं ये कह सकता हूं कि प्यार और सम्मान देना ही सच्चा विश्वास है. तुम्हें भी प्यार और शांति.’
माधवन के इस ट्वीट को 8 हज़ार से ज़्यादा Likes और लगभग 2.5 हज़ार Retweets मिल चुके हैं, कुछ प्रतिक्रियाएं-
फ़िल्में हों या आम ज़िन्दगी मैडी हमेशा दिल जीत लेते हैं.