बॉलीवुड में जो भी आता है वो हीरो बनने का सपना लेकर ही आता है. इसमें कितने ही दिग्गज विलेन का नाम शामिल है. जैसे, अमरीश पुरी, शक्ति कपूर, रंजित और गुलशन ग्रोवर ये सभी हीरो बनने का सपना लेकर मुंबई आए थे. मगर क़िस्मत को जो मंज़ूर होता है वही होता है. और शायद ये एक्टर बनकर वो इतिहास नहीं रच पाते जो विलेन बनकर रच दिया. ऐसे ही एक एक्टर और भी हैं, जो आए तो हीरो बनने थे लेकिन पहचान मिली विलेन बनकर. नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा (NSD) से एक्टिंग का कोर्स करने के बाद मुंबई का रुख़ किया और अपनी एक्टिंग और भारी आवाज़ के चलते बड़े पर्दे पर ख़ूब राज किया.
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इन्होंने थियेटर के दिनों के दौरान ही फ़िल्मी पर्दे पर अपनी धमाकेदार एंट्री कर दी थी. हालांकि, ये जितना रील लाइफ़ में सफल रहे उतना ही रियल लाइफ़ में असफल. क्या आप पहचना पाए इस दमदार एक्टर को? दरअसल, ये कोई और नहीं, बल्कि राज बब्बर हैं, जिन्हें इनकी यूनिक आवाज़ और एक्टिंग के लिए जाना जाता है. राज बब्बर ने रोमांटिक और नेगेटिव दोनों ही रोल इतने बख़ूबी निभाए कि कभी भी किसी रोल में एक्स्ट्रा नहीं लगे. रोमांस किया तो इतने दिल से किया कि वो एक्टिंग लगी ही नहीं और जब विलेन बने तो अच्छे-अच्छे उन्हें देखकर कांप गए. राज बब्बर ने अपने हर रोल में जान फूंकी है.
फ़िल्मी पर्दे पर राज बब्बर ने एक से बढ़कर एक ज़बरदस्त फ़िल्में कीं. इन्हीं में से एक थी फ़िल्म ‘भीगी पलकें. इसकी शूटिंग के दौरान, राज बब्बर की मुलाक़ात स्मिता पाटिल से हुई और दोनों एक-दूसरे के नज़दीक आए. हालांकि, राज बब्बर उस समय शादीशुदा थे उनकी शादी नादिरा से हो चुकी थी और दो बच्चे आर्य बब्बर और जूही बब्बर भी थे. मगर स्मिता पाटिल के प्यार चलते राज बब्बर ने नादिरा से तलाक़ ले लिया और स्मिता पाटिल के साथ रहने लगे. कुछ समय बाद दोनों ने शादी कर ली. दोनों का बेटा हुआ, जिनका नाम प्रतीक बब्बर है और वो आज एक एक्टर हैं.
पर कहते हैं न होता वही है जो क़िस्मत को मंज़ूर होता है. इनके इस प्यार का बहुत दुखद अंत हुआ. पहले बच्चे के जन्म के कुछ ही दिन बाद, 13 दिसंबर साल 1986 को स्मिता पाटिल की अचानक मृत्यु हो गई.
स्मिता के जाने से राज बब्बर काफ़ी टूट गए. इस बात का ज़िक्र राज बब्बर ने एक इंटरव्यू के दौरान बता चुके है.
स्मिता पाटिल की मौत के बाद लोगों ने मुझे ग़लत ठहराया था, जिससे मैं पूरी तरह से टूट गया था. उस समय मेरा इमोशनल सपोर्ट सिस्टम रेखा बनी थी क्योंकि रेखा भी उस दौरान उसी जज़्बाती दौर से गुज़र रही थीं. इस वजह से दोनों एक-दूसरे का दर्द अच्छे से समझ पाते थे.
हालांकि, रेखा ने कभी राज बब्बर के साथ अफ़ेयर को नहीं स्वीकार किया था न ही राज बब्बर ने. वो कुछ समय के बाद अपनी पहली पत्नी नादिरा बब्बर के पास वापस चले गए.
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आपको बता दें, राज बब्बर फ़िल्मों के साथ-साथ राजनीति में भी सक्रिय हैं. पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर तीन बार लोक सभा के सदस्य और दो बार राजसभा के सदस्य रह चुके हैं. साल 2016 में फ़िल्म ‘फ़ोर्स 2’ के बाद राज बब्बर ने कोई हिंदी फ़िल्म नहीं की है. इसके अलावा, साल 2022 में पंजाबी फ़िल्म ‘भूत अंकल तुसी ग्रेट हो’ में नज़र आए थे.