पहचान कौन? भारत के पहले सुपरस्टार का दर्जा पाने वाले इस बच्चे ने घमंड के चलते खो दिया था स्टारडम

Kratika Nigam

Rajesh Khanna Childhood Photo: बॉलीवुड में आज सुपरस्टार का दायरा बहुत बदल चुका है. हर किसी स्टार को सुपरस्टार का दर्जा दे दिया जाता है. उन्हें किसी भी शो में सुपरस्टार कहकर ही बुलाया जाता है भले ही उन्होंने अकेले एक भी हिट फ़िल्म न दी हो. मगर गुज़रे ज़माने का सिनेमा ऐसा नहीं था. जो सुपस्टार था उसे ही सुपरस्टार कहा जाता था जैसे, राजेंद्र कुमार को जुबली स्टार का दर्जा दिया गया था क्योंकि उनकी हर फ़िल्म सिल्वर दुबली थी. वैसे ही तस्वीर में दिख रहा ये बच्चा भी था जिसे भारत के पहले सुपरस्टार होने का दर्जा हासिल है. इन्होंने लगातार 17 हिट फ़िल्में दीं और अपने अभिनय से लोगों को अपना दीवाना बना लिया.

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हालांकि, इस बच्चे ने जितनी तेज़ी से सुपरस्टार के टैग को हासिल किया उतनी ही तेज़ी से वो उनसे छिन भी गया. आइए जानते हैं कौन है ये बच्चा?

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ये बच्चा कोई और नहीं बल्कि राजेश खन्ना (Rajesh Khanna Childhood Photo) हैं. इनका जन्म 29 दिसंबर, 1942 को अमृतसर, पंजाब में हुआ था. फ़िल्मों में आने से पहले इनका नाम जतिन चुन्नीलाल खन्ना था, जिसे फ़िल्मों में आने के लिए बदल लिया. राजेश खन्ना ने अपना फ़िल्मी डेब्यू 1965 में फ़िल्म राज़ से किया था. पहली फ़िल्म से ही राजेश खन्ना अपने फ़ैंस के दिलों में बस गए. उन्होंने राजेश खन्ना को प्यार से काका, शहज़ादा, रोमांस के ओरिजनल किंग, भारत का पहला सुपरस्टार जैसे नामों से नवाज़ा. राजेश खन्ना भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे पॉपुलर एक्टर्स में से एक थे.

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1965 में आयोजित United Producers All India Contest में 10,000 उम्मीदवारों को हराकर पहला स्थान हासिल किया. जिसके इनाम के तौर पर उन्हें आख़िरी ख़त और राज़ जैसी फ़िल्में मिलीं.

IMDb के मुताबिक़, राजेश खन्ना ने हिंदी सिनेमा में सिंगल हीरो के तौर पर 163 फ़िल्मों में से 106 फ़िल्में की. सिंगल हीरो के तौर पर राजेश खन्ना ने सबसे ज़्यादा फ़िल्में की थीं. इनके नाम सबसे कम मल्टी-स्टार कास्ट फ़िल्में बनाने का रिकॉर्ड है. राजेश खन्ना को सबसे पहली सफलता उनकी तीन फ़िल्में आख़िरी खत, राज़, औरत के हिट होने के बाद मिली.

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राजेश खन्ना के स्टारडम का अंदाज़ा सभी को तब लगा जब ‘बहारों के सपने’ फ़िल्म की Sad Ending पर फ़ैंस ने ग़ुस्सा जताया. इसके चलते निर्देशक को रिलीज़ के 1 हफ़्ते के बाद कहानी के क्लाइमेक्स को Happy Ending में बदलना पड़ा. हालांकि ‘बहारों के सपने’ कुछ सेंटर्स में औसत रही, लेकिन ज़्यादातर जगहों पर इसे फ़्लॉप क़रार दिया गया था.

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1969 में शक्ति सामंत की फ़िल्म ‘आराधना’ ने राजेश खन्ना को रातोंरात सुपरस्टार बना दिया. इसके बाद, 1969 से लेकर 1971 तक राजेश खन्ना ने 17 हिट फ़िल्में दीं, जो वर्ल्ड रिकॉर्ड है. इनमें 15 सिंगल सुपर-हिट फ़िल्में और 2 दो हीरो वाली फ़िल्में अंदाज़ और मर्यादा शामिल थीं. फ़ैंस ने उन्हें भारत का पहला सुपरस्टार कह डाला. लोगों में उनका क्रेज़ देखने लायक था.

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राजेश खन्ना ने 1969 से 1977 तक सुपरस्टार के टैग भरपूर आनंद उठाया लेकिन बाद में अमिताभ बच्चन की फ़िल्मों में एंट्री होने से उनका ये टैग दो लोगों में बंट गया. वो दौर राजेश खन्ना था इसलिए नाम और शोहरत के साथ उनमें थोड़ा घमंड भी आने लगा जिसका फ़ायदा हुआ अमिताभ बच्चन को. बड़े डायरेक्टर ऋषिकेश मुखर्जी, शक्ति सामंत और मनमोहन देसाई उनकी आदतों के चलते उन्हें फ़िल्म में नहीं लेना चाहते थे. इसके चलते ही धीरे-धीरे उनके हाथ से बड़े बैनर की फ़िल्में जाने लगीं और उन्होंने अपना स्टारडम खो दिया.

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कहते हैं राजेश खन्ना समझ गए थे कि उनकी जगह अमिताभ बच्चन ले चुके हैं उनके एंग्री यंग मैन वाले लुक से वो चिढ़ने लगे थे. राजेश खन्ना ने एक बार ग़ुस्से में अमिताभ बच्चन का अपमान भी कर दिया था जो उनकी सबसे बड़ी भूल मानी जाती है. हालांकि राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन की फ़िल्म ‘आनंद’ आज भी फ़ैंस को याद है.

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ऋषिकेश मुखर्जी की इस फ़िल्म ने फ़ैंस को बाबू मोशाय! जैसा शब्द दिया जो यादगार बन गया. इसके अलावा, फ़िल्म ‘अमर प्रेम’ से पुष्पा I Hate Tears! भी राजेश खन्ना का काफ़ी फ़ेमस जुमला है.

1966 से 1975 तक राजेश खन्ना ने 47 फ़िल्में कीं, जिनमें 36 गोल्डन जुबली हिट (36 में से 21 प्लैटिनम जुबली थीं) और 4 सिल्वर जुबली हिट दी थीं. इन 9 सालों में मात्र 7 फ़िल्में फ़्लॉप हुई थीं. 1976 से 1978 तक राजेश खन्ना ने लीड हीरो के तौर पर 5 बॉक्स ऑफ़िस हिट, 3 गेस्ट अपीयरेंस में हिट फ़िल्में, गेस्ट रोल में 1 फ़्लॉप और मेन लीड के तौर पर उनकी 8 फ़िल्में फ़्लॉप हुईं. इस दौर को राजेश खन्ना का बुरा दौर माना गया.

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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, राजेश खन्ना ने अपने करियर में 180 से ज़्यादा फ़िल्में की थीं. वो 1970 से 1989 तक सबसे ज़्यादा फ़ीस लेने वाले एक्टर थे. 1981 से लेकर 1989 तक राजेश खन्ना एक फ़िल्म के लिए 50 से 70 लाख रुपये फ़ीस चार्ज करने लगे थे.

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राजेश खन्ना का नाम कई उनके ज़माने की एक्ट्रेस अंजू महेंद्रू और मुमताज़ से जुड़ा. मगर उन्होंने एक्ट्रेस डिंपल कपाड़ियां से शादी की जो महज़ 16 साल की थीं. डिंपल उस समय अपने करियर की पीक पर थीं उनकी बॉबी फ़िल्म सुपरहिट हुई थी. पहली ही फ़िल्म के बाद उन्होंने अपने से 15 साल बड़े राजेश खन्ना से शादी कर ली. 9 साल साथ रहने के बाद दोनों अलग हो गए. दोनों की दो बेटियां हैं ट्विंकल खन्ना, जिनके पति अक्षय कुमार हैं और दूसरी बेटी हैं रिंकी खन्ना.

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आपको बता दें, 1991 में राजेश खन्ना राजनीति में शामिल हो गए और फ़िल्म इंडस्ट्री छोड़ दी. वो नई दिल्ली लोक सभा सीट से 5 साल 1991-96 तक कांग्रेस पार्टी के सांसद रहे. बाद में उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया.

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