पहचान कौन? कभी चपरासी की नौकरी, तो कभी किया ढाबे पर काम और आज हैं बॉलीवुड के बेहद उम्दा एक्टर

Kratika Nigam

Sanjay Mishra Childhood Photos: सोशल मीडिया पर इनदिनों बॉलीवुड स्टार्स के बचपन की तस्वीरों का सिलसिला चल रहा है. जिसमें कुछ स्टार को तो पहचानना ही मुश्किल है मगर कुछ तो फिर भी पहचान में आ जाते हैं. इस सिलसिले में अब तक कई सेलेब्स की बचपन की तस्वीर देख चुके होंगे पर पहचान कितनों को पाएं? क्योंकि आज हम जिस सेलेब की तस्वीर लाए हैं उन्हें पहचान पाना ज़रा नहीं बहुत ज़्यादा मुश्किल होने वाला है. इनकी आज की शक्ल और बचपन की शक्ल में ज़मीन आसमान का अंतर है. तस्वीर में आप दिग्गज अभिनेता शत्रुघन सिन्हा के पीछे उन्हें खड़ा देख रहे हैं. मासूम सा दिखने वाला ये बच्चा आज बॉलीवुड में एक अलग सिनेमा को पेश कर अपनी अमिट छाप बना चुका है.

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आइए जानते हैं कि ये बच्चा आख़िर है कौन?

दरअसल, ये बच्चा कोई और नहीं उम्दा अभिनेता संजय मिश्रा (Sanjay Mishra Childhood Photos) हैं. इनका जन्म 6 अक्टूबर 1963 को बिहार के दरभंगा में हुआ था. इनके पिता शम्भुनाथ मिश्रा पेशे से पत्रकार थे और उनके दादा डिस्ट्रीक्ट मजिस्ट्रेट थे. जब वो नौ साल के थे तो उनकी फ़ैमिली वाराणसी शिफ़्ट हो गई थी.

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नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा (NSD) के पूर्व छात्र संजय मिश्रा ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत साल 1995 की फ़िल्म Oh Darling! Yeh Hai India! से की थी. इसके बाद, राजकुमार (1996) और सत्या (1998) जैसी शानदार फ़िल्में की. संजय मिश्रा कॉमेडी हो या संजीदगी दोनों को किरदारों को बख़ूबी निभाते हैं.

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संजय मिश्रा को उनकी दिल छू लेने वाली एक्टिंग के ज़रिये दो फ़िल्मों आंखों देखी (2015) और वध (2022) के लिए 2 बार बेस्ट एक्टर का Filmfare Critics Award मिला था.

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फ़िल्मों में इतना अच्छा काम कर रहे संजय मिश्रा ने एक दिन अचानक से एक्टिंग छोड़ दी और ऋषिकेश चले गए. दरअसल, संजय अपनी पिता की मौत के सदमे से उभर नहीं पाए और सब कुछ छोड़कर ऋषिकेश चले गए. वहां पर शुरुआती दिनों में एक जगह चपरासी का काम किया. इसके बाद, इन्होंने एक ढाबे में ऑमलेट बनाने का काम पकड़ लिया.

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पिता की मौत के बाद संजय मिश्रा पूरी तरह से टूट गए थे. ख़ुद को अकेला महसूस करने लगे थे इसी के चलते वो गुमशुदा भी हो गए थे. न तो वो मुंबई जाना चाहते थे और न ही उनका ऋषिकेश में मन लग रहा था. मगर ऋषिकेश के उस ढाबे में वो अपने मन को लगाने की कोशिश कर रहे थे और उन्होंने लगा भी लिया था. भला हो डायरेक्टर रोहित शेट्टी का जो उन्होंने अपनी फ़िल्म गोलमाल के लिए संजय मिश्रा को चुना. ये फ़िल्म संजय मिश्रा के करियर की टर्निंग पॉइंट फ़िल्म साबित हुई.

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आपको बता दें, संजय मिश्रा अपने करियर में 100 से ज़्यादा फ़िल्में कर चुके हैं. इनकी सभी फ़िल्में बेहतरीन हैं, जिनमें ‘फंस गए रे ओबामा’, ‘मिस टनकपुर हाज़िर हो’, ‘प्रेम रतन धन पायो’, ‘मेरठिया गैंगस्टर्स’, ‘दम लगाके हइशा’ ‘Jolly LLB’, ‘मसान’, ‘बांकेलाल की क्रेज़ी बारात’ और ‘भूल भुलैय्या 2’ जैसी कई ज़बरदस्त फ़िल्में शामिल हैं. बात करें, संजय मिश्रा की आने वाली फ़िल्मों की तो ‘जोगीरा सारा रा रा’ और ‘कोट’ का नाम शामिल है.

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