हर साल बॉलीवुड में हज़ारों फ़िल्में बनती हैं, इनमें से बहुत सी फ़िल्में ऐसी होती हैं जो हिट फ़ार्मूला पर बनाई जाती हैं. हांलाकि, हिट फ़ॉर्मूला पर बनाई गईं ये फ़िल्में हिट होंगी या नहीं, इस बात की कोई गारंटी नहीं है. अगर अब तक आपको ये बात समझ नहीं आई, तो इसे सीधे शब्दों में समझा देते हैं. दरअसल, मामला ऐसा है कि बॉलीवुड में अगर देश भक्ति पर बनाई गई कोई फ़िल्म हिट हो गई, तो इसके बाद धड़ाधड़ Patriotic फ़िल्में बनती चली जायेंगी. भले ही वो अच्छी चलें या नहीं.
Patriotic फ़िल्में सिर्फ़ ट्रेलर मात्र थी, पूरी पिक्चर तो देख लो:
1. सोशल ड्रामा
सोशल ड्रामा पर बनाई गई हर फ़िल्म दर्शकों को पसंद आयेगी ही, इसकी कोई गारंटी नहीं है. ये ‘चीट इंडिया’ देख कर आप समझ ही गये होंगे.
2. Period ड्रामा
‘पद्ममावत’ की सफ़लता देखने के बाद करण जौहर को लगा होगा शायद ‘कलंक’ भी सुर्ख़ियां बटोरेगी, लेकिन अफ़सोस ‘कलंक’ देखने गये दर्शक बीच में ही थियेटर छोड़ कर भागने लगे.
3. सोशल ड्रामा
‘चीट इंडिया’ के अलावा सोशल ड्रामा में ‘बत्ती गुल मीटर चालू’ भी आती है, जिसका प्रमोशन भले ही ज़ोर-शोर से किया हो पर फ़िल्म भी बिल्कुल भी शोर नहीं बटोर पाई.
4. वीएफ़एक्स
बॉलीवुड में कई ऐसी फ़िल्में हैं जिनके VFX कमाल के थे और फ़िल्में सुपरहिट साबित हुईं, पर इस मामले में शाहरुख़ ख़ान की ‘ज़ीरो’ एकदम ज़ीरो निकली.
5. वीएफ़एक्स
दर्शक आज तक ये जानना चाहते हैं कि ‘ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान’ बनाई ही क्यों गई?
6. बायोपिक
आज कल बॉलीवुड में बायोपिक का दौर है और इसलिये ‘बाल ठाकरे’ पर भी बायोपिक बना दी गई, जो कि बॉक्स ऑफ़िस पर अच्छा कलेक्शन करने में असफ़ल रही.
7. Patriotic
‘बेबी’ जैसी सुपरहिट फ़िल्म देने वाले नीरज पांडे की किस्मत ‘Aiyaary’ के मामले में थोड़ी ख़राब निकली.
8. Patriotic
यूं तो देशभक्ति के नाम पर ही लोगों की आत्मा जाग जाती है, लेकिन ‘पलटन’ देखने के बाद दर्शकों की आत्मा बूझी सी नज़र आई.
9. अंडरडॉग स्टोरी
सीक्रेट सुपरस्टार ने लोगों की ख़ूब वाहवाही लूटी थी. ‘फ़न्ने ख़ान’ भी उसी आधार पर बनाई गई थी, पर फ़िल्म बॉक्स ऑफ़िस पर कुछ ख़ास कमाल नहीं कर पाई.
10. स्पाई थ्रिलर
बदलाव के इस दौर में लोगों को एक्शन, थ्रिलर और जासूसों वाली फ़िल्में ख़ूब पसंद आती हैं, लेकिन अफ़सोस ‘Romeo Akbar Walter’ के साथ ऐसा नहीं हो पाया.
11. Sequels
अब बात ऐसी है कि अगर एक फ़िल्म हिट हो जाये, तो जल्द ही उसका दूसरा पार्ट भी बनाया जाता है. पर ‘रेस 3’ देखने के बाद सबने हाथ जोड़ कर बोल दिया कि ‘रेस 4’ मत ले आना.
फ़िल्म तो बनेगी, पर हिट होने की गारंटी नहीं है बाबा.