साउथ की वो 5 ब्लॉकबस्टर फ़िल्में, जो हिट होने के बावजूद हुईं विदेशों में बैन, OTT पर हैं मौजूद

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South Films Which Got Banned In Foreign Countries : फ़िल्में राजनीतिक रूप से गलत स्थितियों की आलोचना करने और वैश्विक स्तर पर भ्रष्ट या असमान सामाजिक प्रथाओं को उजागर करने के लिए एक शक्तिशाली माध्यम के रूप में काम करती हैं. आजकल फ़िल्मों पर सेंसरशिप और नियंत्रण का मुद्दा चर्चा का प्रमुख विषय बन गया है. हाल ही में, मेगा स्टार मामूट्टी (Mammootty) की फ़िल्म ‘काथल: द कोर’ (Kaathal: The Core) को अपने होमोसेक्सुअल कंटेंट के चलते दो अरब देशों में बैन कर दिया गया है.

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हालांकि, इससे पहले भी ऐसी कई साउथ इंडियन फ़िल्में रह चुकी हैं, जो विदेश में बैन हो चुकी हैं. आइए आपको इसके बारे में बताते हैं.

1- बीस्ट

थलपति विजय (Thalpathy Vijay) स्टारर और नेल्सन दिलीप कुमार द्वारा निर्देशित तमिल फिल्म ‘बीस्ट‘ (Beast) 13 अप्रैल, 2022 को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई. इसकी कहानी एक शॉपिंग मॉल में आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए बंधकों को छुड़ाने के मिशन पर एक पूर्व-रॉ एजेंट की है. जहां फ़िल्म ने सिनेमाघरों में व्यावसायिक सफ़लता हासिल की, वहीं इसे कुवैत और क़तर में बैन का सामना करना पड़ा. बैन के पीछे का कारण फ़िल्म में इस्लामी व्यक्तियों को चरमपंथियों के रूप में चित्रित करना था. इस फ़ैसले से विवाद खड़ा हो गया, जिसके कारण इन देशों में फ़िल्म को प्रतिबंधित कर दिया गया. उल्लेखनीय कलाकारों में पूजा हेगड़े, सेल्वाराघवन, शाजी चेन, वीटीवी गणेश और योगी बाबू शामिल थे. बॉक्स ऑफिस पर सफलता के बावजूद, ‘बीस्ट’ को आलोचकों से मिले-जुले निगेटिव रिव्यूज़ मिले.

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2- सीता रामम

दुलक़र सलमान (Dulquer Salman) और मृणाल ठाकुर (Mrunal Thakur) स्टारर पैन इंडियन फ़िल्म ‘सीता रामम’ (Sita Ramam) को तमिल, तेलुगु, मलयालम और हिंदी में रिलीज़ किया गया और ये काफ़ी ब्लॉकबस्टर साबित हुई. हालांकि, इसे संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कुवैत, क़तर, बहरीन और ओमान सहित कई देशों में इसकी रिलीज़ को रोकने के लिए प्रतिबंध का सामना करना पड़ा. इस बैन के पीछे की वजह फ़िल्म के कंटेंट से जुड़ी है. 1960 के दशक में युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित, ‘सीता रामम’ एक पीरियड फ़िल्म है, जो कुछ धार्मिक संवेदनाओं को उजागर करती है. इन विषयों के कारण, उल्लिखित देशों में सेंसर बोर्ड ने फिल्म की रिलीज़ के लिए मंजूरी नहीं दी. मूलतः, फ़िल्म में धार्मिक तत्वों का चित्रण इन क्षेत्रों में प्रतिबंध का कारण बना.

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3- कुरुप

दुलक़र सलमान (Dulquer Salman) और शुभिता धुलिपाला अभिनीत फ़िल्म ‘कुरुप’ (Kurup) एक बायोग्राफ़िकल क्राइम थ्रिलर थी, जो भगोड़े सुकुमारा कुरुप के जीवन पर आधारित थी. श्रीनाथ राजेंद्रन द्वारा निर्देशित और खुद दुलकर सलमान द्वारा निर्मित, ये फ़िल्म कई भाषाओं में रिलीज़ हुई और 2021 में मलयालम सिनेमा में महत्वपूर्ण व्यावसायिक सफ़लता हासिल की. इसकी कहानी भगोड़े सुकुमार कुरुप के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है, और उसके कुवैत भागने को दर्शाती है, जहां वो भाग कर शरण लेता है. हालांकि, अपनी सफलता के बावजूद, फिल्म को देश से भगोड़े के संबंध के चित्रण के कारण कुवैत में प्रतिबंध का सामना करना पड़ा. कुवैत में प्रतिबंध के बावजूद ‘कुरूप’ ने मलयालम सिनेमा पर अच्छा खासा प्रभाव डाला.

4- विश्वरूपम

‘विश्वरूपम’ (Vishwaroopam) में कमल हासन मुख्य भूमिका में हैं और ये फ़िल्म उनके द्वारा निर्देशित भी है. तमिल और हिंदी दोनों भाषाओं में बनी ये फ़िल्म एक जासूसी एक्शन थ्रिलर है. फ़िल्म को विभिन्न मुद्दों का सामना करना पड़ा, जिसमें इसके टाइटल और इस्लाम के चित्रण से संबंधित घरेलू विवादों से लेकर संयुक्त अरब अमीरात और मलेशिया जैसे देशों में अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध तक शामिल थे. संयुक्त अरब अमीरात में, फ़िल्म को इस्लाम को आतंकवाद से जोड़कर दर्शाने के कारण बैन का सामना करना पड़ा. ये विवाद मलेशिया तक फैल गया, जहां मुस्लिम समूहों ने शिकायतें कीं, जिसके कारण फ़िल्म को देश में बैन कर दिया गया. ये मुद्दे संवेदनशील विषयों के चित्रण और कुछ क्षेत्रों में इसके स्वागत पर उनके प्रभाव से संबंधित घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फ़िल्म के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर करते हैं.

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5- FIR

‘FIR: फैज़ल इब्राहिम रायज़’, एक तमिल क्राइम थ्रिलर है, जिसमें विष्णु विशाल मुख्य भूमिका में हैं. ये मनु आनंद के निर्देशन की पहली फ़िल्म है और इसको को-प्रोड्यूस ख़ुद विष्णु विशाल ने किया था. फ़िल्म में गौतम वासुदेव मेनन, मंजिमा मोहन, रेबा मोनिका जॉन और अन्य ने भी प्रमुख भूमिकाएं निभाईं. अपने उल्लेखनीय कलाकारों और क्रिएटिव टीम के बावजूद, फिल्म को कुवैत, मलेशिया और कतर जैसे देशों में बैन का सामना करना पड़ा. इस बैन के पीछे का कारण इन देशों में सेंसर बोर्ड द्वारा मंजूरी न देना था. फ़िल्म के कंटेंट या चित्रण पर चिंताएँ या आपत्तियाँ उठ सकती हैं, जिसके कारण इन विशिष्ट क्षेत्रों में इस पर बैन लगा दिया गया.

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