सुशांत सिंह राजपूत के जाने के बाद से ही देश में क्लिनिकल डिप्रेशन, मानसिक स्वास्थ्य के बारे में फिर से बात होने लगी है.
आम लोगों से लेकर सेलेब्स तक, सभी अपने अनुभव, अपने स्ट्रगल, मेंटल स्ट्रेस से अपनी जद्दोजहद के बारे में बात कर रहे हैं.
सुशांत सिंह राजपूत, खिलाड़ियों के बीच भी चर्चित नाम थे. MS Dhoni की बायोपिक में उन्होंने धोनी का किरदार निभाया था. 2011 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का हिस्सा रहे, एस. श्रीसंत ने सुशांत के जाने पर अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं.
Indian Express की रिपोर्ट के अनुसार, श्रीसंत पर सुशांत के जाने का अच्छा ख़ासा प्रभाव पड़ा. श्रीसंत ने डिप्रेशन से अपनी लड़ाई के बारे में भी बात की.
श्रीसंत ने बताया कि 2013 में जब उनका नाम IPL स्पॉट-फ़िक्सिंग स्कैंडल में आया तब उन्हें आत्महत्या करने के ख़याल आते थे.
एक वक़्त था जब मुझे अंधेरे से डर लगता था. मैं घर से बाहर नहीं निकल पाता था और किसी को घर के अंदर भी आने नहीं देता था, मुझे लगता था कि मेरा या उनका अपहरण हो जायेगा. मैं डिप्रेशन में था.
-एस. श्रीसंत
श्रीसंत ने आगे बताया कि उनके दिमाग़ में ये सब ख़याल थे पर वो चेहरे पर मुस्कुराहट लिये बिना अपने कमरे से नहीं निकल पाते थे क्योंकि उनके माता-पिता वो सहन नहीं कर पाते.
मैं अपने माता-पिता को अपनी कमज़ोरी नहीं दिखाना चाहता था.
-एस. श्रीसंत
श्रीसंत ने कहा कि सुशांत की मृत्यु ने उन पर गहरा प्रभाव छोड़ा है, वो दोनों अच्छे दोस्त थे.
श्रीसंत ने ये भी कहा कि वो ‘Edge’ पर ख़ड़े थे, जहां से वो वापस लौटे.
दुनिया के लिए मैं श्रीसंत और अपने परिवार के लिए गोपु था, पर अपने कमरे में मुझे ही नहीं पता था कि मैं कौन था. मैं तब हॉबीज़ डिस्कवर करने लगा और उन पर सीरियसली काम करना शुरू किया. वो कुछ ऐसा था जिससे मैं लगातार जूझ रहा था, 2013 में. मैं जहां भी जाता था वो था, मेरे परिवार ने मुझे संभाला. मैं अपने परिवार के साथ ही रहता था, मैं जानता था कि मुझे उनकी ज़रूरत है.
-एस. श्रीसंत
श्रीसंत अपने संघर्ष पर किताब लिख रहे हैं.