80 और 90 के दशक में जहां टीवी अपनी एक राह पकड़ रहा था उसी समय टीवी की दुनिया में कुछ नया और कुछ बहुत अलग किया जा रहा था. ये वो दौर था जब टीवी पर औरतों की एक सशक्त छवि को दर्शाया जा रहा था. जब औरतों के वजूद तो छोड़ो औरतें के बारे में कोई नहीं सोचता था उस वक़्त इन धारावाहिकों ने समाज में औरतों की एक सशक्त छवि उजागर की थी.
एक बार फिर से मिल लीजिए, उन दमदार कैरेक्टर से:
1. साया
इसमें मानसी जोशी रॉय ने सुधा नाम की लड़की की मुख्य भूमिका निभाई थी, जिसके एक रूढ़िवादी पिता थे, जो नहीं चाहते कि उनकी बेटी कॉलेज जाए. इसमें अचिंत कौर और काम्या पंजाबी भी अहम किरदार में थे. इसके अलावा इस सीरियल में बॉलीवुड एक्टर आर माधवन भी थे.
2. सांस
नीना गुप्ता इस सीरियल की अभिनेत्री और डायरेक्टर दोनों थीं. ये शो एक एक्स्ट्रा मैरिटल अफ़ेयर के बारे में था. नीना गुप्ता का किरदार बहुत दमदार महिला का था, जो ख़ुद के लिए लड़ती है.
3. हसरतें
अनचाही शादी और फिर एकस्ट्रा मैरिटल अफ़ेयर, ये थी इस सीरियल की कहानी. हिमानी शिवपुरी ने इसमें नकारात्मक भूमिका निभाई थी.
4. शांति
इस सीरियल के बाद मंदिरा बेदी को लोग शांति के नाम से जानने लगे थे. इसमें मंदिरा बेदी ने एक महत्वाकांक्षी पत्रकार की भूमिका निभाई थी, जो दो खलनायकों द्वारा किए गए अपराध का खुलासा करती है.
5. स्वाभिमान
एक महिला का स्वाभिमान इस भारतीय टेलीविजन नाटक का मुख्य सार था, जिसने 500 एपिसोड पूरे कर लिए थे. इसमें स्वेतलाना का किरदार ज़िंदगी के उथल-पुथल से गुज़रता है. वो सभी बाधाओं के सामने अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए संघर्ष करती है. इसे महेश भट्ट ने लिखा था.
6. हिना
सिमोन सिंह ने इस सीरियल में हिना की मुख्य भूमिका निभाई थी. ये एक मुस्लिम परिवार की कहानी थी. इसमें हिना का किरदार शादी के बाद कई मुश्क़िलों से जूझता दिखाया गया था.
7. रजनी
प्रिया तेंदुलकर द्वारा अभिनीत और दूरदर्शन पर बसु चटर्जी द्वारा निर्देशित इस ’बोल्ड’ टीवी धारावाहिक का मुख्य किरदार रजनी का था.
8. उड़ान
कल्याणी सिंह नाम की एक लड़की जो आईपीएस अधिकारी बनना चाहती है. इसे कविता चौधरी ने निर्देशित किया है. ये सीरियल आईपीएस अधिकारी कंचन चौधरी भट्टाचार्य की सच्ची कहानी से प्रभावित था.
9. त्रिष्णा
ये जेन ऑस्टेन के उपन्यास ‘प्राइड एंड प्रेजुडिस’ का रूपांतरण था. ये पांच बहनों की कहानी थी.
10. आरोहण
इस शो में पहली बार एक ऐसी कहानी आई थी, जिसमें महिलाएं नेवी में थीं. 90 के दशक में भारतीय नौसेना में महिलाओं को जॉइन करने की अनुमति नहीं थी. इसलिए ये सीरियल सिर्फ़ 13 एपिसोड तक ही आया था. इसके बाद 1992 में महिलाओं की भारतीय नौसेना में एंट्री शुरू हुई थी.
11. औरत
इसमें मंदिरा बेदी मुख्य भूमिका में थीं, जो वक़ील बनने के लिए घरवालों से शिक्षा के लिए लड़ाई करती है. इस सीरियल में महिलाओं की शिक्षा पर ज़ोर दिया गया था.
12. कोरा-क़ागज़
ये एक महिला की ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव की कहानी थी. इसका आधार ये था कि एक महिला का जन्म एक कोरे क़ागज़ के एक खाली टुकड़े के रूप में होता है, जिस पर बाकी सभी को कुछ भी लिखने का अधिकार होता है.
13. मार्गेरिटा
राजेश्वरी सचदेव ने मार्गेरीटा की भूमिका निभाई थी, जो अपने परिवार की सबसे छोटी बेटी थी. मार्गेरिटा का किरदार जिस लड़के से प्यार करता था, उसे वो पारिवार की परंपरा के अनुसार नहीं अपना सकता था. इसके लिए मार्गेरिटा का प्रेमी पेड्रो उसकी दो बहनों में से एक से शादी करता है ताकि वो उसके क़रीब रह सके.
14. तारा
90 के दशक में आए इस सीरियल में महिलाओं के आज के शहरी रहन-सहन के बारे में दिखाया गया था, जिसमें तीन दोस्त एक साथ एक शहर में रहते थे. तीन अलग-अलग महिलाएं, तीन अलग-अलग कहानियां. उनमें से एक तारा थी जो अपने से बड़े एक विवाहित पुरुष के साथ प्यार में पड़ जाती है.
वैसे तो आज दुनिया बहुत आगे बढ़ गई है, लेकिन इन सीरियल की कमी पूरी नहीं हो सकती है. Entertainment से जुड़े आर्टिकल ScoopwhoopHindi पर पढ़ें.