भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को याद करते हैं तो आंखों के सामने एक सशक्त महिला का चेहरा ही सामने नहीं आता है बल्कि आपातकालीन दौर का भी काला इतिहास याद बनकर आंखों के सामने छा जाता है. इंदिरा गांधी ने अपने आगे किसी को टिकने नहीं दिया फिर चाहे उसके लिए उन्हें देश में रातों-रात आपातकाल लगाना पड़ा हो या एक फ़िल्म को ही बैन क्यों न करना पड़ा हो.
एक फ़िल्म, जी हां इंदिरा गांधी ने 13 फ़रवरी, 1975 में रिलीज़ हुई फ़िल्म ‘आंधी’ पर बैन लगाया था. वजह थी सियासी ख़तरा. आइए, शुरू से करते हैं इस फ़िल्म को लेकर बात.
फ़िल्म ‘आंधी’ वैसे तो कोई नई तरह के फ़िल्म नहीं थी. फ़िल्म की कहानी एक होटल मैनेजर और राजनेता की बेटी के प्यार के बारे में हैं. जो मिलते हैं, बिछड़ जाते हैं और फिर मिल जाते हैं. जो ख़ास था वो था लीड एक्टर के किरदार का रूप जो बहुत हद तक इंदिरा गांधी से मिलता था जिसकी वजह से फ़िल्म को लेकर इतना बवाल हुआ था. लीड रोल फ़िल्म में सुचित्रा सेन निभा रही थी.
हालांकि, फ़िल्म रिलीज़ के वक़्त बैन नहीं हुई थी. फ़िल्म अच्छे से रिलीज़ हुई. लोगों ने जम कर देखी और सराही भी. क्योंकि फ़िल्म में सुचित्रा का किरदार इंदिरा से इतना मिलता-जुलता था कि आने वाले गुजरात चुनावों में विपक्षी दल ने इस की कुछ क्लिप्स को पॉलिटिकल अजेंडे के तौर पर इस्तेमाल किया. इन क्लिप्स में सुचित्रा को सिगरेट और शराब पीते हुए दिखाया गया था. जिसको विपक्षी दल ने ऐसे परोसा की ये इंदिरा की छवि को दाग लगना शुरू हो गया. इंदिरा अपनी कुर्सी को लेकर कोई भी ख़तरा नहीं उठाना चाहती थी इसलिए उन्होंने फ़िल्म बैन कर दी. ख़ैर, जब 1977 में आपातकालीन हटा तो इस फ़िल्म से भी बैन हट गया था.
सालों बाद गुलज़ार ने एक इंटरव्यू में ये बात क़ुबूली थी कि इसका किरदार इंदिरा गांधी से प्रेरित ज़रूर था मगर उसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं था.