अच्छी चीज़ सिर्फ़ एक बार ही बनती है इसलिए इन 15 Iconic फिल्मों को दोबारा नहीं बनना चाहिए

Anuj

आज कल बॉलीवुड में पुरानी फ़िल्मों का रीमेक बनाने का एक चलन चल पड़ा है. भले ही लगातार पुरानी फ़िल्मों का रीमेक बन रहा हो, पर कुछ फ़िल्में ऐसी भी हैं, जिनका रीमेक नहीं बनना चाहिए, ये फ़िल्में ऐसी हैं, जिन्हें लोगों ने अपनी यादों में बसा कर रखा हुआ है. वो नहीं चाहते की कोई दूसरा किरदार उसी अंदाज़ में फ़िल्माया जाए. आज हम आपको कुछ ऐसी ही Iconic फ़िल्मों के नाम बता रहे हैं, जिनका रीमेक बनाने के बारे में किसी निर्माता या निर्देशक को सोचना भी नहीं चाहिए.

1. मदर इंडिया (1957)

नर्गिस और सुनील दत्त की इस सदाबहार फ़िल्म को नेशनल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.

2. मुग़ल-ए-आज़म (1960)

1960 में रिलीज़ हुई फ़िल्म ‘मुग़ल-ए-आज़म’ के. आसिफ द्वारा 18 साल की मेहनत करने के बाद बनाई गई थी. 

3. आनंद (1971)

इस फ़िल्म का ‘बाबूमोशाय’ वाला डायलॉग आज भी उतना ही पॉपुलर है, जितना कि फ़िल्म की रिलीज़ के समय था. राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन ने अपनी एक्टिंग से इस फ़िल्म में ऐसी जान डाली कि इसने यादों के पिटारे में अपना घर बना लिया.  

4. गर्म हवा (1974)

इश्मत चुगतई की कहानी पर बनी ये फ़िल्म अपने समय की सबसे बेहतरीन फ़िल्मों में से एक मानी जाती है. बलराज साहनी और फारुख़ शेख की जोड़ी ने अपने अभिनय से इस फ़िल्म के किरदारों को ज़िंदा कर दिया था.   

5. शोले (1975)

फ़िल्म ‘शोले’ को भारतीय सिनेमा की सबसे बेहतरीन फ़िल्मों में से एक माना जाता है. सलीम-जावेद की जोड़ी द्वारा लिखी गई कहानी को रमेश सिप्पी ने डायरेक्ट किया था.

6. चुपके-चुपके (1975)

इस फ़िल्म में धर्मेन्द्र और अमिताभ बच्चन ने एकसाथ मिल कर काम किया था. उस दौरान इन दोनों की दोस्ती भी काफ़ी अच्छी मानी जाती थी.

7. गोलमाल (1979)

‘गोलमाल’ का नाम भारत की सबसे बेहतरीन कॉमेडी फ़िल्मों में गिना जाता है. इस फ़िल्म में अमोल पालेकर मुख्य किरदार में नज़र आये थे.

8. सदमा (1983)

श्री देवी और कमल हसन की ये फ़िल्म उस दौर में सिनेमा में बदलाव की तरह थी, जिसे देख कर दर्शकों की आंखों में आंसू तक आ गए थे.  

9. मासूम (1983)

इस फ़िल्म के लिए नसीरुद्दीन शाह को बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला था.

10. जाने भी दो यारों (1983)

इस फ़िल्म में जिस तरह से समाज की परेशानियों पर कटाक्ष किया गया था, वो सच में काबिल-ए-तारीफ़ था.

11. मिस्टर इंडिया (1987)

ऐसा कहा जाता है कि इस फ़िल्म के लिए अमिताभ बच्चन निर्माताओं की पहली पसंद थे, लेकिन कुछ कारणों से बिग बी ने इसमें काम करने से मना कर दिया. इसके बावजूद अनिल कपूर अपने मस्ती भरे अंदाज़ और एक्टिंग से फ़िल्म को हिट कराने में कामयाब रहे थे. 

12. अंदाज़ अपना-अपना (1994)

बॉलीवुड की क्लासिक कॉमेडी फ़िल्मों में गिनी जाने वाली ये फ़िल्म साल 1994 में आयी थी, जिसमें सलमान खान और आमिर खान पहली बार एकसाथ नज़र आये थे.

13. दिल चाहता है (2001)

इस फिल्म में आमिर खान और अक्षय खन्ना ने बेहतरीन एक्टिंग की थी. उन दिनों ये फ़िल्म टॉप-10 फ़िल्मों की लिस्ट में शामिल थी.

14. Jab We Met (2007)

ब्रेकअप के बाद शाहिद कपूर और करीना कपूर पहली बार इस इस फ़िल्म में एकसाथ दिखाई दिए थे. इम्तियाज़ अली अपने निर्देशन से इस फ़िल्म को लोगों के दिलों में उतारने में कामयाब रहे थे.  

15. Gangs of Wasseypur (2012)

2012 में आई ये फ़िल्म अपने पार्ट-2 में उतनी ही सफ़ल रही थी, जितना कि पहले पार्ट में. इस फ़िल्म ने नवाज़उद्दीन सिद्दकी के रूप में बॉलीवुड को एक और स्टार दिया.

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