टुनटुन (Tun Tun) नाम सुनते ही चेहरे पर मुस्कान आ जाती हैं क्योंकि इन्होंने हमें अपनी कॉमेडी से ख़ूब हंसाया है. आज भले ही कई फ़ीमेल कॉमेडियन आ चुकी हैं. मगर टुन टुन वो महिला थीं जिन्होंने कॉमेडी को महिलाओं का हुनर बनाया. गुज़रे ज़माने की मशहूर कॉमेडियन टुनटुन एक ऐसी हास्य कलाकार थीं, जिनके लिए ख़ास तौर पर रोल लिखे जाते थे. इन्होंने अपने ज़माने के ज़्यादातर सभी बड़े स्टार्स के साथ काम किया था. इनकी कॉमिक टाइमिंग ने इन्हें ‘बॉलीवुड की पहली फ़ीमेल कॉमेडियन’ का तमगा दिलाया था. मगर सबको हंसाने वाली उमा देवी उर्फ़ टुनटुन जाते-जाते सबको रुला गईं.
इनके आख़िरी दिनों के बारे में जानते हैं जो बहुत ही दर्द और तकलीफ़ में गुज़रे थे.
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उत्तर प्रदेश में 1923 को जन्मीं उमा देवी खत्री उर्फ़ टुन टुन ने दर्शकों को ख़ूब हंसाया लेकिन उनके आख़िरी दिन बहुत दर्द भरे थे. इसकी पुष्टि अभिनेता और निर्माता शशि रंजन ने की. इन्होंने बताया कि कैसे इंडस्ट्री ने उन्हें उनके आख़िरी दिनों में नज़रअदाज़ कर दिया था. शशि रंजन ने एक इंटरव्यू में कहा, उन्होंने अपनी फ़िल्मों में जो भी अभिनय किया वो सब एक सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ किया था.
टुन टुन ने इंडस्ट्री में एक गायिका के रूप में करियर शुरू किया था. फिर बाद में उन्होंने अभिनय की ओर रुख़ किया. टुन टुन ज़्यादातर दिलीप कुमार और गुरु दत्त की कई फ़िल्मों में कॉमिक रिलीफ़ के रूप में दिखाई दीं और 80 के दशक तक काम करना जारी रखा. इसी दौरान, इन्होंने अमिताभ बच्चन-स्टारर ‘नमक हलाल’ में भी काम किया.
Times Of India को दिए इंटरव्यू में शशि रंजन ने टुन टुन के साथ चॉल में रहने के दौरान मुलाक़ात को याद करते हुए कहा,
वो बहुत बीमार थी. उन्होंने उन ‘बुरी परिस्थितियों’ को याद किया जिसमें टुन टुन रह रही थीं. स्थिति इतनी गंभीर थी कि वो अपने लिए खाना भी नहीं जुटा पा रही थीं. मैं उनके साथ एक इंटरव्यू कराने की व्यवस्था करने गया था जिसके लिए उन्हें 25 हज़ार रुपये मिलते. उनकी बातचीत के दौरान, टुन टुन ने बताया कि, वो दवाओं के लिए भी मुश्किल से पैसे जुटा पा रही थीं.
अपने इंटरव्यू के दौरान, शशि रंजन ने कहा,
टुन टुन ने मुझसे इस इंडस्ट्री के नज़रअदाज़ किये जाने वाले व्यवहार के बारे में बहुत कुछ कहा और वो ‘अपनी ग़रीबी पर हंसी और जिस तरह से दुनिया उनके साथ व्यवहार कर रही थी उस पर भी उन्हें हंसी आ रही थीं.’
टुन टुन ने मृत्यु से ठीक पांच साल पहले दिवंगत अभिनेता टॉम ऑल्टर को एक इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने अपनी छड़ी से लेकर अपने करियर तक के बारे में बता की थी. टॉम ने पूछा कि, आपने छड़ी क्यों ली है तो टुन टुन ने कहा,
मुझे एक बार एक लड़के ने छेड़ा था तब से मैंने ये डंडा पकड़ना शुरू किया है क्योंकि हर लड़की को कोई न कोई ऐसा करता है तो उसके लिए. आपने तो कुछ नहीं किया बल्क मुझे हाथ पकड़ कर बैठा दिया.
उन्होंने आगे कहा,
मैं 75 साल की हूं और मैं एक युवा महिला हूं. अगर मैं चाहूं तो मैं अब भी गा सकती हूं. मन्ना डे अब भी गा सकते हैं, लेकिन हमारा समय ख़त्म हो गया है. नए कलाकार आ रहे हैं. अगर आप अब फ़िल्मों और टीवी पर हास्य कलाकारों को देखें, तो ये उनके चमकने का समय है, हमारे पास भी अपना समय था और वो बहुत अच्छा था. समय किसी का इंतज़ार नहीं करता. आज आप एक स्टार हैं, कल कोई और होगा.
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टुन टुन ने 80 साल की उम्र में 23 नवंबर 2003 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया. मगर आज भी वो हर सिने प्रेमी के दिल में ज़िंदा हैं.