अगर आप ख़ुद को सबसे बदक़िस्मत (Unlucky) समझते हैं, तो थोड़ा थमिये. टेलीविज़न (Television) की दुनिया में आपसे भी ज़्यादा बदक़िस्मत लोग हैं. सीरियल में एक न एक किरदार ऐसा होता है, जिसके जीवन में ख़ुशी का नाम-ओ-निशान तक नहीं होता. मानो थोड़ी देर के लिये ख़ुशी मिल भी जाये, तो फ़ौरन दुखों का पहाड़ टूट जाता है. अगर आप टीवी के इन कैरेक्टर्स के बारे में भूल गये हैं, तो चलिये हम आपकी यादें ताज़ा करा देते हैं.
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1. पार्वती (कहानी घर घर की)
टेलीविजन की आदर्श बहू ‘पार्वती’ अपनी पूरी ज़िंदगी परिवार को ख़ुश रखने में निकाल देती है. दुनिया का कोई काम ऐसा नहीं था जिसे ‘पार्वती’ न कर पाये. अफ़सोस की बात ये है कि तमाम बलिदान देने के बाद भी ‘पार्वती’ के दुख कम होने का नाम नहीं लेते.
2. तुलसी विरानी (क्योंकि सास भी कभी बहू थी)
‘तुलसी विरानी’ टेलीविज़न की सबसे चहेती बहू में से एक हैं, जिनके जीवन कहानी में दुख ही दुख लिखे थे. ‘तुलसी’ की शादीशुदा ज़िंदगी सही चल रही थी. तभी पति के अफ़येर का ख़ुलासा हुआ. ‘तुलसी’ ने अपने पति की मौत देखी. इसके बाद उसे दोबारा ज़िंदा होते हुए भी देखा. नौबत यहां तक कि उसने अपने बेटे को मार दिया. जेल गई. अपनों से बिछड़ी और फिर वापस आई. क़सम से इससे ज़्यादा कष्ट किसी को क्या ही मिलेगा.
3. प्रज्ञा (कुमकुम भाग्य)
‘कुमकुम भाग्य’ टीवी का एक लोकप्रिय धारावाहिक है और ‘प्रज्ञा’ पॉपुलर बहू, लेकिन कभी-कभी न ‘प्रज्ञा’ पर बहुत तरस आता है. ‘प्रज्ञा’ बेचारी शादी के बाद से ही दुख झेलती आ रही है. कभी उसने पति की नफ़रत झेली, तो कभी पति की प्रेमिका की शिकार बनी. परिवार की ख़ातिर उसने तमाम यातनाएं झेली, लेकिन फिर भी उसे ससुराल का सुख नसीब नहीं हुआ.
4. अनुराग बासु (कसौटी ज़िंदगी के)
‘अनुराग’ अमीर घराने का एक संस्कारी बेटा होता है, जिसे अपने ही स्वभाव के कारण कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ‘अनुराग’ जिसकी लड़की को चाहता था, उससे उसकी शादी नहीं होती है. परिवार की मर्ज़ी से शादी हुई, तो कलंतरी बीवी ने उसका जीवन नरक बना दिया.
5. ऋत्विक (नागिन)
बताओ ज़रा बेचारे हैंडसम से दिखने वाली ‘ऋत्विक’ की शादी एक ‘नागिन’ से हो जाती है. इसके आगे तो हम क्या ही कहें.
6. सिमर (ससुराल सिमर का)
वो कहते हैं कि इंसान कभी-कभी अपने पैरों पर ख़ुद कुल्हाड़ी मारता है. ‘सिमर’ के साथ भी वैसा ही होता आया. जबसे ‘सिमर’ की शादी तय होती है, उसके सामने दिक्कतों का पहाड़ टूट पड़ता है. ख़ुद को अच्छी बहू साबित करने के चक्कर में बेचारी ‘सिमर’ को इंसान से मक्खी तक पड़ना.
7. गहना (साथ निभाना साथिया 2)
‘गहना देसाई’ परिवार के घर में एक हेल्पर बन कर काम कर रही होती है. इस दौरान उसकी शादी देसाई परिवार के सबसे छोटे बेटे ‘अनंत’ से होती है. हेल्पर से बहू बनी ‘गहना’ शादी के बाद एक पल सुकून का नहीं बिता पाई. अगर किसी दिन थोड़ी बहुत ख़ुशी मिली भी, तो अगले ही पल दुखों की आंधी आ जाती है.
8. बाबूजी (खिचड़ी)
जिस घर में ‘हंसा’ और ‘प्रफुल’ जैसे दो महान प्राणी हों, उस घर के मुखिया की क्या हालत होती होगी. ये तो सिर्फ़ वो ही बता सकता है.
9. अनुपमा (अनुपमा)
एक आम महिला की तरह ‘अनुपमा’ भी परिवार के साथ साधारण जीवन जी रही थी. पर पति के अफ़येर ने उसका दिल तोड़ दिया. फिर बेचारी ने दूसरों की ख़ुशी के लिये पति को तलाक़ दिया, लेकिन तलाक़ के बाद भी ‘अनुपमा’ की ज़िंदगी में संकट के बाद कम नहीं हुए. ऐसा लगता है कि ‘अनुपमा’ की ज़िंदगी में ख़ुशी लिखी ही नहीं है.
10. एसीपी प्रद्युम्न (सीआईडी)
CID के होनहार ऑफ़िसर 20 सालों से देश के लिये काम कर रहे होते हैं, लेकिन बुरी क़िस्मत देखिये उन्हें इतने सालों में एक भी प्रमोशन नहीं मिला. तो आप अपने प्रमोशन का रोना तो मत ही रोना.
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इनके दुख के आगे तो हमें अपना दुख बेहद छोटा लग रहा है.