भंसाली को थप्पड़ मारने वाले ‘हीरो’ ने तैश में कहा, ’जब कोई बात न माने तो दे दना दन करना ही पड़ता है’

Akanksha Thapliyal

“जब कोई तमीज़ से बात न माने, तो दे दना दन करना ही पड़ता है.”

 ये कहना है राजस्थान की करणी सेना के प्रवक्ता, विजेंद्र सिंह कल्याणवत का. कुछ दिनों पहले अपनी फ़िल्म पद्मावती की शूटिंग के लिए जयपुर गए संजय लीला भंसाली और उनके क्रू के साथ मार-पीट करने वाले लोग इसी करणी सेना के थे. इस झड़प का एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें इसी सेना के कुछ लोग सेट और कैमरा तोड़ रहे हैं और संजय लीला भंसाली को गालियां दे रहे हैं.

ScoopWhoop News से बात करते हुए करणी सेना के प्रवक्ता ने उस हीरो से भी बात करवाई, जिसने भंसाली को थप्पड़ मारा था. ये सुनने में थोड़ा अजीब लगे, लेकिन रघुराज को इस वक़्त करणी सेना एक हीरो की तरह प्रेजेंट कर रही है, वो हीरो जिसने भंसाली जैसे बड़े डायरेक्टर को थप्पड़ मारा.

ख़ुद को पढ़ा-लिखा और समझदार इंसान बताने वाला रघुराज कहता है कि वो और उसके साथी सिर्फ़ स्क्रिप्ट का कुछ हिस्सा पढ़ना चाहते थे, लेकिन फिर उन (Crew) लोगों ने कुछ ऐसा किया कि हमें गुस्सा आ गया.

भंसाली को लिख रहे थे चिट्ठी

इन लोगों का अपने बचाव में ये कहना है कि इन्हें पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के बीच लिखे गए कुछ रोमांटिक सीन और गाने से ऐतराज़ था और वो इसे हटवाने के लिए 6 महीने से भंसाली और प्रोडक्शन टीम को चिट्ठियां लिख रहे थे. लेकिन उन्होंने कभी Response नहीं दिया. जब इन्हें पता चल कि ये लोग शूटिंग के लिए जयगढ़ आ रहे हैं, तो वो लोग वहां चले गए.

हम नारे लगाते हुए वहां जा रहे थे, लेकिन तब तक उनकी तरफ़ से किसी ने तीन शॉट फायर कर दिया और बस हमें गुस्सा आ गया. बस हमने दे दना दन कर दिया. थोड़ी देर में पुलिस आ गयी और हम पर लाठी चार्ज करने लगे, तो हमने राज्यभर में प्रोटेस्ट करने की बात कह दी.

बाद में पुलिस ने दोनों गुटों की बातचेत करवाई और करणी सेना वहां से चली गयी.

(जब ये कहा गया कि असल में तो पद्मावती हैं ही नहीं, वो तो फिक्शनल हैं)

महारानी पद्मावती हमारे यहां पूजी जाती हैं और अपनी देवी का हम इस तरह से अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर आप उन्हें इस तरह से प्रस्तुत नहीं कर सकते. हमने मांग की है कि अलाउद्दीन खिलजी बने रणवीर सिंह के साथ पद्मावती बनी दीपिका पादुकोण के कोई रोमांटिक सीन न हों और वो गाना भी हटा लिया जाए, जिसमें दोनों को साथ फ़िल्माया गया है.

कहा जा रहा है कि भंसाली ने करणी सेना की ये डिमांड मां ली है. करणी सेना का दावा है कि पुलिस में भंसाली और उनकी टीम ने इसलिए कंप्लेंट नहीं की क्योंकि पहले गोली उनकी तरफ़ से चली थी, इसलिए उनके खिलाफ़ उपद्रव का कोई मामला नहीं बना.

रघुराज बड़े ज़ोर से कहता है कि ये लोग कुछ भी लिख देंगे? कल को ये भी लिख देंगे कि सीता का हरण नहीं हुआ था, वो रावण के साथ भाग गयी थी.

बॉलीवुड के दिग्गज निर्देशकों में से एक संजय लीला भंसाली पर हमला करने वाला आदमी खुल्ले में ये सब बातें कर रहा है, और उस पर कोई पुलिस केस नहीं है. ये लड़ाई जिस हिस्ट्री और इतिहास के लिए लड़ी जा रही है, उसे बनाने वाले भी हम थे, उसे बिगाड़ने वाले भी हम में से ही कोई होंगे और उसी से इतिहास की एक नई परिभाषा देने वाले भी हमारे ही वंशज होंगे.

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