Taali Actress Krutika Deo Profile: वेब सीरीज़ “ताली- बजाऊंगी नहीं, बजवाऊंगी” (Taali Web Series) 15 अगस्त को OTT प्लेटफ़ॉर्म Jio Cinema रिलीज़ हो चुकी है. ये फ़िल्म ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट “गौरी सावंत” की ज़िंदगी पर आधारित है. इसमें सुष्मिता सेन (Sushmita Sen) ने गौरी का किरदार निभाया है. बचपन के किरदार में एक लड़का नज़र आता है, जिसे सब गणेश या गण्या कहते हैं. दरअसल, वो लड़का नहीं लड़की है, जिनका नाम कृतिका देव (Krutika Deo) है. Krutika Deo ने बहुत उम्दा तरीक़े से इस किरदार को निभाया है. ताली को सोशल मीडिया पर जमकर सराहना मिल रही है.
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आइए जानते हैं कृतिका देव (Krutika Deo) के बारे में कौन हैं और क्या-क्या काम कर चुकी हैं?
‘गणेश’ का किरदार निभाने वाली कृतिका देव को शायद ही कोई पहचान पाएगा कि वो लड़की हैं, लड़का नहीं. इन्होंने अपने किरदार में जान फूंक दी है. 27 साल की कृतिका ने अपना एक्टिंग डेब्यू 19 साल की उम्र में किया था. इन्होंने कई मराठी और बॉलीवुड फ़िल्मों में काम किया है.
कृतिका देव का जन्म 5 मई 1995 में महाराष्ट्र के नासिक में हुआ था. इन्होंने 2012 से 2015 तक पुणे के सर परशुरामभाऊ कॉलेज से साइकोलॉजी में ग्रेजुएशन किया है. पढ़ाई के दौरान ही कृतिका थियेटर में भी एक्टिंग कर रही थीं. कृतिका शादीशुदा हैं. इनके पति का नाम अभिषेक देशमुख है.
कृतिका देव ने साल 2014 में मराठी फ़िल्म ‘एलिस इन हैप्पी जर्नी’ से मराठी इंडस्ट्री में डेब्यू किया था. और साल 2015 में फ़िल्म ‘हवाईज़ादा’ बॉलीवुड में कदम रखा था. इन्होंने 2015 में आई ‘प्राइम टाइम’ और ‘राजवाड़े एंड संस’ में भी काम किया है.
इसके अलावा, साल 2018 में आई माधुरी दीक्षित की पहली मराठी फ़िल्म ‘बकेट लिस्ट’ और कई अन्य फ़िल्मों में काम किया है.
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कृतिका देव ने अर्जुन कपूर, कृति सेनन और संजय दत्त स्टारर ‘पानीपत’ में राधिका बाई की भूमिका निभाई थी. इसके अलावा, उन्होंने ‘योलो- यू ओनली लिव वन्स’, ‘हॉस्टल डेज़’, ‘डेट गॉन रॉन्ग’, ‘उन्नति’, ‘झूम’, ‘प्लीज़ फ़ाइंड अटैच्ड’ सहित कई वेब सीरीज़ में भी काम किया है.
कृतिका देव ने ‘ताली’ में अपनी गणेस की भूमिका को लेकर कहा कि,
इस किरदार के लिए मैंने गौरी सावंत के इंटरव्यूज़, चैट्स और वीडियोज़ देखें. जब भी गौरी अपने बचपन का ज़िक्र करती थीं तो वो छोटे नोट बना लेती थीं क्योंकि उनके बचपन और शुरुआती काम के बारे में ऑनलाइन कुछ उपलब्ध नहीं हैं. मैंने देश के अलग-अलग हिस्सों के ट्रांसजेंडर कम्युनिटी की डॉक्यूमेंट्रीज़ देखीं कि वो कैसे बचपन में फ़ील करते हैं या उनहें अपने लिंग के बारे में कैसे पता चलता है. इस दौरान मुझे सीखने को बहुत मिला.
आगे बताया,
हमने छुपे हुए कैमरों से ट्रेफ़िक सिग्नल में असली में शूट किया. जैसे ही रेड लाइट होती थी. मैं लोगों से गिरगिड़ाकर पैसे मांगती थी. एक आदमी आया, उसने मुझे ₹10 दिए और आशीर्वाद दिया. उस पल को याद करके भी मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं. ये अवास्तविक था. उसने सचमुच सोचा कि मैं भीख मांग रही हूं. ये एक तरह से मेरे अभिनय की तारीफ़ थी, लेकिन साथ ही यह एहसास भी…अजीब था. हमारे डीओपी राघव सर (राघव रामदास) ने सुझाव दिया कि मुझे उस नोट को फ़्रेम करवा लेना चाहिए और उसे एक याद की तरह रखना चाहिए. मैंने अभी तक इसे फ़्रेम नहीं करवाया है, लेकिन मैंने इसे अपने पास रखा है और, तब मुझे एहसास हुआ कि गौरी सावंत और उनके जैसे कई अन्य लोग आज भी ऐसी स्थितियों से गुज़रते हैं. इसके साथ समझौता करना थोड़ा मुश्किल था.
कृतिका ने बताया,
लुक टेस्ट के लिए बुलाए जाने से पहले मैंने एक सेल्फ़-ऑडिशन टेस्ट वीडियो शेयर किया था और दो-तीन लेवल के टेस्ट्स को पास किया था, जिसके बाद उन्हें ताली में युवा गणेश की भूमिका निभाने के लिए अंतिम रूप दिया गया था.
ख़ैर कृतिका ने मेहनत की है जो उनके किरदार और अभिनय ने साफ़-साफ़ झलकती भी रही है.