Benefits Of Teeta Phool: गठिया समेत कई बीमारियों का रामबाण इलाज है तीता फूल, जानिए इसके फ़ायदे

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Benefits of Teeta Phool: हम फूलों को आमतौर पर भगवान के मंदिर में अर्पित करने या फिर चीज़ों को सजाने के लिए इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, कुछ फूल ऐसे भी होते हैं, जिन्हें हम खाने की चीज़ों में इस्तेमाल करते हैं. माना जाता है कि इनमें कई औषधीय गुण होते हैं और ये आपकी सेहत के लिहाज़ से भी काफ़ी फ़ायदेमंद होते हैं.

एक ऐसा ही फूल है, जिसे हम तीता फूल (Teeta Phool) के नाम से भी जानते हैं. इसे ‘रोंगनबनहेका’, ‘कोला बहक’, ‘धपत तीता’, ‘ख़म-छित’ आदि कई नामों से जाना जाता है. इसके साथ ही ये सिर्फ़ सजावट के लिए ही नहीं, बल्कि खाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. ये मुख्य तौर पर पूर्वी राज्यों में उगता है, लेकिन अब इसकी डिमांड पूरे भारत भर में बढ़ गई है.

तो चलिए आपको इस अद्भुत फूल के (Benefits Of Teeta Phool) बारे में बता देते हैं. इसके साथ ही ये सेहत के लिहाज़ से कितना लाभकारी है, इसकी जानकारी भी हम आपको देंगे. 

Teeta Phool

Benefits Of Teeta Phool

क्या होता है तीता फूल?

तीता फूल को अंग्रेज़ी में ‘कड़वा फूल’ भी कहते हैं. असम की संस्कृति इस फूल का ख़ास महत्व है. असम के लोग पुराने समय में अपने भोजन में इसे ज़रूर शामिल करते थे. वो ऐसा इसके औषधीय गुणों की वजह से करते थे. माना जाता था कि इससे कई बीमारी और बदलते मौसम की वजह से फ़ैलने वाले इंफेक्शन दूर हो जाते थे.

असमिया भोजन में तीता फूल का उपयोग कैसे किया जाता है?

पहले के ज़माने में तीता फूल को मसाले के साथ तलने से लेकर सब्जी में डालने तक, लोग इसका अलग-अलग तरह से खाने में उपयोग करते थे. इसको ‘ख़ार‘ बनाने में भी यूज़ किया जाता है, जो आमतौर पर असमिया भोजन का महत्वपूर्ण अंग माना जाता है. इसे लोग ज़्यादातर दोपहर के भोजन में खाते थे ताकि वो इसके ज़्यादा से ज़्यादा लाभ उठा सकें. ऐसा इसलिए भी किया जाता था क्योंकि कड़वा भोजन डिनर के समय लोग अवॉयड करते हैं. असम के कुछ हिस्सों में ये फूल गठिया, खांसी और खून की कमी के इलाज के लिए खाया जाता था. वहीं, अरुणाचल प्रदेश, ,मणिपुर और बांग्लादेश में इस फूल को अलग-अलग तरह से खाया जाता है. कुछ लोग इसे कच्चा खाते हैं, तो कुछ इसे सब्जी या चावल के साथ मिक्स करके खाते हैं. 

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तीता फूल और उसके पेड़ के फ़ायदे 

1. काली खांसी में लाभदायक

इस फूल का पूरा पौधा काली खांसी और पीरियड्स के समय भारी रक्तस्त्राव को रोकने में मदद करता है. इसे खाने से आपको इस समस्या से काफ़ी हद तक निजात मिल जाएगी.

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2. बुखार दूर करता है 

इसके पेड़ के फ़लों और पत्तियों को जलाया जाता है और इसे खाने से सर्दी-जुखाम और फ़ीवर को दूर करने में मदद मिलती है.

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3. पेट के अल्सर के लिए फ़ायदेमंद

इसकी पत्तियों का काढ़ा आपके पेट के अल्सर, आंतों के विकार और मांसपेशियों की मोच को दूर करने के लिए फ़ायदेमंद होता है.

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4. स्किन की बीमारियों को करता है दूर

तीता फूल को चिकन पॉक्स, मुंहासे और दानों को दूर करने के लिए भी चेहरे या स्किन पर लगाया जाता है. इसकी पत्तियों का सूखा पाउडर स्किन इंफेक्शन को दूर करने में मददगार है.

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5. मसूड़ों का खून रोकने में मददगार

इसकी पत्तियों का फ्रेश जूस ट्यूबरक्लोसिस, पायरिया और मसूड़ों के खून को रोकने में मददगार है. 

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6. एलर्जी भी करता है दूर

इस फूल को एंटी-एलर्जी के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. अगर आपको कोई भी एलर्जी है तो इस पेड़ के ऊपरी हिस्से को काटकर उसका घोल बना लीजिए और उसे चावल के साथ इसके ठीक होने तक खाइए. 

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7. अस्थमा अटैक के दौरान भी दिया जाता है

इसकी पत्तियों का धुंआ सिगरेट के रूप में अस्थमा अटैक के दौरान दिया जाता है. ये अस्थमा के मरीजों के लिए रामबाण इलाज है. 

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8. निमोनिया करता है ठीक

मणिपुर में इसे औषधि के रूप में सूखी खांसी और निमोनिया ठीक करने के लिए खाया जाता है.

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9. पीलिया ठीक करने में भी लाभकारी

इसकी जड़ों का पेस्ट पीलिया ठीक करने के लिए भी यूज़ किया जाता है. 

ये तो फ़ायदों की पूरी दुकान है. 

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