एसिडिटी क्यों होती है और क्या है इसका इलाज, हर सवाल का जवाब है यहां

J P Gupta

दिन भर बैठे रहना या फिर कोई गतिविधि न करना और नियमित समय पर भोजन न करने से लोगों को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इन्हीं में से एक है एसिडिटी(Acidity) जिससे बहुत से लोग परेशान रहते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि एसिडिटी की समस्या क्यों होती है और इससे बचने के लिए क्या किया जाए.

एसिडिटी क्या है?

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एसिडिटी एक ऐसी समस्या है जो आज युवाओं को भी परेशान कर रही है. इसमें पेट में एसिड अधिक मात्रा में बनने लगता है जो समय-समय पर खट्टी डकार आदि के रूप में ऊपर की ओर भागता है. इससे लोगों को सीने में जलन होने की शिकायत बढ़ जाती है. आयुर्वेद में इसे पित्त बनना और अम्लपित्त कहते हैं. अधिक मसालेदार, गर्म और तीखा भोजन खाने से एसिडिटी की समस्या होती है. आयुर्वेद के अनुसार, इस बीमारी में पित्त दोष बढ़कर अम्लता उत्पन्न करता है जिसकी वजह से सीने में जलन और खट्टी डकारें आने लगती हैं.

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क्यों होती है एसिडिटी?

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-अधिक मसालेदार और तैलीय भोजन करना.

-काफ़ी लंबे अरसे तक भूखा रहने पर.
-पहले खाए हुए भोजन के बिना पचे ही फिर से भोजन करना.
-अधिक अम्ल/एसिडिक पदार्थों के सेवन करने से.-ज़्यादा नमक खाने से.
-पूरी नींद न लेने से भी ये समस्या उत्पन्न हो जाती है.
-लंबे समय तक दर्द निवारक दवाएं लेने से.
-शराब-धूम्रपान और कैफ़ीन युक्त भोजन करने से.
-खाना खाने के बाद तुरंत सो जाना.

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एसिडिटी के लक्षण

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-सीने में जलन होना जो भोजन करने के बाद तक रहती है. 

-खट्टी डकारें आना. 
-अत्यधिक डकार आना और पेट फूलना. 
-खाना निगलने में दिक्कत होना. 
– सिर और पेट में दर्द 
-बेचैनी होना और हिचकी आना. 
-मतली आना.

एसिडिटी से बचने के घरेलू उपाय  

मुनक्का 

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सूखे हुए अंगूर को मुनक्का कहते हैं. ये ठंडी तासीर वाला मेवा है जो सेहत के लिए बहुत फ़ायदेमंद है. पाचन से जुड़ी कई समस्याओं को ठीक करने के लिए वर्षों से इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. रात में 5 मुनक्का पानी में भिगो दें. इन्हें सुबह उठकर खाली पेट खाएं. एसिडिटी से राहत मिलेगी.

छाछ 

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आयुर्वेद में छाछ को सात्विक आहार कहा गया है. इसे दही से बनाया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है. पेट के लिए छाछ बहुत फ़ायदेमंद है. दिन के समय एक गिलास छाछ पिएं. इससे एसिडिटी की समस्या दूर रहती है. 

गुलकंद 

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गुलकंद को गुलाब की पंखुड़ियों से बनाया जाता है. इसलिए इसे गुलाब की पंखुड़ियों का मुरब्बा भी कहा जाता है. इसमें बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं. एसिडिटी होने पर पानी में आधा चम्मच गुलकंद मिलाएं और इसे पिएं. इससे एसिडिटी लेवल कंट्रोल में रहेगा. 

दूध 

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दूध लगभग 8 हज़ार वर्षों से हमारे भोजन का हिस्सा है. इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, पोटैशियम और फ़ास्फ़ोरस जैसे ज़रूरी पोषक तत्व होते हैं. एसिडिटी होने पर ठंडे दूध में मिश्री घोलकर पिएं. आराम मिलेगा.

मैजिक ड्रिंक 

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पिसी हुई बड़ी इलायची, काली मिर्च, लौंग, सौंफ, हल्दी, तुलसी के पत्ते को पानी में डालकर उबाल लें. कुछ देर पकने के बाद इसे छान लें और ठंडा होने के बाद पिएं. 

दालचीनी 

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दालचीनी एक ख़ास तरह की लकड़ी होती है, जो Cinnamon नाम के पौधे के तने और शाखाओं की अंदरूनी छाल होती है. येऔषधिय गुणों से भरपूर होती है. दालचीनी में प्राकृतिक एंटी एसिडिक गुण होते हैं. इसके सेवन से भी एसिडिटी की समस्या को दूर रखा जा सकता है. 

नोट: अगर ये सभी घरेलू उपाय करने से एसिडिटी की समस्या ख़त्म न हो तो डॉक्टर से संपर्क करने में देर न लगाएं. 

अब एसिडिटी की खैर नहीं.

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