समुराई तलवार ‘कटाना’ से जुड़े वो 10 दिलचस्प फ़ैक्ट्स जो किसी को भी हैरत में डाल सकते हैं

Nripendra

इतिहास के महान योद्धाओं में समुराइयों की भी गिनती होती है. ये जापनी योद्धाओं का एक ख़ास वर्ग था, जिन्हें तलवार बाज़ी में महारथ हासिल थी. बिजली की रफ़्तार से तलवार चलाने वाले समुराई दुश्मन को मिनटों में ख़त्म करने की क़ाबिलियत रखते थे. माना जाता है कि 12वीं शताब्दी में ये एक बड़ी शक्ति बनकर सामने आए और मेइजी पुनर्स्थापन (1868) तक सरकार पर हावी रहे. समुराइयों की शक्ति उनकी तलवार में बसती थी. तलवार बाज़ी ही उनकी पहचान थी. समुराई कुछ चुनिंदा तलवारों का इस्तेमाल करते थे, जिनमें ‘कटाना’ उच्च स्तर की तलवार थी. आइये, इस ख़ास लेख में हम आपको बताते हैं समुराई तलवार कटाना से जुड़े दिलचस्प तथ्य.  

1. एक पारंपरिक तलवार 

handmadesword

समुराई जिस तलवार का सबसे ज़्यादा इस्तेमाल करते थे वो थी कटाना. ये पारंपरिक तरीके से बनाई जाती है. आज भी जापान में लाइसेंस धारी तलवार बनाने वाले कटाना तलवार को बनाते हैं.  

2. कैसे आई कटाना सामने  

britannica

पहले सीधी ब्लेड वाली तलवारों का इस्तेमाल किया जाता था, जो चीन और कोरिया से आयात की जाती थीं. कर्व्ड यानी थोड़ी घुमावदार ब्लेड वाली तलवार तब बननी शुरु हुईं जब समुराइयों ने घोड़े पर बैठकर लड़ाई करनी शुरु की.  

3. समुराइयों की पहचान

aalibabaa

कटाना सिर्फ़ तलवार नहीं थी बल्कि समुराइयों से एकदम गहराई से जुड़ी थी. एक वक़्त ऐसा भी था जब कटाना को रखने का अधिकार सिर्फ़ समुराइयों को था. वहीं, निम्न योद्धा अगर कटाना को लिए पकड़ा जाता था, तो उसे दंड दिया जाता था.  

4. शुद्धिकरण  

samuraiswords

तलवारों का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है. राजा-महाराजाओं के अपने तलवार बनाने के कारख़ाने हुआ करते थे. लेकिन, कटाना का निर्माण कार्य काफ़ी अलग था. इससे बनाने वाला पूरे रीति रिवाज़ों का पालन कर इन्हें बनाता था. इसे बनाने वाले को अपना शुद्धिकरण करना होता था. शुद्धिकरण करने के लिए उपवास, संभोग क्रिया से दूर रहना और मंदिर जाना शामिल था. तलवार बनने तक इन सभी बातों का ध्यान रखा जाता था. 

5. पवित्र रस्सी का इस्तेमाल

visit-kyushu

माना जाता है कि तलवार बनाने वाला निर्माण स्थल को पवित्र रस्सी से घेर देता था. तलवार बनने तक पवित्रता को बनाए रखा जाता था. इसके लिए रोज़ाना तलवार बनाने वाले को झरने के नीचे नहाते हुए मंत्र उच्चारण करना होता था. झरना न होने की स्थिति में ठंडे पानी से भरी बाल्टियां अपने ऊपर पलटनी होती थीं.  

6. तलवार के सभी भाग अहम होते थे 

kidadl

तलवार का अहम भाग तलवार की ब्लेड ही होती है और उसका ही अधिक मूल्य होता है. लेकिन, कटाना से साथ ऐसा नहीं है. कटाना की ब्लेड के साथ-साथ उसके अन्य भाग जैसे हैंड गार्ड और स्कैबर्ड्स यानी म्यान भी अहम होते थे. कई बार कटाना के हैंड गार्ड को इस तरह सज़ाकर बनाया जाता कि ब्लेड के बराबर ही उसका मुल्य होता था. इस तलवार की ख़ासियत इस बात से पता लगाई जा सकती है कि एक डैमेज कटाना सामान्य तलवार से कहीं ज्यादा मूल्यवान होती थी.  

7. ख़ास पॉलिश  

swordsofnorthshire

कटाना को ख़ास बनाने में सही पॉलिशिंग प्रक्रिया से गुज़ारना होता था. इस काम में विभिन्न चीज़ों का इस्तेमाल किया जाता था, जिसमें ख़ास पत्थर भी शामिल थे. 

8. इंसानी मांस पर कटाना की टेस्टिंग  

generalist.academy

कटाना के बनने के बाद इसे टेस्टिंग प्रक्रिया से भी गुज़ार जाता था. जानकर हैरानी होगी कि इसे इंसानी मांस और हड्डियों पर वार करके टेस्ट किया जाता था. इसके लिए अपराधियों के मृत शरीर को एक के ऊपर एक रखकर कटाना चलाई जाती थी. वहीं, कई बार जघन्य अपराध करने वाले ज़िंदे अपराधियों पर भी ये टेस्ट किया जाता था.  

9. पुरानी तलवार ज़्यादी सही मानी गईं

kare11

माना जाता है कि गुणवत्ता के मामले में 1530 से पहले जो कटाना तलवार बनाई गईं वो बाद में बनाई गईं कटाना से कहीं ज़्यादा सही थीं. इसके पीछे का मुख्य कारण आधुनिक नए हथियारों का सामने आना था.  

10. तलवार बनाने की कला धीरे-धीरे ग़ायब हो रही है 

rileyderrick101

आधुनिक तलवार और विभिन्न अलग क्षेत्रों में दिलचस्पी की वजह से पारंपरिक तलवार बनाने की कला धीरे-धीरे ग़ायब होती जा रही है. जापान में बहुत ही कम लोग रहे गए हैं, जो पारंपरिक और पूरी विधि के साथ ऐसी तलवारों का निर्माण करते हैं. इस वजह से तलवार की गुणवत्ता में भी कमी आई है.  

आपको ये भी पसंद आएगा
मुगल सम्राट जहांगीर ने बनवाया था दुनिया का सबसे बड़ा सोने का सिक्का, जानें कितना वजन था और अब कहां हैं
जब नहीं थीं बर्फ़ की मशीनें, उस ज़माने में ड्रिंक्स में कैसे Ice Cubes मिलाते थे राजा-महाराजा?
Old Photos Of Palestine & Israel: 12 तस्वीरों में देखें 90 साल पहले कैसा था इज़रायल और फ़िलिस्तीन
जानिए आज़ादी की लड़ाई में गांधी जी का सहारा बनने वाली ‘लाठी’ उन्हें किसने दी थी और अब वो कहां है
भारत का वो ‘बैंक’ जिसमें थे देश के कई क्रांतिकारियों के अकाउंट, लाला लाजपत राय थे पहले ग्राहक
आज़ादी से पहले के ये 7 आइकॉनिक भारतीय ब्रांड, जो आज भी देश में ‘नंबर वन’ बने हुए हैं