90s Indian Postcard: पोस्टकार्ड ये शब्द सुनते ही हमें 90’s का दौर याद आ जाता है. आज से दो दशक पहले जब हमारे पास इंटरनेट और फ़ोन की सुविधा नहीं थी. तब पोस्टकार्ड ही हमारे लिए संदेश का एकमात्र ज़रिया हुआ करता था. 21वीं सदी के बच्चे अगर ‘पोस्टकार्ड’ के बारे में नहीं जानते हैं तो उन्हें बता दें कि ये मोटे कागज़ या पतले गत्ते से बना एक आयताकार टुकड़ा होता है जिसे संदेश लिखने के लिए प्रयोग किया जाता है, साथ ही इसे बिना किसी लिफ़ाफ़े में बंद किए, डाक द्वारा भेज दिया जाता था. इस दौरान कोई भी आपका संदेश पढ़ सकता था, जो इसका एक कमज़ोर पक्ष था.
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पोस्टकार्ड (Postcard) का आविष्कार सन 1639 में ऑस्ट्रिया में हुआ था. आस्ट्रिया में ये इतना लोकप्रिय हुआ कि इसकी देखा देखी अन्य देशों ने भी इसे अपनाने में देरी नहीं की. इसके बाद सन 1872 में ब्रिटेन ने अपना पहला पोस्टकार्ड जारी किया. वहीं भारत का पहला पोस्टकार्ड 1879 में जारी किया गया था. भारत के पहले पोस्टकार्ड की क़ीमत केवल 3 पैसे रखी गयी थी. इस दौरान साल की पहली 3 तिमाही में ही लगभग 7.5 लाख रुपये के पोस्टकार्ड बेचे गए थे. दुनिया का पहला चित्रित पोस्टकार्ड फ्रांस ने 1889 में जारी किया था जिस पर एफ़िल टॉवर अंकित था.
चलिए अब 90’s की यादों में जाते हैं और एक दूसरे को भेजे कुछ पोस्टकार्ड (90s Indian Postcard) के ज़रिए उस दौर को याद करते हैं-
1- कुछ इस तरह का होता था पोस्टकार्ड.
2- इसमें एक तरफ़ सन्देश, जबकि दूसरी तरफ़ पता लिखते थे.
90s Indian Postcard
3- ब्रिटिशकाल में कुछ इस तरह का होता था पोस्टकार्ड.
4- उदाहरण के तौर पर आप ये ब्रिटिश कालीन पोस्टकार्ड देख सकते हैं.
5- कुछ पोस्टकार्ड ऐसे भी होते थे, जिनमें आप पीछे भी लिख सकते थे.
90s Indian Postcard
6- जिसे ये भाषा समझ आये केवल वही पढ़ सकता है.
7- जयपुर के महाराज के नाम का पोस्टकार्ड.
8- इस पोस्टकार्ड में संदेश और पते की जानकारी दी है.
90s Indian Postcard
9- उर्दू में लिखा एक पोस्टकार्ड.
10- भारत के मशहूर वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा की तस्वीर वाला पोस्टकार्ड.
11- चीफ़ जस्टिस ऑफ़ इंडिया को लिखा गया एक पोस्टकार्ड.
12- गांधी जी की तस्वीर वाले पोस्टकार्ड.
90s Indian Postcard
13- पोस्टकार्ड के इस साइड क्या लिखना है उसकी जानकारी ऊपर दी हुई है.
14- केरल के Kothamangalam के पते वाला एक पोस्टकार्ड.
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15- पोस्टकार्ड को आप आज के दौर का मैसेज भी कह सकते हैं.
पोस्टकार्ड के बाद भारत में अंतर्देशीय पत्र कार्ड का दौर शुरू हुआ था. इसमें आपका सन्देश गुप्त रहता था.