क्यों ये शहर एक दिन के लिए बनाया गया था भारत की राजधानी, UP से जुड़ा है इसका इतिहास

Nikita Panwar

(City Who Was A Capital Of India For One Day)– भारत का इतिहास काफ़ी दिलचस्प और बहुत रहस्यमयी रहा है. ब्रिटिशर्स का भारत पर शासन, भारत-पाक का विभाजन होना और भी ऐसी बहुत सी अहम बातें भारत के इतिहास को दिलचस्प बनाती हैं. इसी के साथ-साथ ये भी सच है कि भारत के दिल कहे जाने वाला दिल्ली हमेशा से देश की राजधानी नहीं थी. जैसे पूर्व मध्यकाल के दौरान कन्नौज भारत का आर्ट सेंटर की राजधानी हुआ करती थी. प्राचीनकाल में हर एक राज्य की अपनी राजधानी हुआ करती थी. ऐसे में ये जानना काफ़ी दिलचस्प रहेगा कि एक दिन के लिए कौनसा शहर भारत की राजधानी रह चुका है.

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चलिए जानते हैं उस शहर के बारे में (City Who Was A Capital Of India For One Day)-  

इलाहाबाद (प्रयागराज) को एक दिन के लिए भारत की राजधानी घोषित किया गया था.

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इलाहाबाद उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित काफ़ी बड़ा शहर है. जो पूरी दुनिया में कुंभ मेले के लिए काफ़ी लोकप्रिय है. ये शहर बस यहीं तक सीमित नहीं है. इस शहर की संस्कृति और धरोहर का उल्लेख आपको हर जगह देखने को मिल जायेगा. बता दें कि, इलाहाबाद एक दिन के लिए 1858 में भारत की राजधानी भी रह चुका है. क्योंकि ईस्ट इंडिया कंपनी ने शहर में ब्रिटिश राजशाही को राष्ट्र का प्रशासन सौंप दिया था. उसी दौरान इलाहाबाद उत्तर प्रदेश की राजधानी भी थी. ईस्ट इंडिया कंपनी ने इलाहाबाद को शिक्षा का केंद्र और न्याय करने का शहर भी बना दिया था. इलाहाबाद विश्वविद्यालय और हाई कोर्ट की स्थापना भी उसी दौरान हुई थी. (City Who Was A Capital Of India For One Day)

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इलाहाबाद का इतिहास 

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इलाहाबाद ऐतिहासिक शहरों में से एक है. जिसका विख्यात पूरे विश्वभर में होता है. इस शहर की स्थापना 1853 में मुगल बादशाह अकबर ने की थी. इस शहर के नाम का मतलब “अल्लाह का शहर” था. धार्मिक तौर पर हिन्दुओं के लिए इलाहाबाद काफ़ी पवित्र माना जाता है. साथ ही इस शहर को बादशाह जहांगीर ने 1599-1604 तक के लिए अपना मुख्यालय बना लिया था. भारत का इतिहास बनाने वाले राजनेता जैसे मोतीलाल नेहरू और जवाहरलाल नेहरू का गृहनगर भी इलाहाबाद ही रह चुका है. (City Who Was A Capital Of India For One Day)       

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