बावली के इतिहास में छिपा है इसका असली मतलब, यहां पढ़िए ‘Baoli’ से जुड़ी ये रोचक बातें

Nikita Panwar

Reason Behind Word Baoli: भारत में बहुत सी सुन्दर और लोकप्रिय जगहें हैं जो विश्व विख्यात हैं. जिनका इतिहास भी काफ़ी ख़ास है. लेकिन उस इतिहास के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं. वहीं अगर भारत की राजधानी की बात करें, तो यहां बहुत से ऐतिहासिक प्रतिमाएं और जगहें हैं. जैसे क़ुतुब मीनार, हुमायूं का मक़बरा, अग्रसेन की बावली आदि. लेकिन कभी आपने ध्यान दिया की दिल्ली में ही नहीं, बल्कि भारत में और भी ऐसी जगहें हैं, जिनके साथ “बावली” शब्द लगा होता है. जैसे अग्रसेन की बावली, गंधक की बावली (दिल्ली), शाही बावली (लखनऊ). लेकिन शायद आप “बावली” का मतलब जानते होंगे. चलिए इस आर्टिकल में आज हम आपको बावली का मतलब और इतिहास बताते हैं.

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चलिए जानते हैं क्या है इस शब्द का मतलब (Reason Behind Word Baoli)-

“बावली” का इतिहास

अगर कभी दिल्ली के फ़ेमस ‘अग्रसेन की बावली’ गए हैं. तो आपने ये ज़रूर ध्यान दिया होगा कि, वो किसी भी मक़बरे और स्मारक से थोड़ा अलग दिखता है. जैसे की हर चीज़ के पीछे कोई न कोई वजह होती है. इसके पीछे भी एक ख़ास वजह है. हम सब जानते हैं कि पानी का महत्व हमारी ज़िंदगी में कितना ज़्यादा है. जिसके पीछे कई विरोध और लड़ाईयां भी हुई हैं.

साथ ही लोग पानी को अलग-अलग हिसाब से जमा करते हैं. साथ ही इतिहास में भी लोग बारिश का पानी, नल का पानी जमा करते थे. जिसकी वजह से देश में कई कुएं और टैंक बनाया गया. इसी के साथ पानी जमा करने की एक और जगह थी, जिसे “बावली” भी कहा जाता था. जैसे कि सब जानते हैं, इतिहास में बनी हुई हर एक प्रतिमा 21वीं सदी के आम लोगों के लिए ख़ज़ाने से कम नहीं है. ये बावली आज भले ही सूख चुकी हैं. लेकिन अब सरकार ने इन्हें टूरिस्ट प्लेस घोषित कर दिया है.

क्या है ‘बावली’ का मतलब

बावली का मतलब जलाशय होता है. राजस्थान और गुजरात में लोग इसे अलग-अलग नाम से जानते हैं. जैसे बावली, बावड़ी, वाव और वावड़ी. अक्सर पहले ये बावली किसी मंदिर और मस्जिद के पास बनाया जाता था. ताकि लोग पूजा या नमाज़ पढ़ने से पहले शुद्ध हो जाएं. साथ ही नहाने और पीने के लिए दो अलग-अलग बावली बनाई जाती थी. जहां बारिशों के मौसम में पानी स्टोर किया जाता था. ताकि आने वाले एक साथ उन्हें कोई दिक्कत और परेशानी न हो.

कुछ बावली पानी जमा करने के लिए बनाई जाती थी और कुछ लोगों को रहने की पनाह देने के लिए बनाई जाती थी.

भारत की कुछ फ़ेमस बावली

1- अग्रसेन की बावली

2- गंधक की बावली

3- शाही बावली (लखनऊ)

4- हिन्दू राव बावली

5- चांद बावड़ी (राजस्थान)

Pic Credit- holidify.com
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