Horlicks: जानें कैसे World War के सैनिकों का एनर्जी बूस्टर बना भारतीयों का फ़ेवरेट हेल्थ ड्रिंक

Nripendra

History of Horlicks in Hindi: शायद ही ऐसा कोई भारतीय हो जिसने Horlicks का नाम न सुनो हो. एक हेल्थ ड्रिंक के रूप में इस्तेमाल होने का वाला ये उत्पाद आपको अमूमन हर घर में मिल जाएगा. बच्चों से लेकर बूढ़ें इसका सेवन करते हैं. इसे दूध के साथ मिलाकर लिया जाता है. वहीं, कंपनी दावा करती है कि इसमें 9 अलग-अलग तरह के पोषक तत्व हैं और इसका सेवन हड्डियों को मज़बूत बनाने से लेकर बच्चों को ध्यान केंद्रित करने व स्वस्थ वजन बनाने में मददगार हो सकता है.


वहीं, बहुत से लोग समझते होंगे कि ये एक देशी प्रोडक्ट है और भारत में ही इसका निर्माण हुआ होगा, तो आपको बता दे हैं कि इसका आविष्कार भारत नहीं बल्कि ब्रिटेन में हुआ था और कभी ये विश्व युद्ध के सैनिकों को दिया जाता था. आइये, इस ख़ास लेख में जानते हैं Horlicks का इतिहास कि ये इसने हर भारतीय घरों में अपनी जगह कैसे बनाई.

आइये, अब विस्तार से पढ़ते (History of Horlicks in Hindi) हैं आर्टिकल   

किसने किया हॉर्लिक्स का निर्माण

wikipedia

History of Horlicks in Hindi: हॉर्लिक्स अब Hindustan Unilever (HUL) का ब्रांड है, इससे पहले ये GlaxoSmithKline plc नामक ब्रिटिश कंपनी का हिस्सा था. भले ये यूके का उत्पाद हो, लेकिन भारत में इसकी बिक्री ज़्यादा होती है. वहीं, इसके निर्माण और भारत में आने की कहानी भी दिलचस्प है. भारतीयों की इस फ़ेवरेट हेल्थ ड्रिंक के निर्माण का श्रेय ब्रिटिश मूल के दो भाइयों (विलियम और जेम्स हॉर्लिक) को जाता है. इन दो भाइयों ने ही इस हेल्थ ड्रिंक का निर्माण किया था.


जेम्स हॉर्लिक एक केमिस्ट थे और ड्राई बेबी फ़ूड बनाने वाली एक कंपनी में काम करते थे. वहीं, 1969 में उनके छोटे भाई विलियम अमेरिका आए थे. इसके बाद 1973 में दोनों भाइयों ने एक कंपनी की शुरुआत की और इसका नाम दिया J&W Horlicks, जो कि Malted milk Drink बनाती थी. साथ ही उन्होंने उत्पाद को ‘डायस्‍टॉइड’ नाम दिया.

प्रोडक्ट को कराया पेटेंट

wikipedia

History of Horlicks in Hindi : वहीं, 5 जून 1883 को दोनों भाइयों ने लिक्विड में घुल जाने की योग्यता के लिए अपने प्रोडक्टर को पेटेंट करवाया और US Patent No. 278,967 हासिल किया. इसी के साथ ये पहला पेटेंट वाला Malted milk Product बन गया.

पहले विश्व युद्ध के दौरान बढ़ी इसकी लोकप्रियता

financialexpress

History of Horlicks in Hindi: बिज़नेस को बढ़ाने के लिए दोनों भाइयों ने 1908 में 28,000 पाउंड की लागत के साथ अपनी पहली फ़ैक्ट्री यूके में लगाई. वहीं, अब दोनों भाइयों का उत्पाद धीरे-धीरे लोकप्रियता हासिल करने लगा. Mountaineers और Polar Explorers इसे अपने साथ ले जाने लगे. वहीं, एक पर्वतारोही (Richard Byrd) ने तो इसे Horlicks Mountain तक नाम दे दिया था.


वहीं, प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इसकी लोकप्रियता काफ़ी बढ़ गई. आम लोगों के साथ-साथ सैनिक भी इसे ज़रूरी सप्लीमेंट की तरह लेने लगे, ताकि शरीर में पोषक तत्व बरक़रार रहें. हालांकि, अब तक इसे पानी में घोलकर ही पिया जाता था.

वहीं, दूसरा विश्व आया, तो इसे Horlicks Tablets को कैंडी की तरह बेचा जाने लगा. वहीं, अमेरिका से लेकर ब्रिटिश सैनिक इसे एनर्जी बूस्टर की तरह लेने लगे.

ये भी पढ़ें: ये हैं 90 के दशक के वो 13 ब्रांड जिन्होंने रिटेल इंडस्ट्री पर सालों तक जमाए रखा अपना सिक्का

जब भारत में हुई इस उत्पाद की एंट्री

vak1969

History of Horlicks in Hindi : Hindustan Unilever की वेबसाइट की मानें, तो 1918 में प्रथम विश्व युद्ध से लौटे ब्रिटिश सैनिकों के साथ एक डायट सप्लीमेंट के रूप में ये भारत आया. 1940 और 1950 के दशक की शुरुआत में भारतीयों ने हॉर्लिक्स को एक फ़ैमिली ड्रिंक के रूप में लिया और 1959 में इसका निर्माण भारत में होने लगा.


हालांकि, उस समय पंजाब, बंगाल और मद्रास के बड़ी रियासतों तक ही सीमति रहा. उस दौरान ये अमीर वर्ग के साथ उच्च मध्यम वर्ग के परिवारों का स्टेट सिंबल बन गया था. वहीं, श्वेत क्रांति क्रांति से पहले भारत में दूध की कमी थी, लेकिन श्वेत क्रांति के बाद भारत दूध उत्पादन में नंबर एक पर पहुंच गया.

अंतरराष्ट्रीय उत्पादों की एंट्री

ebay

1969 में हॉर्लिक्स भाइयों की कंपनी को बीशम ग्रुप ने ख़रीद लिया और बाद में इस कंपनी का नाम स्मिथलाइन बीशम हो गया और बाद में ये कंपनी ग्‍लैक्‍सोस्मिथलाइन ग्रुप यान GSK के नाम से जानी जाती है.


वही, भारत में उदारीकरण के बाद कई इंटरनेशनल न्यूट्रियशन कंपनियां भारत में आई, जिसमें हॉर्लिक्स के साथ बॉर्नविटा और कॉम्प्लान जैसी कंपनियां भी शामिल थीं. वहीं, इसी दौरान स्थानीय कंपनी जगतजीत इंडस्‍ट्रीज़ के माल्‍टोवा और वीवा ब्रांड ने भी अपनी अच्छी पकड़ बना ली थी. कंपीटिशन का अच्छा दौर चल रहा था कि GSK ने माल्‍टोवा और वीवा ब्रांड को ख़रीदकर अपने अधीन कर लिया. 

ये भी पढ़ें: जानिए कहां खो गया टूथपेस्ट ब्रांड ‘बिनाका’, जिसने कमाया था कभी ख़ूब नाम

अलग-अलग फ़्लवेर किये गए लॉन्च

demandsforever

कंपनी ने भारत में हॉर्लिक्‍स का सबसे पहला फ़्लेवर मॉल्ट था. इसके बाद कंपनी ने भारत में हॉर्लिक्‍स का सबसे पहला फ्लेवर मॉल्‍ट था. उसके बाद कंपनी ने वनीला, चॉकलेट, टॉफ़ी, हनी, इलायची व केसर-बादाम जैसे फ़्लेवर लॉन्च किये.

आपको ये भी पसंद आएगा
मुगल सम्राट जहांगीर ने बनवाया था दुनिया का सबसे बड़ा सोने का सिक्का, जानें कितना वजन था और अब कहां हैं
जब नहीं थीं बर्फ़ की मशीनें, उस ज़माने में ड्रिंक्स में कैसे Ice Cubes मिलाते थे राजा-महाराजा?
Old Photos Of Palestine & Israel: 12 तस्वीरों में देखें 90 साल पहले कैसा था इज़रायल और फ़िलिस्तीन
जानिए आज़ादी की लड़ाई में गांधी जी का सहारा बनने वाली ‘लाठी’ उन्हें किसने दी थी और अब वो कहां है
भारत का वो ‘बैंक’ जिसमें थे देश के कई क्रांतिकारियों के अकाउंट, लाला लाजपत राय थे पहले ग्राहक
आज़ादी से पहले के ये 7 आइकॉनिक भारतीय ब्रांड, जो आज भी देश में ‘नंबर वन’ बने हुए हैं