History of Horlicks in Hindi: शायद ही ऐसा कोई भारतीय हो जिसने Horlicks का नाम न सुनो हो. एक हेल्थ ड्रिंक के रूप में इस्तेमाल होने का वाला ये उत्पाद आपको अमूमन हर घर में मिल जाएगा. बच्चों से लेकर बूढ़ें इसका सेवन करते हैं. इसे दूध के साथ मिलाकर लिया जाता है. वहीं, कंपनी दावा करती है कि इसमें 9 अलग-अलग तरह के पोषक तत्व हैं और इसका सेवन हड्डियों को मज़बूत बनाने से लेकर बच्चों को ध्यान केंद्रित करने व स्वस्थ वजन बनाने में मददगार हो सकता है.
आइये, अब विस्तार से पढ़ते (History of Horlicks in Hindi) हैं आर्टिकल
किसने किया हॉर्लिक्स का निर्माण
History of Horlicks in Hindi: हॉर्लिक्स अब Hindustan Unilever (HUL) का ब्रांड है, इससे पहले ये GlaxoSmithKline plc नामक ब्रिटिश कंपनी का हिस्सा था. भले ये यूके का उत्पाद हो, लेकिन भारत में इसकी बिक्री ज़्यादा होती है. वहीं, इसके निर्माण और भारत में आने की कहानी भी दिलचस्प है. भारतीयों की इस फ़ेवरेट हेल्थ ड्रिंक के निर्माण का श्रेय ब्रिटिश मूल के दो भाइयों (विलियम और जेम्स हॉर्लिक) को जाता है. इन दो भाइयों ने ही इस हेल्थ ड्रिंक का निर्माण किया था.
प्रोडक्ट को कराया पेटेंट
History of Horlicks in Hindi : वहीं, 5 जून 1883 को दोनों भाइयों ने लिक्विड में घुल जाने की योग्यता के लिए अपने प्रोडक्टर को पेटेंट करवाया और US Patent No. 278,967 हासिल किया. इसी के साथ ये पहला पेटेंट वाला Malted milk Product बन गया.
पहले विश्व युद्ध के दौरान बढ़ी इसकी लोकप्रियता
History of Horlicks in Hindi: बिज़नेस को बढ़ाने के लिए दोनों भाइयों ने 1908 में 28,000 पाउंड की लागत के साथ अपनी पहली फ़ैक्ट्री यूके में लगाई. वहीं, अब दोनों भाइयों का उत्पाद धीरे-धीरे लोकप्रियता हासिल करने लगा. Mountaineers और Polar Explorers इसे अपने साथ ले जाने लगे. वहीं, एक पर्वतारोही (Richard Byrd) ने तो इसे Horlicks Mountain तक नाम दे दिया था.
जब भारत में हुई इस उत्पाद की एंट्री
History of Horlicks in Hindi : Hindustan Unilever की वेबसाइट की मानें, तो 1918 में प्रथम विश्व युद्ध से लौटे ब्रिटिश सैनिकों के साथ एक डायट सप्लीमेंट के रूप में ये भारत आया. 1940 और 1950 के दशक की शुरुआत में भारतीयों ने हॉर्लिक्स को एक फ़ैमिली ड्रिंक के रूप में लिया और 1959 में इसका निर्माण भारत में होने लगा.
अंतरराष्ट्रीय उत्पादों की एंट्री
1969 में हॉर्लिक्स भाइयों की कंपनी को बीशम ग्रुप ने ख़रीद लिया और बाद में इस कंपनी का नाम स्मिथलाइन बीशम हो गया और बाद में ये कंपनी ग्लैक्सोस्मिथलाइन ग्रुप यान GSK के नाम से जानी जाती है.
अलग-अलग फ़्लवेर किये गए लॉन्च
कंपनी ने भारत में हॉर्लिक्स का सबसे पहला फ़्लेवर मॉल्ट था. इसके बाद कंपनी ने भारत में हॉर्लिक्स का सबसे पहला फ्लेवर मॉल्ट था. उसके बाद कंपनी ने वनीला, चॉकलेट, टॉफ़ी, हनी, इलायची व केसर-बादाम जैसे फ़्लेवर लॉन्च किये.