Cooler की घास को आम मत समझो, भारत से है हज़ारों साल पुराना रिश्ता, मुग़ल भी करते थे इसका इस्तेमाल

Nripendra

History of Khus which Used in Cooler: मध्यवर्गीय भारतीय परिवारों में एक चीज़ आपको ज़रूर दिख जाएगी, वो है कूलर. हालांकि, आजकल कई फै़ैंसी कूलर मार्केट में आ गए हैं, लेकिन डेज़र्ट कूलर का महत्व फिर भी कम नहीं हुआ. वैसे क्या आप जानते हैं इस डेज़र्ट कूलर में कौन-सी घास लगाई जाती है? अगर नहीं, तो हम आपको बता दें कि इसमें खसखस की खास का प्रयोग किया जाता है, जिसे अंग्रेज़ी में Vetiver कहा जाता है.

हालांकि, बहुत लोग इसे आम घास ही समझते हैं, लेकिन बता दें कि भारत से इसका हज़ारों साल पुराना रिश्ता है. वहीं, इसका इस्तेमाल मुग़ल काल के दौरान भी किया जाता था.

आइये, अब विस्तार से पढ़ते हैं कूलर की घास के इतिहास के बारे में.

परफ़्यूम में किया जाता है इस्तेमाल

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History of Khus which Used in Cooler: डेज़र्ट कूलर में खसखस की खास का इस्तेमाल किया जाता है. ये वो ही घास है जिसका इस्तेमाल लग्ज़री परफ़्यूम में एक खास़ तत्व की तरह किया जाता है. दरअसल, ये एक सुगंधित घास होती है, इसलिए इसका उपयोग परफ़्यूम में किया जाता है. इस घास की सुगंध इतनी ख़ास होती है कि ये अपने आप में ही एक परफ़्यूम है. 

भारत से है गहरा रिश्ता 

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अपनी सुगंधित विशेषता की वजह से इसका इस्तेमाल सालों से किया जा रहा है. ऐसा कहा जाता है कि भारत से इसका रिश्ता हज़ारों साल पुराना है. भारत इस सुंगधित घास का निर्यात लंबे समय से करते आया है. एक ग्रीक नाविक द्वारा पहली शताब्दी में लिखी गई एक किताब Periplus of the Erythraean Sea में इस बात ज़िक्र मिलता है कि भारत खसखस की घास को बाहर भेज रहा था. 

वहीं, संगम साहित्य में इस घास का उल्लेख ‘ओमलीगई’ के रूप में किया गया है, जिसका इस्तेमाल स्नान के समय किया जाता था.  

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मुग़ल भी करते थे इसका इस्तेमाल

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History of Khus which Used in Cooler: वहीं, इस ख़ास और सुगंधित घास का इस्तेमाल मुग़ल भी किया करते थे. माना जाता है कि मुग़लों के समय ख़ास विभाग हुआ करते थे, जहां ख़ान-पान और विलासिता वाली चीज़ों को सुंगधित करने के लिए ख़ास सुगंध तैयार की जाती थी. 

वहीं, उत्तर प्रदेश का कन्नौज शहर जिसे इत्र नगरी के नाम से जाना जाता है, वो भी इत्र की विशेषता के साथ मुग़लों के समय ही उभरा. यहां सुगंधित फूलों के साथ खसखस की भी खेती की जाती थी. ये भी माना जाता है कि मुग़ल काल के दौरान इत्र के निर्माण ने ऊंचाइयां प्राप्त की.

अकबर पर लिखी गई ‘आइन-ए-अकबरी’ किताब के लेखक अबुल फज़ल ने किताब में लिखा था कि बादशाह अकबर ने कमरों में ठंडक बनाए रखने के लिए खस के परदों का निर्माण करवाया था.

सुगंधित घास का इस्तेमाल कूलर में भी होना लगा

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History of Khus which Used in Cooler: लग्ज़री इतिहास तय करते हुए खसखस की सुगंधित घास का इस्तेमाल 90 के दशक में डेज़र्ट कूलर में किया जाने लगा. उस समय एयर कंडीशन की क़ीमत बहुत ज़्यादा हुआ करती थी, जहां तक मध्य वर्गीय परिवारों की पहुंच न के बराबर थी. ऐसे में सस्ता डेज़र्ट कूलर घर को ठंडा करने का काम करता था. ये डेज़र्ट कूलर लोहे का बना होता है और इसमें मोटर पंप, फ़ैन और खसखस की घास लगी होती है. इस गीली घास से गर्म हवा ठंडी होकर अंदर कमरे में पहुंचती है. आज भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.  

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