तकनीकी विकास ने आधुनिक विश्व की काया पलट करने का काम किया है. इसकी बदौलत ही आज घर हो या ऑफ़िस, ज़रूरी कामों को आसान बनाने में मदद मिली है. तकनीकी विकास की प्रकिया इतिहास से शुरू हुई और निरंतर इस पर काम जारी है. इसी विकास की देन है Teleprompter. एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जिसका इस्तेमाल न्यूज़ रूम से लेकर बड़ी-बड़ी सभाओं में नेता तक करते हैं. इस लेख में हम जानेंगे कि टेलीप्रॉम्पटर का इतिहास क्या है और ये कैसे काम करता है? इसके अलावा, इससे जुड़ी और भी दिलचस्प चीज़ों के बारे में इस लेख में बताया जाएगा.
आइये, अब विस्तार से जानते हैं क्या है टेलीप्रॉम्पटर और क्या है History of Teleprompter.
क्या है टेलीप्रॉम्पटर?
आपने न्यूज़ रूम में एंकर को एक सांस में ख़बरें पढ़ते ज़रूर देखा होगा या कुछ नेताओं को लंबी-लंबी स्पीच देते ज़रूर सुना होगा. ये सब टेलीप्रॉम्पटर की मदद से संभव हो पाता है. ये एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसकी स्क्रीन या डिस्प्ले पर बोली जाने वाली स्पीच या वाक्य चलते रहते हैं और व्यक्ति उन्हें देखकर बोलता रहता है. इसका इस्तेमाल इसलिए किया जाता है कि वक़्ता अपनी स्पीच या न्यूज़ बोलने के बीच कहीं रुके नहीं. इस डिवाइस को Autocue के नाम से भी जाना जाता है. ये अलग-अलग प्रकार के होते हैं जिनके बारे में हम आगे लेख में हम आपको बताएंगे.
टेलीप्रॉम्पटर का आविष्कार और इतिहास – Invention of Teleprompter & History of Teleprompter.
टेलीप्रॉम्पटर को एक महत्वपूर्ण इनवेंशन बोला जाता है क्योंकि इस एक मात्र डिवाइस ने वक़्ताओं की बिना रुके लंबे-लंबे भाषण देने की आज़ादी देने का काम किया. जानकारी के अनुसार, टेलीप्रॉम्पटर का आविष्कार (History of Teleprompter) Hubert Schlafly नाम के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर ने किया था. दरअसल, ये एक व्यक्ति का काम नहीं था. इसका श्रेय एक पूरी टीम को जाता है. इसमें Hubert Schlafly के साथ Fred Barton, Jr और Irving Berlin Kahn नाम के दो और व्यक्ति शामिल थे. जानकारी के अनुसार, इन तीनों ने 1950 में TelePrompTer Corporation का गठन किया था.
इनमें Barton एक एक्टर थे जिन्होंने Teleprompter का कॉनसेप्ट दिया था कि एक ऐसा माध्यम हो जो एक्टर्स को लंबे-लंबे डायलॉग बोलने में मदद करे. इसके बाद Hubert Schlafly ने 1950 में पहला टेलीप्रॉम्पटर (History of Teleprompter) बनाया था. ये एक साधारण मैकेनिकल डिवाइस थी जो एक छुपे हुए टेक्नीशियन द्वारा ऑपरेट की जाती थी. इसे कैमरे के पास रखा जाता था ताकि डायलॉग बोलते समय ये लगे कि एक्टर बिना देखे बोल रहा है. तो कुछ इस तरह Teleprompter की शुरुआत हुई. माना जाता है कि Hubert Schlafly द्वारा डिज़ाइन किए गए Teleprompter का इस्तेमाल Herbert Hoover नाम के अमेरिकी नेता ने 1952 में शिकागो में हुए Republican National Convention के दौरान किया था. वहीं, Dwight Eisenhower पहले ऐसे अमेरीकी राष्ट्रपति थे जिन्होंने Teleprompter का इस्तेमाल किया था.
वहीं, इसके बाद Jess Oppenheimer नाम के अमेरिकी रेडिया व टेलीविज़न राइटर ने पहला In-the-Lens Teleprompter का निर्माण किया. वहीं, 1982 में Courtney M. Goodin and Laurence B. Abrams द्वारा कंप्यूटर बेस्ड टेलीप्रॉम्पटर का निर्माण किया गया था. वहीं, ये डिवाइस जल्द ही न्यूज़ रूम का हिस्सा भी बन गई थी. तो कुछ इस तरह होकर गुज़रता है टेलीप्रॉम्पटर का इतिहास. आगे जानिए ये कैसे काम करता है.
कैसे काम करता है Teleprompter?
जैसा कि हमने बताया कि टेलीप्रॉम्पटर एक डिस्प्ले डिवाइस होती है जो न्यूज़ एंकर से लेकर नेता को स्क्रिप्ट पढ़ने में मदद करती है. न्यूज़ रूम यानी जहां न्यूज़ एंकर ख़बरे पढ़ती हैं वहां ठीक सामने कैमरे के नीचे या पास में टेलीप्रॉम्पटर सेट किया जाता है, जिसपर पहले से ही फ़ीड की गई स्क्रिप्ट डिस्पले होती है. वहीं, न्यूज़ एंकर के पास एक कंट्रोलर होता है, जिसकी मदद से वो स्क्रीन पर स्क्रिप्ट को स्कॉल डाउन या अप करती है.
नेताओं के अलग होते हैं टेलीप्रॉम्पटर
वहीं, नेताओं या इस्तेमाल होने वाले टेलीप्रॉम्पटर न्यूज़ रूप वाले टेलीप्रॉम्पटर से अलग होते हैं. इन्हें Presidential Teleprompter कहा जाता है. इसमें LCD मॉनिटर नीचे की तरफ होता है और इसका फ़ोकस ऊपर की तरफ होता है. वहीं, नेता या स्पीकर के सामने या आसपास ग्लास लगे होते हैं और LCD मॉनिटर को कुछ इस तरह सेट किया जाता है कि उनपर चलने वाली स्क्रिप्ट ग्लास पर रिफ़्लेक्ट हो.
कितनी होती है क़ीमत
चूंकी Teleprompter अलग-अलग तरह के होते हैं, तो इनकी क़ीमत में अंतर देखा जा सकता है. जानकारी के अनुसार, इनकी क़ीमत 2.7 लाख से लेकर 17 लाख तक हो सकती है. वहीं, इसकी क़ीमत साइज़ और ब्रांड पर भी निर्भर करती है. उम्मीद करते हैं कि History of Teleprompter और उसके विषय में अन्य जानकारी आपको अच्छी लगी होगी.